पिथौरागढ़: सूबे के विधायकों की विधायक निधि बढ़कर 3 करोड़ 75 लाख हो गई है, लेकिन पिथौरागढ़ के विधायक इसे खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रहे हैं. वित्तीय सत्र खत्म होने की कगार पर है, बावजूद जिले के चारों विधायक अब तक आधे से कम के प्रस्ताव ही दे पाए हैं. जबकि, खर्च मात्र 15 फीसदी ही हो पाया है.
जिले के चारों विधायकों को इस साल 15 करोड़ की धनराशि जारी की गई थी, लेकिन अब तक ये विधायक सिर्फ 6 करोड़ 76 लाख के ही प्रस्ताव दे पाएं हैं. ये हाल तब है जब आए दिन विधायक विकास कार्यों के लिए पैसों का रोना रोते हैं.
ये भी पढ़ेंः रुद्रप्रयागः फर्जी डिग्री लगाकर मास्टर बन गए 11 जालसाज, 5 शिक्षक निलंबित
विधायक निधि के प्रस्तावों की बात करें तो धारचूला के विधायक हरीश धामी अब तक 66 लाख के ही प्रस्ताव दे पाएं हैं, जबकि डीडीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल ने 2 करोड़ 79 लाख के प्रस्ताव दिए हैं. गंगोलीहाट की विधायक मीना गंगोला ने 2 करोड़ 93 लाख और पिथौरागढ़ की विधायक चंद्रा पंत ने महज 37 लाख के प्रस्ताव दिए हैं. ये बात अलग है कि चंद्रा पंत को विधायक बने अभी दो ही महीने हुए हैं.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड: होम स्टे का पंजीकरण न करने पर होगी सख्त कार्रवाई, लगेगा 10 हजार जुर्माना
वहीं, बात प्रशासनिक स्वीकृति की करें तो चारों विधायकों के मात्र 3 करोड़ 2 लाख के कार्यों को ही परमिशन मिल पाई है. जबकि, कार्यों के लिए महज 2 करोड़ 11 लाख ही जारी हुए हैं. उधर, विधायक निधि की इस कछुआ चाल के लिए विधायक स्टाफ की कमी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.