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उत्तराखंडः नंदा देवी ईस्ट फतह कर लौटा पोलैंड के पर्वतारोहियों का दल, एक महीने में पूरा किया अभियान

नंदा देवी ईस्ट पर पोलैंड के दो पर्वतारोही औरवेरेट फलचिन्स्की और परसलो गैरिसियन ने फतह किया है. औरवेरेट फलचिन्स्की और परसलो गैरिसियन 7434 मीटर ऊंची इस चोटी पर झंडा फहराने में सफल रहे. इस अभियान में पर्वतारोहियों को करीब एक महीने का समय लगा है.

नंदा देवी ईस्ट को फतह करने में सफल रहे पोलैंड के पर्वतारोही
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Published : Jul 3, 2019, 10:08 PM IST

पिथौरागढ़: विश्व की सबसे दुर्गम चोटियों में शुमार नंदा देवी ईस्ट को पोलैंड के दो पर्वतारोहियों ने फतह किया है. पोलैंड के औरवेरेट फलचिन्स्की और परसलो गैरिसियन 7434 मीटर ऊंची इस चोटी पर झंडा फहराने में सफल रहे. इस अभियान में पर्वतारोहियों को करीब एक महीने का समय लगा है.

poland mountaineers
पोलैंड के पर्वतारोहियों का दल.

बता दें कि नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के लापता होने के बाद प्रशासन ने पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन प्रतिबंध की सूचना मिलने से पहले ही पोलैंड का 10 सदस्यीय दल पर्वतारोहण को निकल चुका था. जो इस अभियान को सफल करने के बाद वापस लौटा है.

नंदा देवी पर्वतारोहण के दौरान अब तक 15 लोग अपनी जान गवां चुके हैं, लेकिन पोलैंड के दो पर्वतारोही इस बार भी नंदा देवी ईस्ट को फतह करने में सफल रहे. गौर हो कि पोलैंड की टीम ने ही सबसे पहले 1936 में नंदा देवी ईस्ट पर फतह हासिल की थी.

ये भी पढ़ेंः ऑपरेशन डेयरडेविल: पर्वतारोहियों की लाशों की शिनाख्त करना मुश्किल, सिर्फ एक की हुई पहचान

नंदा देवी ईस्ट में पर्वतारोहण के लिए पोलैंड का 10 सदस्यीय दल एक जून को मुनस्यारी से रवाना हुआ था. इस दल के दो सदस्य बीते 28 जून की शाम पांच बजे नंदा देवी ईस्ट की चोटी पर झंडा फहराने में सफल रहे.

नंदा देवी ईस्ट को फतह करने वाले टीम लीडर औरवेरेट फलचिन्स्की ने बताया कि इस चोटी पर पर्वतारोहण एवरेस्ट के मुकाबले बेहद कठिन है. टीम लीडर ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश टीम के सदस्यों की मौत पर कैंप सी में श्रद्धांजलि दी और हादसे में मारे गए विश्व विख्यात पर्वतारोही मार्टिन मोरन को भी याद किया.

पिथौरागढ़: विश्व की सबसे दुर्गम चोटियों में शुमार नंदा देवी ईस्ट को पोलैंड के दो पर्वतारोहियों ने फतह किया है. पोलैंड के औरवेरेट फलचिन्स्की और परसलो गैरिसियन 7434 मीटर ऊंची इस चोटी पर झंडा फहराने में सफल रहे. इस अभियान में पर्वतारोहियों को करीब एक महीने का समय लगा है.

poland mountaineers
पोलैंड के पर्वतारोहियों का दल.

बता दें कि नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के लापता होने के बाद प्रशासन ने पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा दिया था. लेकिन प्रतिबंध की सूचना मिलने से पहले ही पोलैंड का 10 सदस्यीय दल पर्वतारोहण को निकल चुका था. जो इस अभियान को सफल करने के बाद वापस लौटा है.

नंदा देवी पर्वतारोहण के दौरान अब तक 15 लोग अपनी जान गवां चुके हैं, लेकिन पोलैंड के दो पर्वतारोही इस बार भी नंदा देवी ईस्ट को फतह करने में सफल रहे. गौर हो कि पोलैंड की टीम ने ही सबसे पहले 1936 में नंदा देवी ईस्ट पर फतह हासिल की थी.

ये भी पढ़ेंः ऑपरेशन डेयरडेविल: पर्वतारोहियों की लाशों की शिनाख्त करना मुश्किल, सिर्फ एक की हुई पहचान

नंदा देवी ईस्ट में पर्वतारोहण के लिए पोलैंड का 10 सदस्यीय दल एक जून को मुनस्यारी से रवाना हुआ था. इस दल के दो सदस्य बीते 28 जून की शाम पांच बजे नंदा देवी ईस्ट की चोटी पर झंडा फहराने में सफल रहे.

नंदा देवी ईस्ट को फतह करने वाले टीम लीडर औरवेरेट फलचिन्स्की ने बताया कि इस चोटी पर पर्वतारोहण एवरेस्ट के मुकाबले बेहद कठिन है. टीम लीडर ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश टीम के सदस्यों की मौत पर कैंप सी में श्रद्धांजलि दी और हादसे में मारे गए विश्व विख्यात पर्वतारोही मार्टिन मोरन को भी याद किया.

Intro:पिथौरागढ़: विश्व की सबसे दुर्गम चोटियों में शुमार नंदा देवी ईस्ट को पोलैंड के दो पर्वतारोहियों ने फतह किया है। 7434 मीटर ऊंची इस चोटी पर पोलैंड के औरवेरेट फलचिन्स्की और परसलो गैरिसियन ने 28 जून को फतह किया। इस अभियान में पर्वतारोहियों को एक माह का समय लगा है। आपको बता दे कि नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के लापता होने के बाद प्रशासन ने पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा दिया था। मगर प्रतिबंध की सूचना मिलने से पूर्व ही पोलैंड का 10 सदस्यीय दल पर्वतारोहण को निकल चुका था और इस अभियान को सफल करने के बाद वापस लौटा है।

नंदा देवी ईस्ट में पर्वतारोहण के लिए पोलैंड का 10 सदस्यीय दल एक जून को मुनस्यारी से रवाना हुआ था। इस दल के 2 सदस्य 28 जून की शाम पांच बजे नंदा देवी ईस्ट की चोटी पर झंडा फहराने में सफल रहे। नंदा देवी ईस्ट को फतह करने वाले टीम लीडर औरवेरेट फलचिन्स्की ने बताया कि इस चोटी पर पर्वतारोहण एवरेस्ट के मुकाबले बेहद कठिन है। टीम लीडर ने बताया कि हमने सबसे पहले ब्रिटिश टीम के सदस्यों की मौत पर कैंप सी में उनको श्रद्धांजलि दी और हादसे में मारे गए विश्व विख्यात पर्वतारोही मार्टिन मोरन को याद किया।

आपको बता दे कि पोलैंड की टीम ने ही सबसे पहले 1936 में नंदा देवी ईस्ट पर फतह हांसिल की थी। नंदा देवी पर्वतारोहण के दौरान अब तक 15 लोग अपनी जान गवां चुके है। मगर पोलैंड के 2 पर्वतारोही इस बार भी नंदा देवी ईस्ट को फतह करने में सफल रहे।


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पिथौरागढ़: विश्व की सबसे दुर्गम चोटियों में शुमार नंदा देवी ईस्ट को पोलैंड के दो पर्वतारोहियों ने फतह किया है। 7434 मीटर ऊंची इस चोटी पर पोलैंड के औरवेरेट फलचिन्स्की और परसलो गैरिसियन ने 28 जून को फतह किया। इस अभियान में पर्वतारोहियों को एक माह का समय लगा है। आपको बता दे कि नंदा देवी ईस्ट में विदेशी पर्वतारोहियों के लापता होने के बाद प्रशासन ने पर्वतारोहण पर प्रतिबंध लगा दिया था। मगर प्रतिबंध की सूचना मिलने से पूर्व ही पोलैंड का 10 सदस्यीय दल पर्वतारोहण को निकल चुका था और इस अभियान को सफल करने के बाद वापस लौटा है।

नंदा देवी ईस्ट में पर्वतारोहण के लिए पोलैंड का 10 सदस्यीय दल एक जून को मुनस्यारी से रवाना हुआ था। इस दल के 2 सदस्य 28 जून की शाम पांच बजे नंदा देवी ईस्ट की चोटी पर झंडा फहराने में सफल रहे। नंदा देवी ईस्ट को फतह करने वाले टीम लीडर औरवेरेट फलचिन्स्की ने बताया कि इस चोटी पर पर्वतारोहण एवरेस्ट के मुकाबले बेहद कठिन है। टीम लीडर ने बताया कि हमने सबसे पहले ब्रिटिश टीम के सदस्यों की मौत पर कैंप सी में उनको श्रद्धांजलि दी और हादसे में मारे गए विश्व विख्यात पर्वतारोही मार्टिन मोरन को याद किया।

आपको बता दे कि पोलैंड की टीम ने ही सबसे पहले 1936 में नंदा देवी ईस्ट पर फतह हांसिल की थी। नंदा देवी पर्वतारोहण के दौरान अब तक 15 लोग अपनी जान गवां चुके है। मगर पोलैंड के 2 पर्वतारोही इस बार भी नंदा देवी ईस्ट को फतह करने में सफल रहे।


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