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सुमाड़ी में NIT का स्थायी कैंपस शीघ्र बनाने की मांग, ग्रामीणों का एक दिवसीय धरना

ग्रामीणों ने सरकार से सुमाड़ी में एनआईटी का स्थायी परिसर का निर्माण यथाशीघ्र शुरू करवाएं जाने की मांग की. बैठक में वक्ताओं ने सरकार की कार्यप्रणाली पर आक्रोश व्यक्त किया है.

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Published : Aug 12, 2020, 9:40 PM IST

श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(एनआईटी) के स्थायी परिसर निर्माण की मांग को लेकर एनआईटी क्षेत्रीय विकास समिति खिर्सू ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से सुमाड़ी में एनआईटी का स्थायी परिसर का निर्माण यथाशीघ्र शुरू करवाएं जाने की मांग की. बैठक में वक्ताओं ने सरकार की कार्यप्रणाली पर आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सुमाड़ी में स्थायी परिसर के निर्माण की घोषणा की थी, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया.

साल 2009 में एनआईटी उत्तराखंड को मंजूरी मिली है. धरना दे रहे ग्रामीणों ने कहा कि सुमाड़ी सहित आसपास के गांव ने परिसर के निर्माण के लिए निशुल्क भूमि भी दान दी गई थी. लेकिन अभी तक स्थायी परिसर का निर्माण शुरू नहीं हो पाया. जबकि, एनआईटी का दो बार शिलान्यास हो चुका है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर एनआईटी के निर्माण में हो रही लेटलतीफी पर आक्रोश व्यक्त किया.

पढ़ेंः उत्तराखंडः इन दो गांवों में 'जलप्रलय' से सबकुछ तबाह, सांसद प्रदीप टम्टा ने उठाई विस्थापन की मांग

एनआईटी क्षेत्रिय विकास समिति खिर्सू के सचिव सुजीत बिष्ट ने कहा कि बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार करने को लेकर 16 अगस्त को खिर्सू विकासखंड के समस्त जनप्रतिनिधियों की एक आम बैठक सुमाड़ी में आयोजित की जायेगी. उन्होंने बताया कि जल्द ही सुमाड़ी में स्थायी परिसर निर्माण की मांग को लेकर एक शिष्टमंडल पौड़ी डीएम और क्षेत्रीय विधायक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सिंह से वार्ता करेगा. साथ ही दो सितम्बर को श्रीनगर में होने वाली प्रगतिशील जन मंच की बैठक में एनआईटी क्षेत्रीय विकास समिति खिर्सू प्रतिभाग करेगी.

श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान(एनआईटी) के स्थायी परिसर निर्माण की मांग को लेकर एनआईटी क्षेत्रीय विकास समिति खिर्सू ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार से सुमाड़ी में एनआईटी का स्थायी परिसर का निर्माण यथाशीघ्र शुरू करवाएं जाने की मांग की. बैठक में वक्ताओं ने सरकार की कार्यप्रणाली पर आक्रोश व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने सुमाड़ी में स्थायी परिसर के निर्माण की घोषणा की थी, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया.

साल 2009 में एनआईटी उत्तराखंड को मंजूरी मिली है. धरना दे रहे ग्रामीणों ने कहा कि सुमाड़ी सहित आसपास के गांव ने परिसर के निर्माण के लिए निशुल्क भूमि भी दान दी गई थी. लेकिन अभी तक स्थायी परिसर का निर्माण शुरू नहीं हो पाया. जबकि, एनआईटी का दो बार शिलान्यास हो चुका है. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर एनआईटी के निर्माण में हो रही लेटलतीफी पर आक्रोश व्यक्त किया.

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एनआईटी क्षेत्रिय विकास समिति खिर्सू के सचिव सुजीत बिष्ट ने कहा कि बैठक में आंदोलन की आगे की रणनीति तैयार करने को लेकर 16 अगस्त को खिर्सू विकासखंड के समस्त जनप्रतिनिधियों की एक आम बैठक सुमाड़ी में आयोजित की जायेगी. उन्होंने बताया कि जल्द ही सुमाड़ी में स्थायी परिसर निर्माण की मांग को लेकर एक शिष्टमंडल पौड़ी डीएम और क्षेत्रीय विधायक एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत सिंह से वार्ता करेगा. साथ ही दो सितम्बर को श्रीनगर में होने वाली प्रगतिशील जन मंच की बैठक में एनआईटी क्षेत्रीय विकास समिति खिर्सू प्रतिभाग करेगी.

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