टिहरी: बेशक सरकारें पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सा व्यवस्था को पटरी पर लाने के तमाम दावे करें, लेकिन हालात बहुत अच्छे नहीं हैं. सरकार ने पहाड़ों में अस्पताल के नाम पर भवन तो खड़े कर दिए है. लेकिन उनमें सुविधाएं उपलब्ध कराने में असमर्थ नजर आ रही है. ताजा मामला बौराड़ी के सरकारी अस्पताल का है, जहां पिछले कई दिनों से एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है. ऐसे में मरीजों को प्राइवेट एक्स-रे सेंटर का रुख करना पड़ रहा है.
पढ़ें-दिनेश अग्रवाल ने PM मोदी पर लगाया जनता का ध्यान भटकाने का आरोप
स्थानीय जनता को सस्ता और सुलभ इलाज मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने बौराड़ी के सरकारी अस्पताल को पीपी मोड पर दिया था, बावजूद उसके यहां की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ. ऐसे में जिले के लाखों ग्रामीणों की सेहत का जिम्मा सभाल रहा बौराड़ी का सरकारी अस्पताल खुद ही बीमार है.
जिले के दूरस्थ गांव कंडीसौड़ से घंटों का सफर तय करने के बाद बैराड़ी के सरकारी अस्पताल में एक्स-रे कराने के पहुंची सावित्री को डॉक्टरों ने ये कहकर वापस भेज दिया कि एक्स-रे मशीन खराब पड़ी है. जिसके बाद उन्हें मजबूर होकर प्राइवेट एक्स-रे सेंटर का रुख करना पड़ा. वहीं, आए-दिन बौराड़ी में सैकड़ों की तादाद में अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को भी सुविधाओं के अभाव में भारी परेशानियों का करना पड़ रहा है.
पढ़ें-सरकारी स्कूलों में बच्चों को लाने के लिए घर-घर जा रहे शिक्षक, पैरेंट्स को बता रहे उपलब्धियां
वहीं, इस मामले में बीजेपी नेता खेम सिंह चौहान का कहना है कि दूरस्थ क्षेत्रों के सरकारी अस्पताल सिर्फ रेफर सेंटर बन कर रह गए है. स्थानीय लोगों को इलाज के लिए आज भी देहरादून और ऋषिकेश जाना पड़ता है. उनका कहना है कि अगर जल्द ही अस्पताल के हालत नहीं सुधरे तो वे अस्पताल को पीपीपी मोड में दिए जाने के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करेंगे.