पिथौरागढ़: लोगों में आम धारणा है कि बेटा हर परिवार और कुल की शान होता है. बेटे को बुढ़ापे की लाठी कहा जाता है. लेकिन पिथौरागढ़ और बागेश्वर की सीमा पर स्थित बटगरी गांव में जिस लड़के को देखकर पिता की आंखों में सुनहरी धूप की चमक होनी चाहिए थी, मानसिक रूप से कमजोर उसी बेटे को रस्सी से बंधा देखकर पिता की आंखों में आंसुओं की ओस है.
बेटा दिव्यांग, पिता लाचार: दिव्यांग मानसिक रूप से कमजोर अपने बेटे को पिता रस्सी से बंधा देखने के लिए मजबूर हैं. दुर्घटना में एक पैर के जाने के कारण पिता भी चल फिर पाने में असमर्थ हैं. अब तक कई विभागों के अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक गुहार लगा चुके हैं, लेकिन न बेटे का दिव्यांग प्रमाणपत्र ही बना और न ही मानसिक बीमारी के इलाज के लिए कोई मदद मिली.
हादसे में पिता का एक पैर खराब हुआ: गणाई गंगोली तहसील के बटगेरी निवासी सुरेश सुगड़ा का साढ़े आठ साल का बेटा मानसिक रूप से दिव्यांग है. कुछ साल पूर्व सुरेश सिंह का वाहन दुर्घटना में पैर कुचल गया था. इसके चलते वह भी चलने फिरने में असमर्थ हैं. सुरेश सिंह का कहना है कि उसकी जमा पूंजी इलाज में खर्च हो चुकी है. हड्डी कुचल जाने से पैर पूरी तरह से ठीक नहीं हो पाया है. इसके चलते वह जमीन पर घिसटकर चलते हैं. आय का कोई स्रोत नहीं है.
पत्नी ने भी साथ छोड़ा: वृद्ध मां की हाल में लगी वृद्धावस्था पेंशन से उनकी दो जून की रोटी का जुगाड़ हो रहा है. सुरेश सिंह ने बताया कि पारिवारिक कारणों से उसकी पत्नी भी कुछ समय से मायके में रह रही है. सुरेश सिंह ने बताया कि सात साल से बिस्तर पर पड़ा होने के कारण अपने बेटे का इलाज भी नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने अब मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
बेटे के इलाज के लिए गुहार: पिता का कहना है कि बेटा बचपन से ही कुपोषित था. उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने और इलाज नहीं मिल पाने के कारण परिवार के लोग उसका एक पैर बांध देते हैं. बच्चे की हालत देखकर सिर्फ आंखों से आंसू निकलते हैं. एक बार डीएम पिथौरागढ़ के प्रयासों के बाद अल्मोड़ा बेस अस्पताल में उसकी जांच कराई थी. उसके बाद कोई मदद नहीं मिली. मेरे पास रुपये नहीं हैं. यदि कोई सरकारी सहायता मिलती तो अपने बेटे का किसी मानसिक अस्पताल में इलाज करा लेता.
डीएम ने क्या कहा: वहीं पिथौरागढ़ की जिलाधिकारी रीना जोशी का कहना है कि कुछ समय पूर्व बच्चे के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया गया था. सीएमओ जल्द ही बच्चे के इलाज का प्रयास करेंगे. संबंधित परिवार को उचित सहायता को लेकर उचित कार्रवाई की जाएगी.
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