रुद्रप्रयाग: किंग कोबरा को गढ़वाल के पर्वतीय जिलों की फिजा रास आ रही है. ये वन्यजीव प्रमियों के लिए अच्छी खबर है. अक्सर किंग कोबरा का निवास तराई क्षेत्रों में ही माना जाता रहा है. लेकिन ऊखीमठ कस्बे में किंग कोबरा की मौजूदगी ये दर्शा रही है कि किंग कोबरा पर्वतीय अंचलों में भी अपना निवास बना रहे हैं. कुमाऊं के मुनस्यारी और पिथौरागढ़ में भी किंग कोबरा की मौजूदगी मिलती है, लेकिन नैनीताल जिले में इनकी संख्या अधिक है.
रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ (Rudraprayag Ukhimath) कस्बे के ओंकारेश्वर वार्ड के डंगवाड़ी में किंग कोबरा (Rudraprayag King Cobra) दिखने से हड़कंप मच गया. किंग कोबरा दिखने से ग्रामीण काफी डरे और सहमे हुए हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचित करते हुए किंग कोबरा को पकड़ने की मांग की है. जानकारी के अनुसार ऊखीमठ के ओंकारेश्वर वार्ड के डंगवाड़ी में घरों के निकट ग्रामीणों को किंग कोबरा दिखा. किंग कोबरा को देखने के लिए मौके पर बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई. हालांकि बाद में यह झाड़ियों में छिप गया. पूर्व प्रमुख लक्ष्मी प्रसाद भट्ट ने बताया कि सूचना पाकर वन विभाग (Rudraprayag Forest Department) की टीम गांव में पहुंची, मगर उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. वहीं उप वन क्षेत्राधिकारी कुंवर लाल ने बताया कि सूचना पाकर गांव में वन विभाग की टीम गई, किंतु कुछ नहीं दिखाई दिया.
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बता दें कि किंग कोबरा की लंबाई करीब 20 फीट तक हो सकती है. मादा कोबरा साल में सिर्फ एक बार ही अंडे देती है. किंग कोबरा दुनिया के सबसे जहरीले सांपों में से एक माना जाता है और इसकी लंबाई भी सबसे ज्यादा होती है. सांपों की प्रजातियों में एकमात्र किंग कोबरा ही ऐसा सांप है, जो घोंसला बनाता है और दूसरे सांपों को खाता है. कोबरा, वाइपर और करैत जैसे जहरीले सांपों को देख लोगों का पसीना छूटने लगता है. लेकिन किंग कोबरा का मुख्य आहार यही है. बता दें कि किंग कोबरा की मुनस्यारी और पिथौरागढ़ में भी मौजूदगी मिली है, लेकिन नैनीताल जिले में संख्या ज्यादा है.