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रुद्रप्रयाग में बीडीसी की बैठक में उठे बुनियादी मुद्दे

रुद्रप्रयाग में क्षेत्र पंचायत मन्दाकिनी (अगस्त्यमुनि) की बैठक में सड़क, स्वास्थ्य एवं पेयजल के मुद्दे छाये रहे. वहीं समयाभाव के कारण कई विभागों पर चर्चा नहीं हो पाई. सदस्यों द्वारा क्षेत्र पंचायत की बैठक को दो दिन चलाने का प्रस्ताव दिया गया.

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Published : Mar 24, 2021, 12:35 PM IST

रुद्रप्रयाग: क्षेत्र पंचायत मन्दाकिनी (अगस्त्यमुनि) की बैठक में सड़क, स्वास्थ्य एवं पेयजल के मुद्दे छाये रहे. वहीं समयाभाव के कारण कई विभागों पर चर्चा नहीं हो पाई. सदस्यों द्वारा क्षेत्र पंचायत की बैठक को दो दिन चलाने का प्रस्ताव दिया गया. साथ ही केंद्र सरकार के विभागों और संस्थानों को भी सदन के प्रति जवाबदेय बनाये जाने का प्रस्ताव पास हुआ. सदन में सर्वसम्मति से एमपीसीसी के खिलाफ मजिस्ट्रियल जांच बैठाए जाने का प्रस्ताव पास करते हुए उनके द्वारा किए गये भ्रष्टाचार को उजागर करने की मांग की गई.

कोरोना के कारण लगे देशव्यापी लाॅकडाउन से क्षेत्र पंचायत की बैठक नहीं हो पाई थी. एक वर्ष बाद जब पहली बैठक हुई तो सदस्यों में भारी उत्साह देखने को मिला. हर कोई अपने गांव व क्षेत्र की समस्या को सदन में रखने के लिए लालायित रहा. महिला प्रतिनिधियों ने भी बढ़-चढ़ कर अपनी समस्याओं को रखा. यहां गणपति वेडिंग प्वाइंट में क्षेत्र पंचायत प्रमुख विजया देवी की अध्यक्षता और बीडीओ सीपी सेमवाल के संचालन में आहूत बैठक को संबोधित करते हुए रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी ने सभी सदस्यों को समस्या के उचित समाधान के लिए अपनी समस्या शालीनता और गंभीरता से सदन में रखने के लिए प्रेरित किया.

केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि लोकतंत्र में सौहार्दपूर्ण भावना के साथ सदन चलता है. उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के अनुरूप पंचायतों को सशक्त बनाना होगा. विभागीय अधिकारियों को अपनी कार्यशाली सुधारनी होगी. भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. मुख्य विकास अधिकारी भरत चंद्र भट्ट ने सदन को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन जन प्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा करते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करके विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रमुख विजया देवी ने सभी सदस्यों को सदन की गरिमा बनाये रखने का आह्वान किया, तो अधिकारियों को सदन में पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए. उन्होंने कोरोना काल में निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किए गये सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें बधाई दी. लोक निर्माण विभाग पर चर्चा करते हुए सदस्यों ने सड़क निर्माण में देरी, सड़क की खराब गुणवत्ता और मुआवजा न मिलने पर सवाल खड़े किए.

पढ़ें: कोर्ट का आदेश बताकर पार्क पर कब्जा करने आए लोग, पार्षद ने कर दिया हंगामा

प्रधान संगठन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और प्रधान मयकोटी अमित प्रदाली ने दस सूत्रीय मांगों को सदन में रखा. उन्होंने तल्लानागपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के न बैठने, पानी की समस्या, बर्सिल रोड डामर, बमोली सड़क कटान के साथ ही क्षेत्र में कृषि कार्य किये जाने की मांग रखी. क्षेत्र पंचायत सदस्य फेगू सुनील शुक्ला ने क्षेत्र में बंदरों का आतंक, लमगौंडी-देवली तिनसोली मोटरमार्ग, गुप्तकाशी-बसुकेदार-जखोली मोटरमार्ग के डामर सहित लमगौंडी-देवली-भणिग्राम मोटरमार्ग का नाम शहीद देवेंद्र सिंह नाम पर करने का मुद्दा उठाया. इसके अलावा प्रधान फलई विजयपाल राणा, प्रधान भीरी, प्रधान डांगी गुनाऊ बृजभूषण वशिष्ठ, क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी अधि ने अपने क्षेत्र की सड़कों के निर्माण के मामले को उठाया. वहीं सदस्यों ने जल जीवन मिशन पर चर्चा करते हुए योजना पर ही सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बिना जल के घर-घर नल लगाये जा रहे हैं. रेल विकास निगम पर ग्रामीणों के प्राकृतिक जल स्रोतों को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया गया. स्वास्थ्य विभाग पर चर्चा करते हुए सभी सदस्यों ने कहा कि कोरोना में उन्होंने कोरोना योद्धा की भूमिका निभाई. अब जब कोरोना टीका लगने की बारी आई तो उन्हें भुला दिया गया.

रुद्रप्रयाग: क्षेत्र पंचायत मन्दाकिनी (अगस्त्यमुनि) की बैठक में सड़क, स्वास्थ्य एवं पेयजल के मुद्दे छाये रहे. वहीं समयाभाव के कारण कई विभागों पर चर्चा नहीं हो पाई. सदस्यों द्वारा क्षेत्र पंचायत की बैठक को दो दिन चलाने का प्रस्ताव दिया गया. साथ ही केंद्र सरकार के विभागों और संस्थानों को भी सदन के प्रति जवाबदेय बनाये जाने का प्रस्ताव पास हुआ. सदन में सर्वसम्मति से एमपीसीसी के खिलाफ मजिस्ट्रियल जांच बैठाए जाने का प्रस्ताव पास करते हुए उनके द्वारा किए गये भ्रष्टाचार को उजागर करने की मांग की गई.

कोरोना के कारण लगे देशव्यापी लाॅकडाउन से क्षेत्र पंचायत की बैठक नहीं हो पाई थी. एक वर्ष बाद जब पहली बैठक हुई तो सदस्यों में भारी उत्साह देखने को मिला. हर कोई अपने गांव व क्षेत्र की समस्या को सदन में रखने के लिए लालायित रहा. महिला प्रतिनिधियों ने भी बढ़-चढ़ कर अपनी समस्याओं को रखा. यहां गणपति वेडिंग प्वाइंट में क्षेत्र पंचायत प्रमुख विजया देवी की अध्यक्षता और बीडीओ सीपी सेमवाल के संचालन में आहूत बैठक को संबोधित करते हुए रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी ने सभी सदस्यों को समस्या के उचित समाधान के लिए अपनी समस्या शालीनता और गंभीरता से सदन में रखने के लिए प्रेरित किया.

केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि लोकतंत्र में सौहार्दपूर्ण भावना के साथ सदन चलता है. उन्होंने कहा कि संविधान की भावना के अनुरूप पंचायतों को सशक्त बनाना होगा. विभागीय अधिकारियों को अपनी कार्यशाली सुधारनी होगी. भ्रष्ट अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. मुख्य विकास अधिकारी भरत चंद्र भट्ट ने सदन को आश्वस्त किया कि जिला प्रशासन जन प्रतिनिधियों के अधिकारों की रक्षा करते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण करके विकास को गति देने के लिए प्रतिबद्ध है. प्रमुख विजया देवी ने सभी सदस्यों को सदन की गरिमा बनाये रखने का आह्वान किया, तो अधिकारियों को सदन में पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए. उन्होंने कोरोना काल में निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा किए गये सराहनीय कार्यों के लिए उन्हें बधाई दी. लोक निर्माण विभाग पर चर्चा करते हुए सदस्यों ने सड़क निर्माण में देरी, सड़क की खराब गुणवत्ता और मुआवजा न मिलने पर सवाल खड़े किए.

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प्रधान संगठन के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य और प्रधान मयकोटी अमित प्रदाली ने दस सूत्रीय मांगों को सदन में रखा. उन्होंने तल्लानागपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के न बैठने, पानी की समस्या, बर्सिल रोड डामर, बमोली सड़क कटान के साथ ही क्षेत्र में कृषि कार्य किये जाने की मांग रखी. क्षेत्र पंचायत सदस्य फेगू सुनील शुक्ला ने क्षेत्र में बंदरों का आतंक, लमगौंडी-देवली तिनसोली मोटरमार्ग, गुप्तकाशी-बसुकेदार-जखोली मोटरमार्ग के डामर सहित लमगौंडी-देवली-भणिग्राम मोटरमार्ग का नाम शहीद देवेंद्र सिंह नाम पर करने का मुद्दा उठाया. इसके अलावा प्रधान फलई विजयपाल राणा, प्रधान भीरी, प्रधान डांगी गुनाऊ बृजभूषण वशिष्ठ, क्षेत्र पंचायत सदस्य सावन नेगी अधि ने अपने क्षेत्र की सड़कों के निर्माण के मामले को उठाया. वहीं सदस्यों ने जल जीवन मिशन पर चर्चा करते हुए योजना पर ही सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि बिना जल के घर-घर नल लगाये जा रहे हैं. रेल विकास निगम पर ग्रामीणों के प्राकृतिक जल स्रोतों को क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया गया. स्वास्थ्य विभाग पर चर्चा करते हुए सभी सदस्यों ने कहा कि कोरोना में उन्होंने कोरोना योद्धा की भूमिका निभाई. अब जब कोरोना टीका लगने की बारी आई तो उन्हें भुला दिया गया.

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