बेरीनाग: पहाड़ में कई गांव आज भी सड़क मार्ग से जुड़ नहीं पाए हैं, जिससे लोगों को आए दिन मीलों का सफर पैदल तय करना पड़ता है. वहीं उत्तराखंड की उभरती कलाकार श्वेता मेहरा दो वर्षों से लगातार अपने गांव जीबल (गंगोलीहाट) आ रही हैं. इस दौरान उन्होंने गांव तक मोटर मार्ग की मांग की है. श्वेता मेहरा का कहना है कि वो शासन-प्रशासन के साथ ही जनप्रतिनिधियों से मार्ग की मांग कर चुकी हैं, लेकिन इस दिशा में एक इंच कार्य भी नहीं हो रहा है.
गौर हो कि उत्तराखंड की लोक कलाकार श्वेता मेहरा गांव में बुनियादी सुविधाओं के अभाव से चिंतित हैं. उन्होंने कहा कि गांव सड़क मार्ग से ना जुड़ने से विकास कार्यों को गति नहीं मिल पा रही है.श्वेता मेहरा पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट तहसील के जीबल गांव की रहने वाली है. गांव में 120 परिवार निवास करते हैं. लेकिन गांव तक सड़क ना होने से लोगों को आज भी रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए पैदल सफर तय करना पड़ता है. समस्या तब बढ़ जाती है, जब गांव का कोई बुजुर्ग व्यक्ति बीमार हो जाता है. उसे डोली के सहारे सड़क मार्ग तक पहुंचाना पड़ता है, कभी-कभी तो बीमार लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं.
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श्वेता मेहरा अपने गांव की सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर काफी चिंतित हैं. श्वेता ने बताया कि पिछले 6 माह से गांव में सड़क के लिए सीएम से लेकर विधायक और अधिकारियों से मुलाकात कर चुकी हैं. सभी ने मार्च 2024 तक गांव में सड़क निर्माण कार्य शुरू करने की बात कही है. श्वेता बताती हैं कि 6 माह पूर्व जहां तक सड़क स्वीकृति की कार्रवाई थी, वो आगे नहीं बढ़ पा रही है. उन्होंने मार्च 2024 तक गांव में सड़क निर्माण कार्य शुरू होने पर विश्वास नहीं है. उन्होंने मांग पूरी ना होने पर लोगों के साथ सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है. कहा कि लोक निर्माण विभाग 6 माह पूर्व तीन किलोमीटर सड़क की स्वीकृति के लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज चुका है.