टिहरी: उत्तराखंड के कई गांव ऐसे हैं जो सड़क सुविधा से वंचित हैं. जहां आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. इसी के इतर टिहरी जनपद के घनसाली ब्लॉक के चानी गांव में सड़क निर्माण का कार्य लंबे समय से अधर में लटका हुआ है. जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि समस्या से अवगत कराने के बावजूद भी विभाग के अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. जिससे कार्य अधर में लटका हुआ है.
गौर हो कि जहां एक ओर सरकार लोगों को मूलभूत सुविधा मुहैया कराने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर घनसाली ब्लॉक के चानी गांव में बन रही सड़क सरकार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है. विकासखंड भिलंगना से 28-30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चानी गांव के लिए मात्र 1 से 2 किलोमीटर की सड़क का कार्य अधर में लटका हुआ है. वहीं लोगों का कहना है कि सड़क को काफी घुमाया जा रहा है जिससे गांव की दूरी अनावश्यक ही बढ़ जाएगी. साथ ही ग्रामीणों का कहना है कि समस्या के बारे में बताने के बावजूद भी विभाग द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है.
वहीं विभाग की लापरवाही से लोगों को सड़क सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है. बता दें कि चानी गांव सड़क मार्ग को तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में स्वीकृति मिली थी. सड़क निर्माण को लेकर विभाग द्वारा 22 लाख रुपये खर्च किए जा चुके हैं. जिसके बाद ग्रामीणों की आपसी सहमति न होने के कारण यह मामला अनुसूचित आयोग में भी फंस गया था. जिसके बाद रोड के लिए टेंडर की प्रक्रिया होने के बाद सड़क का कार्य शुरू नहीं हुआ. वहीं लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सड़क का पुनरीक्षित एस्टीमेट शासन के पास लंबित पड़ा है, जल्द पास होने पर कार्य शुरू किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि गांव के अनुसूचित जाति के परिवारों की यह मांग थी कि सड़क उनके जमीन से होकर गांव से निकले. जिस पर विवाद गहरा गया और मामला अनुसूचित आयोग तक पहुंच गया. लिहाजा कुछ ग्रामीणों को जमीन और मकान के लिए काफी रकम खर्च करनी पड़ रही थी. लेकिन सड़क मार्ग का कार्य ठप होने से उनकी परेशानी और बढ़ गई. वहीं अधिकारियों का कहना है कि समस्या को देखते हुए नए एस्टीमेट के साथ सड़क का बजट भेजा गया है. वहीं ग्राम प्रधान केसर सिंह ने पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक के कार्यों पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण न होने से पता चलता है कि जनप्रतिनिधि विकास के लिए कितने संजीदा हैं. आज भी ग्रामीण जनता के गांव में सड़क सपना बनकर रह गया है.