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अपनी जरुरतों के लिए रोज मौत से दो चार होते है अंधियारी गांव के लोग, ऐसे करते हैं 'सफर'

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Published : Jul 29, 2019, 9:09 PM IST

अंधियारी गांव में करीब 14 परिवार रहते हैं. जो पिछले एक साल से वैकल्पिक मार्ग के जरिए शहर जा रहे थे, लेकिन ये मार्ग भी भू-स्खलन वजह बंद हो गया. अब ग्रामीण जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर है.

मौत का रास्ता

टिहरी: एक तरफ सरकार उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सड़कों का जाल बिछा रही है. वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी जिलों में गांव को मुख्य मार्गों और शहर से जोड़ने वाली सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. अंधियारी गांव को शहर से जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग भी भू-स्खलन की चपेट में आ गया है. जिस कारण यहां के लोगों का संपर्क शहर से पूरी तरह कट गया है.

पढ़ें- बाघों की संख्या बढ़ने से पीएम मोदी खुश, उत्तराखंड के चार अधिकारियों की पीठ थपथपाई

बता दें कि अंधियारी गांव में करीब 14 परिवार रहते हैं, जो शहर जाने के लिए सरोट-चापड़ा मोटर मार्ग का इस्तेमाल करते थे, लेकिन बीते साल जुलाई में इस मार्ग पर भूस्खलन हो गया है. जिसके बाद से ये मार्ग बंद पड़ा हुआ है. इसके बाद गांव तक जरूरी समान जैसे (रसोई गैस व खाद्यान्न सामाग्री) पहुंचाने के लिए प्रशासन ने एक वैकल्पिक रास्त तैयार किया था. इस रास्ते से ग्रामीण और स्कूली बच्चे शहर आ जा रहे थे, लेकिन इस बार की बारिश में ये मार्ग भी बंद हो गया.

पढ़ें- मुस्लिम समाज की 131 फीट तिरंगा कांवड़ बनी सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल, जवानों को समर्पित की यात्रा

ऐसे में ग्रामीणों के सामने एक बार फिर पहाड़ सी मुश्किल खड़ी हो गई है. मजबूरी में ग्रामीण और स्कूली बच्चे इसी रास्ते से जाने के मजबूर हैं. ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि वो उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निदान करे, ताकि किसी बढ़ी अनहोनी से बचा जा सके.

टिहरी: एक तरफ सरकार उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सड़कों का जाल बिछा रही है. वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी जिलों में गांव को मुख्य मार्गों और शहर से जोड़ने वाली सड़कों की हालत बद से बदतर होती जा रही है. अंधियारी गांव को शहर से जोड़ने वाला वैकल्पिक मार्ग भी भू-स्खलन की चपेट में आ गया है. जिस कारण यहां के लोगों का संपर्क शहर से पूरी तरह कट गया है.

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बता दें कि अंधियारी गांव में करीब 14 परिवार रहते हैं, जो शहर जाने के लिए सरोट-चापड़ा मोटर मार्ग का इस्तेमाल करते थे, लेकिन बीते साल जुलाई में इस मार्ग पर भूस्खलन हो गया है. जिसके बाद से ये मार्ग बंद पड़ा हुआ है. इसके बाद गांव तक जरूरी समान जैसे (रसोई गैस व खाद्यान्न सामाग्री) पहुंचाने के लिए प्रशासन ने एक वैकल्पिक रास्त तैयार किया था. इस रास्ते से ग्रामीण और स्कूली बच्चे शहर आ जा रहे थे, लेकिन इस बार की बारिश में ये मार्ग भी बंद हो गया.

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ऐसे में ग्रामीणों के सामने एक बार फिर पहाड़ सी मुश्किल खड़ी हो गई है. मजबूरी में ग्रामीण और स्कूली बच्चे इसी रास्ते से जाने के मजबूर हैं. ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से गुहार लगाई है कि वो उनकी समस्याओं का जल्द से जल्द निदान करे, ताकि किसी बढ़ी अनहोनी से बचा जा सके.

Intro:फिर सक्रिय भूस्वखलन ने बढाई ग्रामीणों की चिन्ताBody: टिहरी

स्लग- फिर सक्रिय हो रहे भूस्खलन ने बढाई ग्रामीणों की चिन्ता

एंकर-टिहरी जनपद का दूरस्थ गाँव अंधियारी जो कि ग्राम पंचायत अंधियारी मय चापड़ा का एक गाँव है जँहा पर वर्तमान में लगभग 14 परिवार सामूहिक रूप निवास करते है ग्रामीणों का मुख्य आय का स्रोत कृषि है इसलिए यहां के लोग अपनी पुस्तैनी जमीन पर खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण करते है और गाँव के ही स्कूलों मे बच्चों की शिक्षा दीक्षा करवाते है ।
अधियारी के लोगों की परेशानी तब बढी जब पिछले बर्ष जुलाई माह मे सरोट- चापड़ा मोटरमार्ग के ऊपर भारी भूस्खलन से जहां एक ओर मोटरमार्ग बन्द हो गया था वही दूसरी ओर मोटर मार्ग के टाँप से एक मात्र गाँव जाने वाला मार्ग भी इसी भूस्खलन की चपेट मे आने से बाधित हो गया था और गाँव मे जरूरी रोजमर्रा की चीजो की भारी किल्लत पैदा हो गई थी । जिसके बाद प्रशासन के द्वारा रसोईगैस व खाद्यान्न सामाग्री बमुश्किल ग्रामीणों तक पहुँचाई गई थी और गाँव के लिए एक बैकल्पिक मार्ग तैयार किया गया था
लेकिन अब बैकल्पिक मार्ग पर गदेरा बढ जाने के कारण स्कूली बच्चों के लिए खतरा पैदा हो गया है और मुख्यमार्ग पर फिर से असुरक्षित हो गया है जिससे ग्रामीणों की चिन्ता फिर से बढ गई ग्रामीणों का कहना है कि खतरनाक हो चुके इस मार्ग से अब ग्रामीणों के साथ साथ स्कूली छात्राओं को खतरा पैदा हो गया है अब छात्र बमुश्किल स्कूल पहुँच पा रहे है ग्रामीणों ने गुहार लगाई कि शाशन प्रशासन मार्ग को लेकर कुछ गम्भीरता से विचार करे जिससे गाँव के लोग की चिन्ता कम हो सके और किसी बड़ी अनहोनी से बचा जा सके ।



Again activated landslide encouraged the villagers



Conclusion: फिर से सक्रिय हुए भूस्खलन अब जान जोखिम मे डाल कर कर रहे आवाजाही

पिछले बर्ष ग्रामीणों के बनाया गया बैकल्पिक मार्ग भी आवाजाही के लिए नही है ठीक

ग्रामीणों के द्वारा शाशन प्रशासन से मार्ग के स्थायी हल ढूढने की की माँग
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