उत्तरकाशी: मोरी तहसील के मोल्डी में राहत एवं बचाव कार्य में लगा निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस हादसे में पायलट कैप्टन रंजीव लाल, इंजीनियर शैलेश कुमार और हेरिटेज कंपनी के स्थानीय प्रबंधक राजपाल राणा (27) की मौत हो गई. राजपाल 13 दिनों बाद अपनी हेली कंपनी के मालिक बनने वाले थे, जिसके लिए वो पिछले सात सालों के मेहनत कर रहे थे, लेकिन शायद किस्मत को ये मंजूर नहीं था.
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खरसाली गांव निवासी राजपाल यमुनोत्री धाम में 3 सितंबर से कैलाश एविएशन के नाम से अपनी नई कंपनी की शुरूआत करने वाले थे. जिसके लिए उन्होंने दो हेलीकॉप्टर भी लीज पर ले लिए थे. अपनी हेली कंपनी शुरू करने के लिए राजपाल पिछले सात सालों से मेहनत कर रहे थे. राजपाल की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है.
गुप्ता बंधुओं से थे संबंध
राजपाल राणा के करीबी और यमुनोत्री धाम के पुरोहित पवन उनियाल ने ईटीवी भारत को बताया कि राणा बीते 6 सालों से हेरिटेज कंपनी के साथ जुड़े हुए थे. गुप्ता बंधुओं के साथ भी राजपला के घरेलू संबंध थे.
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उनियाल ने बताया कि राजपाल के पिता की मौत काफी पहले हो गई थी. तब राजपाल होटल में काम किया करते थे. राजपाल के परिवार में उनकी मां और छोटा भाई है. राजपाल रियल स्टेट के कारोबार से भी जुड़े हुए थे.
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बाते दें कि उत्तरकाशी के मोरी तहसील में आराकोट और त्यूणी इलाके में रविवार को बादल फट गया था. जिससे क्षेत्र में भारी तबाही हुई थी. सरकार ने आपदाग्रस्त क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य के लिए तीन हेलीकॉप्टर लगाए थे. जिसमें से एक हेलीकॉप्टर बुधवार को मोल्डी में क्रैश हो गया था. इस हादसे में पायलट, इंजीनियर और हेली के कंपनी के स्थानीय प्रबंधक की मौत हो गई थी.