पिथौरागढ़: जिले के सबसे बड़े महिला अस्पताल में अब तक रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं हो पाई है. ऐसे में गर्भवती महिलाएं अल्ट्रासाउंड के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं. आलम ये है की लोगों की लाख फरियाद के बावजूद महिला अस्पताल में अभी तक रेडियोलॉजिस्ट का पद भी स्वीकृत नहीं हो पाया है. जिला महिला अस्पताल में पिछले कई सालों से अल्ट्रासाउंड मशीन धूल फांक रही है. रेडियोलॉजिस्ट का पद नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने के लिए निजी अस्पतालों की दौड़ लगानी पड़ रही है, जिसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतें हो रही है.
पिथौरागढ़ जिले के एकमात्र बड़े महिला अस्पताल में चम्पावत जिले के साथ ही पड़ोसी मुल्क नेपाल से भी महिलाएं इलाज के लिए आती हैं. महिला अस्पताल प्रबंधन अल्ट्रासाउंड के लिए आने वाली महिलाओं की पर्ची काटकर उन्हें अल्ट्रासाउंड के लिए जिला अस्पताल भेज रहा है. लेकिन जिला अस्पताल में पहले से ही अधिक भार होने के कारण महिलाओं को समय पर अल्ट्रसाउंड रिपोर्ट नहीं मिल पाती.
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ऐसे में मजबूर होकर महिलाओं को निजी अस्पतालों की दौड़ लगानी पडती है. प्राइवेट अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड कराने पर ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं. गरीब परिवार की महिलाओं को महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिलने से सबसे अधिक दिक्कते उठानी पड़ रही हैं. महिलाओं ने अस्पताल में जल्द रेडियोलॉजिस्ट की नियुक्ति करने की मांग की है.
वहीं, जिलाधिकारी आशीष चौहान का कहना है कि जिला महिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद स्वीकृत नहीं है. लेकिन बीमार और गर्भवती महिलाओं को हो रही समस्याओं को देखते हुए जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के वैकल्पिक इंतजाम किए हैं. साथ ही प्राइवेट क्लीनिकों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड और अन्य जांचों के रेट निर्धरित किए गए हैं.