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चौकोडी में भू-माफियाओं ने कर डाली भूमि की खरीद-फरोख्त, बाहरी लोगों को बसाने की तैयारी पर रोष - चौकोडी जमीन

चौकोडी में भू-माफियाओं ने नियमों और कानूनों को ताक में रखकर करीब 100 नाली जमीन की खरीद-फरोख्त कर डाली. इतना ही नहीं यहां पर भवन निर्माण भी किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि विशेष समुदाय के लोगों को बसाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल, सूचना पर प्रशासन ने निर्माण तोड़ डाले हैं. एसडीएम ने भी रिपोर्ट दर्ज के निर्देश दिए हैं.

land purchasing chaukori
चौकोडी में भूमि की खरीद-फरोख्त
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Published : Nov 17, 2021, 9:02 PM IST

बेरीनागः चौकोडी में एक बार फिर जमीन खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है. यहां भू-माफियाओं ने नियमों और कानूनों को ताक में रखकर करीब 100 नाली जमीन की खरीद-फरोख्त (purchase of land) कर डाली है. आरोप है कि इस बार जमीन को एक विशेष समुदाय के लोगों को बेच दी गई. साथ ही उनके यहां आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इतना ही नहीं यहां पर भवन निर्माण भी शुरू कर दिया गया है. जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

दरअसल, चौकोडी में बड़ी संख्या में पेड़ काटकर और खनन कर भवन बनाए जा रहे हैं. जिसकी भनक स्थानीय प्रशासन और वन विभाग तक को नहीं लगी. स्थानीय लोगों ने प्रशासन को भवनों के निर्माण करने और पेड़ काटने की जानकारी दी. जिसके बाद प्रशासन की टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण को तोड़ डाले. स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग की.

ये भी पढ़ेंः सशक्त भू-कानून की मांग को लेकर हल्लाबोल, त्रिवेंद्र सरकार के अध्यादेश को निरस्त करने की मांग

भू-कानून लागू होता तो यह हालात नहीं होतेः स्थानीय जानकारों का मानना है कि यदि सरकार की ओर से मजबूत भू-कानून (uttarakhand land law) लागू कर दिया होता तो यहां पर इस तरह के हालात नहीं होते. आज चौकोडी में बड़ी संख्या में बाहरी लोग लगातार जमीन खरीद रहे हैं. इतना ही नहीं आए दिन चौकोडी में बड़ी संख्या में भू-माफियाओं की ओर लगातार यहां पर जमीन की खरीद-फरोख्त भी की जा रही है, लेकिन देखने वाला कोई नहीं है.

प्रशासन और वन विभाग की टीम पहुंची तो भागे मजदूरः मामले की सूचना अब एसडीएम सुंदर सिंह तक पहुंच चुकी है. जिसके बाद एसडीएम ने सूचना मिलते ही राजस्व उप निरीक्षक वीरेंद्र बोरा और वन विभाग के डिप्टी रेंजर गंगा सिंह बोरा के नेतृत्व में टीम को मौके पर भेजा. टीम के पहुंचते ही निर्माण कार्य में जुटे हुए मजदूर भाग गए. वहीं, टीम ने निर्माणाधीन मकानों की दीवारों और कॉलमों को ध्वस्त किया.

ये भी पढ़ेंः 'उत्तराखंड के लिए सशक्त भू-कानून जरूरी, प्राकृतिक संसाधनों पर चाहिए अधिकार'

न्यायालय के रोक के आदेश के बाद हो भी रहा निर्माणः नैनीताल हाईकोर्ट ने साल 2013 में भूमि की खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्य पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, लेकिन उसके बाद भी बड़ी संख्या यहां पर भवन निर्माण और जमीन की खरीद-फरोख्त हुई है. अभी भी यह काम जारी है. आखिर हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कैसे और किसके शह पर हो रहा है, यह बड़ा सवाल है.

नहीं मिला भूमि का मालिकाना हकः बीते लंबे समय से बेरीनाग और चौकोडी के लोग मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य गठन के बाद बीजेपी और कांग्रेस के सरकारों ने यहां पर भूमि के मालिकाना हक के लिए सिर्फ कमेटियां गठित कर इतिश्री कर दी गई है. बता दें कि यह जमीन टी-स्टेट की है और भूमि सरकार के अधीन हैं. ऐसे में कुछ लोग अवैध रूप से निर्माण कार्य कर रहे हैं.

क्या बोले एसडीएम? एसडीएम सुंदर सिंह (SDM Sundar Singh) का कहना है कि चौकोड़ी में भूमि खरीद-फरोख्त और भवन निर्माण करने पर न्यायालय रोक लगा रखी है. कुछ लोगों की ओर से यहां पर जमीन खरीदने और बेचने की सूचना मिल रही है. इसकी जांच की जाएग. साथ ही जमीन खरीदने और बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

बेरीनागः चौकोडी में एक बार फिर जमीन खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया है. यहां भू-माफियाओं ने नियमों और कानूनों को ताक में रखकर करीब 100 नाली जमीन की खरीद-फरोख्त (purchase of land) कर डाली है. आरोप है कि इस बार जमीन को एक विशेष समुदाय के लोगों को बेच दी गई. साथ ही उनके यहां आने का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इतना ही नहीं यहां पर भवन निर्माण भी शुरू कर दिया गया है. जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश है.

दरअसल, चौकोडी में बड़ी संख्या में पेड़ काटकर और खनन कर भवन बनाए जा रहे हैं. जिसकी भनक स्थानीय प्रशासन और वन विभाग तक को नहीं लगी. स्थानीय लोगों ने प्रशासन को भवनों के निर्माण करने और पेड़ काटने की जानकारी दी. जिसके बाद प्रशासन की टीम आनन-फानन में मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण को तोड़ डाले. स्थानीय लोगों ने निर्माण कार्यों पर रोक लगाने की मांग की.

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भू-कानून लागू होता तो यह हालात नहीं होतेः स्थानीय जानकारों का मानना है कि यदि सरकार की ओर से मजबूत भू-कानून (uttarakhand land law) लागू कर दिया होता तो यहां पर इस तरह के हालात नहीं होते. आज चौकोडी में बड़ी संख्या में बाहरी लोग लगातार जमीन खरीद रहे हैं. इतना ही नहीं आए दिन चौकोडी में बड़ी संख्या में भू-माफियाओं की ओर लगातार यहां पर जमीन की खरीद-फरोख्त भी की जा रही है, लेकिन देखने वाला कोई नहीं है.

प्रशासन और वन विभाग की टीम पहुंची तो भागे मजदूरः मामले की सूचना अब एसडीएम सुंदर सिंह तक पहुंच चुकी है. जिसके बाद एसडीएम ने सूचना मिलते ही राजस्व उप निरीक्षक वीरेंद्र बोरा और वन विभाग के डिप्टी रेंजर गंगा सिंह बोरा के नेतृत्व में टीम को मौके पर भेजा. टीम के पहुंचते ही निर्माण कार्य में जुटे हुए मजदूर भाग गए. वहीं, टीम ने निर्माणाधीन मकानों की दीवारों और कॉलमों को ध्वस्त किया.

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न्यायालय के रोक के आदेश के बाद हो भी रहा निर्माणः नैनीताल हाईकोर्ट ने साल 2013 में भूमि की खरीद-फरोख्त और निर्माण कार्य पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, लेकिन उसके बाद भी बड़ी संख्या यहां पर भवन निर्माण और जमीन की खरीद-फरोख्त हुई है. अभी भी यह काम जारी है. आखिर हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन कैसे और किसके शह पर हो रहा है, यह बड़ा सवाल है.

नहीं मिला भूमि का मालिकाना हकः बीते लंबे समय से बेरीनाग और चौकोडी के लोग मालिकाना हक की मांग कर रहे हैं, लेकिन राज्य गठन के बाद बीजेपी और कांग्रेस के सरकारों ने यहां पर भूमि के मालिकाना हक के लिए सिर्फ कमेटियां गठित कर इतिश्री कर दी गई है. बता दें कि यह जमीन टी-स्टेट की है और भूमि सरकार के अधीन हैं. ऐसे में कुछ लोग अवैध रूप से निर्माण कार्य कर रहे हैं.

क्या बोले एसडीएम? एसडीएम सुंदर सिंह (SDM Sundar Singh) का कहना है कि चौकोड़ी में भूमि खरीद-फरोख्त और भवन निर्माण करने पर न्यायालय रोक लगा रखी है. कुछ लोगों की ओर से यहां पर जमीन खरीदने और बेचने की सूचना मिल रही है. इसकी जांच की जाएग. साथ ही जमीन खरीदने और बेचने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा.

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