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यहां स्वास्थ्य सेवाएं हैं 'बीमार', दर्द की दवा तलाश रहे पहाड़ के अस्पताल

बौराड़ी के सरकारी अस्पताल में बीते कई दिनों से एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है.

टिहरी में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं.
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Published : Apr 3, 2019, 11:39 AM IST

टिहरी: बेशक सरकारें पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था को पटरी पर लाने के तमाम दावे करें, लेकिन हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. सरकार ने पहाड़ों में अस्पताल के नाम पर भवन तो खड़े कर दिए है. लेकिन उनमें सुविधाएं उपलब्ध कराने में असमर्थ नजर आ रही है. ताजा मामला बौराड़ी के सरकारी अस्पताल का है, जहां पिछले कई दिनों से एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है. ऐसे में मरीजों को प्राइवेट एक्स-रे सेंटर का रुख करना पड़ रहा है.

टिहरी में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं.

पढ़ें-दिनेश अग्रवाल ने PM मोदी पर लगाया जनता का ध्यान भटकाने का आरोप

स्थानीय जनता को सस्ता और सुलभ इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने बौराड़ी के सरकारी अस्पताल को पीपी मोड पर दिया था, बावजूद उसके यहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. ऐसे में जिले के लाखों ग्रामीणों की सेहत का जिम्मा सभाल रहा बौराड़ी का सरकारी अस्पताल खुद ही बीमार है.

जिले के दूरस्थ गांव कंडीसौड़ से घंटों का सफर तय करने के बाद बैराड़ी के सरकारी अस्पताल में एक्स-रे कराने के पहुंची सावित्री को डॉक्टरों ने ये कहकर वापस भेज दिया कि एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है. जिसके बाद उन्हें मजबूर होकर प्राइवेट एक्स-रे सेंटर का रुख करना पड़ा. वहीं, आए-दिन बौराड़ी में सैकड़ों की तादाद में अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को भी सुविधाओं के अभाव में भारी परेशानियों का करना पड़ रहा है.

पढ़ें-सरकारी स्कूलों में बच्चों को लाने के लिए घर-घर जा रहे शिक्षक, पैरेंट्स को बता रहे उपलब्धियां

वहीं, इस मामले में बीजेपी नेता खेम सिंह चौहान का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों के सरकारी अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बन कर रह गए है. स्थानीय लोगों को इलाज के लिए आज भी देहरादून और ऋषिकेश जाना पड़ता है. उनका कहना है कि अगर जल्द ही अस्पताल के हालत नहीं सुधरे तो वे अस्पताल को पीपीपी मोड में दिए जाने के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.

टिहरी: बेशक सरकारें पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था को पटरी पर लाने के तमाम दावे करें, लेकिन हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. सरकार ने पहाड़ों में अस्पताल के नाम पर भवन तो खड़े कर दिए है. लेकिन उनमें सुविधाएं उपलब्ध कराने में असमर्थ नजर आ रही है. ताजा मामला बौराड़ी के सरकारी अस्पताल का है, जहां पिछले कई दिनों से एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है. ऐसे में मरीजों को प्राइवेट एक्स-रे सेंटर का रुख करना पड़ रहा है.

टिहरी में बदहाल स्वास्थ्य सुविधाएं.

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स्थानीय जनता को सस्ता और सुलभ इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने बौराड़ी के सरकारी अस्पताल को पीपी मोड पर दिया था, बावजूद उसके यहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. ऐसे में जिले के लाखों ग्रामीणों की सेहत का जिम्मा सभाल रहा बौराड़ी का सरकारी अस्पताल खुद ही बीमार है.

जिले के दूरस्थ गांव कंडीसौड़ से घंटों का सफर तय करने के बाद बैराड़ी के सरकारी अस्पताल में एक्स-रे कराने के पहुंची सावित्री को डॉक्टरों ने ये कहकर वापस भेज दिया कि एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है. जिसके बाद उन्हें मजबूर होकर प्राइवेट एक्स-रे सेंटर का रुख करना पड़ा. वहीं, आए-दिन बौराड़ी में सैकड़ों की तादाद में अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को भी सुविधाओं के अभाव में भारी परेशानियों का करना पड़ रहा है.

पढ़ें-सरकारी स्कूलों में बच्चों को लाने के लिए घर-घर जा रहे शिक्षक, पैरेंट्स को बता रहे उपलब्धियां

वहीं, इस मामले में बीजेपी नेता खेम सिंह चौहान का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों के सरकारी अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बन कर रह गए है. स्थानीय लोगों को इलाज के लिए आज भी देहरादून और ऋषिकेश जाना पड़ता है. उनका कहना है कि अगर जल्द ही अस्पताल के हालत नहीं सुधरे तो वे अस्पताल को पीपीपी मोड में दिए जाने के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.

Intro:ब्रेकिंग

जिला अस्पताल बौराड़ी में मरीजों का नही हो पा रहा है एक्स रे, मरीजो को बाहर से करवाना पड़ा है एक्स रे,


Body:आज टिहरी जिले के दूरस्थ गांव कंडीसोड से सावित्री नाम की महिला जिसकी उम्र 45 साल के करीब थी जिसे छाती से संबंधित बीमारी के इलाज के लिए जिला अस्पताल बोराड़ी डॉक्टर को दिखाने के लिए आई थी लेकिन जिला अस्पताल बौराड़ी में एक्स-रे मशीन बंद होने के कारण एक्स रे नहीं हो रहा था जिस कारण सावित्री को नजदीकी प्राइवेट एक्स-रे सेंटर में जाकर एक्स-रे करवाना पड़ा
सावित्री देवी ने कहा कि वह सुबह घर से चले थे और 10 बजे यहां पहुंचे जब यहां के डॉक्टरों को दिखाया गया तो डॉक्टर ने एक्स रे करवाने के लिए बोला जिसके बाद वह अस्पताल में एक्सरे रूम में गए जहाँ पता चला कि एक्स रे की फ़िल्म नही है और मशीन भी खराब हो गई है जिस कारण हमें बाहर से एक्स रे करना पड़ा



Conclusion:जिला अस्पताल बौराड़ी को पीपी मोड पर दिये जाने के बाद भी यहां के हालात सुधरने के नाम नहीं ले रही है जिस कारण यहां पर इलाज करने आ रहे मरीजों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वही भाजपा नेता खेम सिंह चौहान ने बताया कि यहां अस्पताल से रेफर सेंटर बन के रह गया है जिसमें ना तो एक्स-रे है ना डॉक्टर है ना किसी तरह की सुविधाएं जबकि इस अस्पताल को इसलिए पीपी मोड में दिया गया था कि यहां पर मरीजों का इलाज अच्छे से होगा परंतु यहां पर इलाज सही से ना होने के कारण मरीजों को देहरादून ऋषिकेश की ओर जाना पड़ा है अगर यही हाल रहा तो लोगों को मजबूरन होकर पीपी मोड के खिलाफ सड़कों पर उतरना पड़ेगा

बाइट सावित्रीदेवी
बाइट खेम सिंह चौहान भाजपा नेता
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