बेरीनाग: श्रीनगर के बारामूला के उड़ी और रामपुर सेक्टर में पाकिस्तान की ओर की गई गोलाबारी में शहीद जवानों के पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से उत्तराखंड लाए गए. शहीद नायक शंकर सिंह का पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से गंगोलीहाट तहसील के दसाईथल हेलीपैड पर लाया गया. जहां से पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद का पार्थिक शरीर को अंतिम दर्शन के लिए उनके गृह निवास नाली गांव ले जाया गया. जिसके बाद रामेश्वरम घाट पर शहीद को अंतिम विदाई दी गई.
इस दौरान हर किसी की आंखें नम थी. शहीद के परिजनों को ढांढस बंधाने कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे, स्थानीय विधायक मीना गंगोला और पूर्व सांसद बलराज पासी भी मौजूद रहे.
रविवार को शहीद शंकर का पार्थिक शरीर उनके आवास पर पहुंचते ही कोहराम मच गया. शहीद की पत्नी इंदू, माता जानकी देवा व पिता मोहन सिंह शहीद के पार्थिव शरीर से लिपटकर बेसुध हो गए. इस दौरान ग्रामीणों ने शहीद शंकर तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान के नारों से पूरा क्षेत्र गूंज उठा. शाम को रामेश्वर घाट पर भारी बारिश के बीच सैन्य सम्मान के साथ अंत्येष्टि हुई. वहीं, शहीद की चिता को मुखाग्नि चाचा शेर सिंह और बद्री सिंह ने दी.
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बता दें कि शहीद शंकर सिंह के बड़े भाई नवीन सिंह महरा भी श्रीनगर में 7 कुमाऊं रजिमेंट में तैनात हैं. रविवार को अपने भाई के पार्थिव शरीर को लेकर नवीन हवाई जहाज से घऱ पहुंचे. हवाई जहाज से उतरते ही नवीन भावुक हो गए. घर पहुंचने के बाद भाई के पार्थिव शरीर से लिपटकर रोने लगे. शहीद शंकर सिंह के पिता पूर्व सैनिक मोहन सिंह अपने पुत्र के पार्थिव शरीर को देख रुंधे गले से कहा कि आज मेरा बेटा देश के काम आया है. मैं भी 21 कुमाऊं से सेना निवृत होकर घर आया था. आज मेरे बेटे ने मेरा सीना चौड़ा कर दिया.