सितारगंजः नैनीताल HC के आदेश के बाद वन महकमा हरकत में आ गया है. इसी कड़ी में वन विभाग की टीम ने नगर के मुख्य बाजार समेत अन्य जगहों से पेड़ों पर लगी विज्ञापन सामग्रियों को हटाने का काम कर रही है. साथ ही वन विभाग की टीम ने दुकानदारों और स्थानीय लोगों को पेड़ों को क्षति ना पहुंचाने की सख्त हिदायत दी है.
बता दें कि नैनीताल HC में याचिकाकर्ता अमित खोलिया ने एक याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि पेड़ों में कील, पोस्टर आदि लगाया जा रहा है. जिससे पेड़ सूख रहे हैं. वहीं, याचिका पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने वन विभाग को पेड़ों पर लगाए गए पोस्टर, बैनर, कील आदि हटाने के निर्देश दिए थे.
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नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश में बताया गया है कि उत्तराखंड प्रिवेंशन ऑफ डिफेसमेंट ऑफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट-2003, लोक संपत्ति के विरूपण को निषिद्ध करने के लिए सृजित किया गया है. जिसके अंतर्गत लोक संपत्ति की किसी भी प्रकार से सुंदरता को बिगड़ना, छेड़छाड़, क्षति पहुंचाना, बदसूरत करना आदि शामिल है.
इस अधिनियम के धारा-2 (सी) के अंतर्गत लोक संपत्ति में पेड़ भी शामिल हैं और धारा-4 के तहत लोक संपत्ति का विरूपण संज्ञेय अपराध माना है. सभी शासकीय विभागों, निगमों, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत आदि संस्थाओं और उनके संबंधित अधिकारियों से पेड़ों को किसी भी प्रकार हानि और क्षति न पहुंचाने के निर्देश दिए थे.
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इतना ही नहीं पेड़ों को क्षति पहुंचाने से रोकने और उनके संरक्षण समेत पौधरोपण के कर्तव्यों का कठोरता से पालन करने के निर्देश दिए थे. साथ ही पेड़ों को किसी भी प्रकार से नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था. वहीं, इस आदेश के बाद वन विभाग ने कार्रवाई करते हुए पेड़ों पर लगे बैनर, पोस्टर, कील आदि हटवानी शुरू कर दी है.