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IMPACT: मृत बच्चे की जिम्मेदारी CMO को सौंपने का मामला, सुपरवाइजर की सैलरी रोकने का आदेश - Order to stop supervisor salary

मृत बच्चे की जिमेदारी सीमओ को सौंपने के मामले में लापरवाही बरतने वाले सुपरवाइजर की सैलरी रोकने के आदेश जारी किये हैं.

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मृत बच्चे की जिमेदारी CMO को सौंपने के मामले में एक्शन
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Published : Oct 23, 2020, 9:39 PM IST

रुद्रपुर: उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय में एक बार फिर से ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. मृत बच्चे की जिम्मेदारी सीएमओ को सौंपने की खबर के प्रकाशित होने के बाद अब विभाग ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सुपरवाइजर की सैलरी रोकने के आदेश जारी किये हैं.

मृत बच्चे की जिमेदारी CMO को सौंपने के मामले में एक्शन
बता दें कि कुछ दिन पहले ईटीवी भारत ने बाल विकास विभाग द्वारा मृत बच्ची को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को गोद देने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद बाल विकास विभाग में हड़कंप मच गया था. मामले का जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद अब जिले के डीपीओ ने संबंधित क्षेत्र की सुपरवाइजर का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं.

पढ़ें- उत्तराखंड की सड़कें होगी गड्ढा मुक्त, केंद्र देगा 500 करोड़

विभाग ने अति कुपोषित और कुपोषित बच्चों को अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाने की लिस्ट 9 अक्टूबर को जारी कर दी थी. मगर, विभाग की ओर से बड़ी लापरवाही सामने आई थी. विभाग ने जिले के सीएमओ को एक ऐसी बच्ची की जिम्मेदारी सौंप दी थी जिसकी मौत हो चुकी थी. बावजूद इसके मानसी का नाम लिस्ट में शामिल था, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी सीएमओ को दी गई थी.

रुद्रपुर: उधम सिंह नगर जिला मुख्यालय में एक बार फिर से ईटीवी भारत की खबर का असर हुआ है. मृत बच्चे की जिम्मेदारी सीएमओ को सौंपने की खबर के प्रकाशित होने के बाद अब विभाग ने इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सुपरवाइजर की सैलरी रोकने के आदेश जारी किये हैं.

मृत बच्चे की जिमेदारी CMO को सौंपने के मामले में एक्शन
बता दें कि कुछ दिन पहले ईटीवी भारत ने बाल विकास विभाग द्वारा मृत बच्ची को मुख्य चिकित्सा अधिकारी को गोद देने की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद बाल विकास विभाग में हड़कंप मच गया था. मामले का जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे. जिसके बाद अब जिले के डीपीओ ने संबंधित क्षेत्र की सुपरवाइजर का वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए हैं.

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विभाग ने अति कुपोषित और कुपोषित बच्चों को अधिकारियों द्वारा गोद लिए जाने की लिस्ट 9 अक्टूबर को जारी कर दी थी. मगर, विभाग की ओर से बड़ी लापरवाही सामने आई थी. विभाग ने जिले के सीएमओ को एक ऐसी बच्ची की जिम्मेदारी सौंप दी थी जिसकी मौत हो चुकी थी. बावजूद इसके मानसी का नाम लिस्ट में शामिल था, जिसकी देखरेख की जिम्मेदारी सीएमओ को दी गई थी.

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