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इस गांव में आज तक नहीं पहुंची सड़क, मंजूरी मिलने के बाद भी अधर में लटका काम

जहां एक ओर सरकार लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर घनसाली ब्लॉक के चानी गांव में बन रही सड़क सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है.

अधूरे में है गांव में सड़क का कार्य.
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Published : May 16, 2019, 11:40 AM IST

टिहरी: उत्तराखंड के कई गांव ऐसे हैं जो सड़क सुविधा से वंचित हैं. जहां आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इसी के इतर टिहरी जनपद के घनसाली ब्लॉक के चानी गांव में सड़क निर्माण का कार्य लंबे समय से अधर में लटका हुआ है. जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि समस्या से अवगत कराने के बावजूद भी विभाग के अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. जिससे कार्य अधर में लटका हुआ है.

गौर हो कि जहां एक ओर सरकार लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर घनसाली ब्लॉक के चानी गांव में बन रही सड़क सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. विकासखंड भिलंगना से 28-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चानी गांव के लिए मात्र 1 से 2 किलोमीटर की सड़क का कार्य अधर में लटका हुआ है. वहीं लोगों का कहना है कि सड़क को काफी घुमाया जा रहा है जिससे गांव की दूरी अनावश्यक ही बढ़ जाएगी. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि समस्या के बारे में बताने के बावजूद भी विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.

वहीं विभाग की लापरवाही से लोगों को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि चानी गांव सड़क मार्ग को तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में स्वीकृति मिली थी. सड़क निर्माण को लेकर विभाग द्वारा 22 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. जिसके बाद ग्रामीणों की आपसी सहमति न होने के कारण यह मामला अनुसूचित आयोग में भी फंस गया था. जिसके बाद रोड के लिए टेंडर की प्रक्रिया होने के बाद सड़क का कार्य शुरू नहीं हुआ. वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़क का पुनरीक्षित एस्टीमेट शासन के पास लंबित पड़ा है, जल्द पास होने पर कार्य शुरू किया जाएगा.

आज भी लोग सड़क सुविधा से हैं वंचित.

उन्होंने बताया कि गांव के अनुसूचित जाति के परिवारों की यह मांग थी कि सड़क उनके जमीन से होकर गांव से निकले. जिस पर विवाद गहरा गया और मामला अनुसूचित आयोग तक पहुंच गया. लिहाजा कुछ ग्रामीणों को जमीन और मकान के लिए काफी रकम खर्च करनी पड़ रही थी. लेकिन सड़क मार्ग का कार्य ठप होने से उनकी परेशानी और बढ़ गई. वहीं अधिकारियों का कहना है कि समस्या को देखते हुए नए एस्टीमेट के साथ सड़क का बजट भेजा गया है. वहीं ग्राम प्रधान केसर सिंह ने पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक के कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण न होने से पता चलता है कि जनप्रतिनिधि विकास के लिए कितने संजीदा हैं. आज भी ग्रामीण जनता के गांव में सड़क सपना बनकर रह गया है.

टिहरी: उत्तराखंड के कई गांव ऐसे हैं जो सड़क सुविधा से वंचित हैं. जहां आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इसी के इतर टिहरी जनपद के घनसाली ब्लॉक के चानी गांव में सड़क निर्माण का कार्य लंबे समय से अधर में लटका हुआ है. जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि समस्या से अवगत कराने के बावजूद भी विभाग के अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. जिससे कार्य अधर में लटका हुआ है.

गौर हो कि जहां एक ओर सरकार लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर घनसाली ब्लॉक के चानी गांव में बन रही सड़क सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. विकासखंड भिलंगना से 28-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चानी गांव के लिए मात्र 1 से 2 किलोमीटर की सड़क का कार्य अधर में लटका हुआ है. वहीं लोगों का कहना है कि सड़क को काफी घुमाया जा रहा है जिससे गांव की दूरी अनावश्यक ही बढ़ जाएगी. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि समस्या के बारे में बताने के बावजूद भी विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.

वहीं विभाग की लापरवाही से लोगों को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि चानी गांव सड़क मार्ग को तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में स्वीकृति मिली थी. सड़क निर्माण को लेकर विभाग द्वारा 22 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. जिसके बाद ग्रामीणों की आपसी सहमति न होने के कारण यह मामला अनुसूचित आयोग में भी फंस गया था. जिसके बाद रोड के लिए टेंडर की प्रक्रिया होने के बाद सड़क का कार्य शुरू नहीं हुआ. वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़क का पुनरीक्षित एस्टीमेट शासन के पास लंबित पड़ा है, जल्द पास होने पर कार्य शुरू किया जाएगा.

आज भी लोग सड़क सुविधा से हैं वंचित.

उन्होंने बताया कि गांव के अनुसूचित जाति के परिवारों की यह मांग थी कि सड़क उनके जमीन से होकर गांव से निकले. जिस पर विवाद गहरा गया और मामला अनुसूचित आयोग तक पहुंच गया. लिहाजा कुछ ग्रामीणों को जमीन और मकान के लिए काफी रकम खर्च करनी पड़ रही थी. लेकिन सड़क मार्ग का कार्य ठप होने से उनकी परेशानी और बढ़ गई. वहीं अधिकारियों का कहना है कि समस्या को देखते हुए नए एस्टीमेट के साथ सड़क का बजट भेजा गया है. वहीं ग्राम प्रधान केसर सिंह ने पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक के कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण न होने से पता चलता है कि जनप्रतिनिधि विकास के लिए कितने संजीदा हैं. आज भी ग्रामीण जनता के गांव में सड़क सपना बनकर रह गया है.

Intro:कई सालों से इस सीमन्त गाँव की सड़क है अधर में ।
ग्रामीणों का आरोप क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि नही है क्षेत्र के प्रति संवेदनशील।Body:टिहरी जनपद: घनसाली विधानसभा के सीमन्त गांव चानी की सड़क है अधर में ।
ग्राम प्रधान का बड़ा आरोप । कोई संज्ञान नही ले रहा सड़क का।
सड़क को गेंद की तरह इधर से उधर घुमाया जा रहा है।

विकाशखण्ड भिलंगना से 28-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चानी गाँव की मात्र 1डेढ़-2 किलोमीटर की सड़क का अधर में लटका होना।

निश्चित तौर पर ये दर्शाता है कि जनप्रतिनिधि सीमन्त क्षेत्रो की सड़कों के लिए कितने प्रयासरत रहे है।

चानी गांव और कांगड़ा गाँव की अधर में लटकी सड़कें इस बात का सबूत है।
चानी गाँव की सड़क की बात करे तो यह सड़क तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में स्वीकृत हुई थी।

बाकायदा इसके एक हिस्से के लिए लगभग 22 लाख रुपये की रकम खर्च की जा चुकी है लेकिन उसके बाद ग्रामीणों की आपसी सहमति न होने के कारण यह मामला अनुसूचित आयोग में फंस गया था।
जिसके बाद टेंडर होने के बाद सदक का कार्य नही हो पाया।

लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़क का पुनरीक्षित एस्टीमेट शाशन के पास लंबित पड़ा है जिसके जल्द पास होने की बात उन्होंने कही है।

मामला कहा अटका।
इस गांव के अनुसूचित जाती के परिवारों की यह मांग थी कि सड़क उनके जमीन से होकर गाँव से निकले जिस पर विवाद गहरा गया और मामला अनुसूचित आयोग पहुंचा।

अधिकारियों का कहना है कि ऐसे में बहुत सारे लोगो को उनकी जमीन तथा मकान के लिए बड़ी रकम खर्च करनी पड़ रही थी लिहाजा सड़क बनने का कार्य ठप्प पड़ गया।

नए एस्टीमेट के साथ सड़क का बजट भेज गया है।
मामला चाहे जैसा भी रहा हो कारण चाहे कितने भी रहे हो लेकिन जिस तरह ग्राम प्रधान केसर सिंह ने पूर्व विधायक भीम लाल आर्य तथा वर्तमान विधायक शक्तिलाल शाह के कार्यो पर सवाल उठाए है उससे यही लगता है कि जनप्रतिनिधि लोगो की मांगों पर संवेदनशील ना रहे है ना अभी भी है।ग्रामीण आज भी सड़क का इतंजार कर रहे है था अधिकारी और जनप्रतिनिधि उन्हें दिलासा दे रहे है।

दिलासों का दौर कब खत्म होगा और ग्रामीणों को कब उनकी सड़क मिलेगी यह देखने वाली बात होगी।Conclusion:लोगो का आरोप सड़क का समय पर ना बनना क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की क्षेत्र के प्रति लापरवाही और असंवेदनशीलता का उदाहरण।
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