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HC के आदेश के बाद हरकत में आया वन महकमा, पेड़ों से हटाई विज्ञापन सामग्री - पेड़ों पर विज्ञापन सामग्री

नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश के बाद वन विभाग की टीम ने कार्रवाई करते हुए पेड़ों पर लगे पोस्टर, बैनर और दुकानदारों के द्वारा लगाए गए कील हटवाए. साथ ही लोक संपत्ति के तहत पेड़ों को क्षति पहुंचाने पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा.

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Published : Sep 7, 2019, 7:59 PM IST

सितारगंजः नैनीताल HC के आदेश के बाद वन महकमा हरकत में आ गया है. इसी कड़ी में वन विभाग की टीम ने नगर के मुख्य बाजार समेत अन्य जगहों से पेड़ों पर लगी विज्ञापन सामग्रियों को हटाने का काम कर रही है. साथ ही वन विभाग की टीम ने दुकानदारों और स्थानीय लोगों को पेड़ों को क्षति ना पहुंचाने की सख्त हिदायत दी है.

पेड़ों से विज्ञापन सामग्री हटाती वन विभाग की टीम.

बता दें कि नैनीताल HC में याचिकाकर्ता अमित खोलिया ने एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि पेड़ों में कील, पोस्टर आदि लगाया जा रहा है. जिससे पेड़ सूख रहे हैं. वहीं, याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने वन विभाग को पेड़ों पर लगाए गए पोस्टर, बैनर, कील आदि हटाने के निर्देश दिए थे.

ये भी पढे़ंः उत्तराखंड में गहराता जा रहा जल संकट, तेजी से सूख रहे प्राकृतिक स्रोत, आखिर कैसे होगा समाधान ?

नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश में बताया गया है कि उत्तराखंड प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट-2003, लोक संपत्ति के विरूपण को निषिद्ध करने के लिए सृजित किया गया है. जिसके अंतर्गत लोक संपत्ति की किसी भी प्रकार से सुंदरता को बिगड़ना, छेड़छाड़, क्षति पहुंचाना, बदसूरत करना आदि शामिल है.

इस अधिनियम के धारा-2 (सी) के अंतर्गत लोक संपत्ति में पेड़ भी शामिल हैं और धारा-4 के तहत लोक संपत्ति का विरूपण संज्ञेय अपराध माना है. सभी शासकीय विभागों, निगमों, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत आदि संस्थाओं और उनके संबंधित अधिकारियों से पेड़ों को किसी भी प्रकार हानि और क्षति न पहुंचाने के निर्देश दिए थे.

ये भी पढे़ंः उत्तरकाशी आपदाः नुकसान का जायजा लेने पहुंची सचिवालय टीम, तैयार करेगी रिपोर्ट

इतना ही नहीं पेड़ों को क्षति पहुंचाने से रोकने और उनके संरक्षण समेत पौधरोपण के कर्तव्यों का कठोरता से पालन करने के निर्देश दिए थे. साथ ही पेड़ों को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था. वहीं, इस आदेश के बाद वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए पेड़ों पर लगे बैनर, पोस्टर, कील आदि हटवानी शुरू कर दी है.

सितारगंजः नैनीताल HC के आदेश के बाद वन महकमा हरकत में आ गया है. इसी कड़ी में वन विभाग की टीम ने नगर के मुख्य बाजार समेत अन्य जगहों से पेड़ों पर लगी विज्ञापन सामग्रियों को हटाने का काम कर रही है. साथ ही वन विभाग की टीम ने दुकानदारों और स्थानीय लोगों को पेड़ों को क्षति ना पहुंचाने की सख्त हिदायत दी है.

पेड़ों से विज्ञापन सामग्री हटाती वन विभाग की टीम.

बता दें कि नैनीताल HC में याचिकाकर्ता अमित खोलिया ने एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि पेड़ों में कील, पोस्टर आदि लगाया जा रहा है. जिससे पेड़ सूख रहे हैं. वहीं, याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने वन विभाग को पेड़ों पर लगाए गए पोस्टर, बैनर, कील आदि हटाने के निर्देश दिए थे.

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नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश में बताया गया है कि उत्तराखंड प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट-2003, लोक संपत्ति के विरूपण को निषिद्ध करने के लिए सृजित किया गया है. जिसके अंतर्गत लोक संपत्ति की किसी भी प्रकार से सुंदरता को बिगड़ना, छेड़छाड़, क्षति पहुंचाना, बदसूरत करना आदि शामिल है.

इस अधिनियम के धारा-2 (सी) के अंतर्गत लोक संपत्ति में पेड़ भी शामिल हैं और धारा-4 के तहत लोक संपत्ति का विरूपण संज्ञेय अपराध माना है. सभी शासकीय विभागों, निगमों, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत आदि संस्थाओं और उनके संबंधित अधिकारियों से पेड़ों को किसी भी प्रकार हानि और क्षति न पहुंचाने के निर्देश दिए थे.

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इतना ही नहीं पेड़ों को क्षति पहुंचाने से रोकने और उनके संरक्षण समेत पौधरोपण के कर्तव्यों का कठोरता से पालन करने के निर्देश दिए थे. साथ ही पेड़ों को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था. वहीं, इस आदेश के बाद वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए पेड़ों पर लगे बैनर, पोस्टर, कील आदि हटवानी शुरू कर दी है.

Intro:मा0 उच्च न्यायालय के आदेश पर वन विभाग आया हरकत में।

Body:एंकर-जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद लोक संपत्ति सुरक्षा के आदेश। हाईकोर्ट के आदेश पर वन विभाग ने की कार्यवाही शुरू।

Conclusion:वीओ-सितारगंज माननीय उच्च न्यायालय में अमित खोलिया द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर कार्यवाही करते हुए वन विभाग ने नगर के बाजार में एवं अन्य जगहों पर पेड़ों पर लगाये गए पोस्टर,बैनर तथा दुकानदारों द्वारा लगाए कील तिरपाल हटवाए। अपने आदेश में मा0 उच्च न्यायालय ने लिखा है उत्तराखंड प्रिबेंसन आफ डिफेसमेन्ट आफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 2003 लोक सम्पत्ति के विरूपण को निषिद्ध करने के लिए सृजित किया गया है जिसके अंतर्गत लोक संपत्ति की किसी भी प्रकार से सुंदरता को बिगड़ना छेड़छाड़ आदि लोक संपत्ति को किसी प्रकार से क्षति पहुंचाना, बदसूरत करना आदि सम्मलित है उक्त अधिनियम के धारा 2 (सी) के अंतर्गत लोक संपत्ति में वृक्ष भी सम्मलित है तथा धारा 4 के अंतर्गत लोक संपत्ति का विरूपण संज्ञेय अपराध है। जिसके आधार पर कहा गया है कि वृक्षो को किसी भी प्रकार हानि/क्षति पहुंचाने पर चिता व्यक्त करते हुए सभी शासकीय विभागों/निगमों/नगर निगम/नगर पालिका,नगर पंचायत एवं जिला पंचायत आदि संस्थाओ व उनके संबंधित अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे कठोरता से वृक्षों को विरूपित करने व क्षति पहुंचाने को रोकने उनके संरक्षण तथा वृक्षारोपण के अपने कर्तव्यों का कठोरता से पालन करें तथा वृक्षों को किसी भी प्रकार से क्षति पहुंचाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध विधि के अंतर्गत उलब्ध कठोर कार्यवाही करें। प्रकरण मा0 उच्च न्यायालय से होने के कारण आख्या तत्काल इस कार्यालय को उलब्ध कराने को कहा गया है। जिसपर वन विभाग ने कार्यवाही शुरू करते हुए आज वृक्षों पर लगे बैनर पोस्टर कील इत्यादि हटवानी शुरू कर दी है।

बाइट-जितेंद्र डिमरी रेंजर बाराकोली रेंज सितारगंज
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