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कोरोना को हराना हैः उत्तराखंड में लॉकडाउन से जनता को न हो परेशानी, प्रशासन की ऐसी है प्लानिंग

उत्तराखंड में खाद्य संकट पैदा न हो सके इसके लिए सभी जिले के जिलाधिकारियों ने सभी तरह की तैयारियां कर ली हैं. वहीं खाद्य विभाग की टीम जगह जगह छापेमारी की कार्रवाई कर रही है, जिससे लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में स्थानीय जनता को न ठगा जा सके.

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उत्तराखंड में नहीं पैदा होने दिया जाएगा खाद्य संकट
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Published : Mar 23, 2020, 4:51 PM IST

देहरादून: भारत में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए लगभग 75 जिलों में लॉकडाउन कर दिया गया है. उत्तराखंड के सभी जिलों के डीएम ने भी इससे निपटने की तैयारियां कर ली है. वहीं खाद्य विभाग की टीम जगह जगह छापेमारी की कार्रवाई कर रही है, जिससे लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में स्थानीय जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

हल्द्वानी

हल्द्वानी में प्रशासन के निर्देश पर खाद्य विभाग अगले तीन महीनों के लिए राशन की दुकानों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की तैयारी कर रहा है. खाद्य विभाग से लगभग दो लाख दस हजार कुंतल चावल और एक लाख साठ हजार कुंतल दाल की मांग की गई है. वहीं, संभागीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर, शासन के निर्देश पर मई और जून महीने के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जानी है, जबकि अप्रैल महीने का खाद्यान्न पहले ही भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में जिले में किसी तरह का खदान्न संकट पैदा नहीं होने दिया जाएगा.

उत्तराखंड में नहीं पैदा होने दिया जाएगा खाद्य संकट

पौड़ी

उधर जनपद पौड़ी में आवश्यक वस्तुओं के भंडारण को लेकर जिला प्रशासन की ओर से लगातार छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. खाद्य पूर्ति विभाग सभी मेडिकल स्टोर, राशन की दुकानों के साथ-साथ अन्य दुकानों पर भी छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है, जिससे लॉकडाउन जैसी आपात स्थिति में व्यापारी स्थानीय जनता को ठग ना सके.

डोईवाला

डोईवाला में भी लॉकडाउन किया गया है, जिसके चलते प्रशासन ने यहां आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुली रखने का आदेश जारी किया गया है. लेकिन कुछ लोगों में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी है, जिससे लोग बेवजह इधर-उधर घूमते नजर आ रहे हैं.

श्रीनगर

उधर श्रीनगर में 23 मार्च की सुबह लोग इधर-उधर घूमते नजर आए. तो वहीं पेट्रोल पंपों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई. जनता कर्फ्यू के दूसरे दिन ऋषिकेश बस अड्डे से अपने गंतव्यों को जाने के लिए लोगों की चहलकदमी साफ नजर आई. जिले की सड़कों पर वाहनों का आवागमन अभी भी लगातार जारी है.

अल्मोड़ा

बात करें अगर अल्मोड़ा की तो यहां की जनता ने जहां पहले दिन पीएम के जनता कर्फ्यू को समर्थन दिया. दूसरे दिन लॉकडाउन की घोषणा के बाद लोग सड़कों पर बात करते दिखाई दिए. लोग बाजारों में भारी संख्या में दिखाई दिए. वहीं, इलाके में सभी दुकानें बंद हैं.

ऋषिकेश

वहीं, कोरोना की वजह से सभी राज्यों में होटल और व्यावसायिक प्रतिस्ठान बंद हो रहे हैं. प्रतिस्थानों में काम करने वाले लोगों को भी घर भेजा जा रहा है. यही कारण है कि आज सुबह अचानक सैकड़ों गढ़वाल के लोग जो अन्य राज्यों में नौकरी कर वापस लौट रहे थे वे आइएसबीटी पर इक्कठा हो गए. जिसके बाद प्रशासन की टीम भी मौके पर पंहुची और उनके जाने की व्यवस्था की.

परेशान लोगों का कहना था कि एक दिन के जनता कर्फ्यू के बाद अचानक सब कुछ बन्द कर दिया गया. जिसकी वजह से उनको काफी परेशानी हो रही है. साथ ही रेस्टोरेंट और ढाबे बंद होने की वजह से भोजन और पानी तक नहीं मिल रहा है. वहीं लोगों ने कहा कि प्रशासन भी कुछ खास व्यवस्था नहीं कर पा रहा है.

लक्सर

सरकार ने पूरी तरीके से 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई और धारा 144 लगा दी है. साथ ही लोगों को नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है. वहीं नगर में लॉकडाउन के बाद बाजारों से चहल-पहल गायब रही.

हालांकि लॉकडाउन में सिर्फ जरूरी व रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए छूट दी गई है. लेकिन कुछ दुकानदार इसका पालन नहीं कर रहे हैं. लक्सर की तहसील प्रशासन हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है. तहसीलदार सुनैना राणा ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद नगर पालिका की टीम को साथ लेकर लॉकडाउन का पालन नहीं करने वाले लोगों को समझाया जा रहा है.

देहरादून: भारत में कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए लगभग 75 जिलों में लॉकडाउन कर दिया गया है. उत्तराखंड के सभी जिलों के डीएम ने भी इससे निपटने की तैयारियां कर ली है. वहीं खाद्य विभाग की टीम जगह जगह छापेमारी की कार्रवाई कर रही है, जिससे लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में स्थानीय जनता को परेशानियों का सामना न करना पड़े.

हल्द्वानी

हल्द्वानी में प्रशासन के निर्देश पर खाद्य विभाग अगले तीन महीनों के लिए राशन की दुकानों पर खाद्य सामग्री उपलब्ध करवाने की तैयारी कर रहा है. खाद्य विभाग से लगभग दो लाख दस हजार कुंतल चावल और एक लाख साठ हजार कुंतल दाल की मांग की गई है. वहीं, संभागीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी ललित मोहन रयाल ने बताया कि कोरोना वायरस के मद्देनजर, शासन के निर्देश पर मई और जून महीने के लिए खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जानी है, जबकि अप्रैल महीने का खाद्यान्न पहले ही भेजा जा चुका है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन जैसी परिस्थिति में जिले में किसी तरह का खदान्न संकट पैदा नहीं होने दिया जाएगा.

उत्तराखंड में नहीं पैदा होने दिया जाएगा खाद्य संकट

पौड़ी

उधर जनपद पौड़ी में आवश्यक वस्तुओं के भंडारण को लेकर जिला प्रशासन की ओर से लगातार छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है. खाद्य पूर्ति विभाग सभी मेडिकल स्टोर, राशन की दुकानों के साथ-साथ अन्य दुकानों पर भी छापेमारी की कार्रवाई कर रहा है, जिससे लॉकडाउन जैसी आपात स्थिति में व्यापारी स्थानीय जनता को ठग ना सके.

डोईवाला

डोईवाला में भी लॉकडाउन किया गया है, जिसके चलते प्रशासन ने यहां आवश्यक सेवाओं की दुकानें खुली रखने का आदेश जारी किया गया है. लेकिन कुछ लोगों में अभी भी भ्रम की स्थिति बनी है, जिससे लोग बेवजह इधर-उधर घूमते नजर आ रहे हैं.

श्रीनगर

उधर श्रीनगर में 23 मार्च की सुबह लोग इधर-उधर घूमते नजर आए. तो वहीं पेट्रोल पंपों पर भी लोगों की भीड़ देखी गई. जनता कर्फ्यू के दूसरे दिन ऋषिकेश बस अड्डे से अपने गंतव्यों को जाने के लिए लोगों की चहलकदमी साफ नजर आई. जिले की सड़कों पर वाहनों का आवागमन अभी भी लगातार जारी है.

अल्मोड़ा

बात करें अगर अल्मोड़ा की तो यहां की जनता ने जहां पहले दिन पीएम के जनता कर्फ्यू को समर्थन दिया. दूसरे दिन लॉकडाउन की घोषणा के बाद लोग सड़कों पर बात करते दिखाई दिए. लोग बाजारों में भारी संख्या में दिखाई दिए. वहीं, इलाके में सभी दुकानें बंद हैं.

ऋषिकेश

वहीं, कोरोना की वजह से सभी राज्यों में होटल और व्यावसायिक प्रतिस्ठान बंद हो रहे हैं. प्रतिस्थानों में काम करने वाले लोगों को भी घर भेजा जा रहा है. यही कारण है कि आज सुबह अचानक सैकड़ों गढ़वाल के लोग जो अन्य राज्यों में नौकरी कर वापस लौट रहे थे वे आइएसबीटी पर इक्कठा हो गए. जिसके बाद प्रशासन की टीम भी मौके पर पंहुची और उनके जाने की व्यवस्था की.

परेशान लोगों का कहना था कि एक दिन के जनता कर्फ्यू के बाद अचानक सब कुछ बन्द कर दिया गया. जिसकी वजह से उनको काफी परेशानी हो रही है. साथ ही रेस्टोरेंट और ढाबे बंद होने की वजह से भोजन और पानी तक नहीं मिल रहा है. वहीं लोगों ने कहा कि प्रशासन भी कुछ खास व्यवस्था नहीं कर पा रहा है.

लक्सर

सरकार ने पूरी तरीके से 31 मार्च तक लॉकडाउन की घोषणा कर दी गई और धारा 144 लगा दी है. साथ ही लोगों को नियमों का पालन करने की अपील की जा रही है. वहीं नगर में लॉकडाउन के बाद बाजारों से चहल-पहल गायब रही.

हालांकि लॉकडाउन में सिर्फ जरूरी व रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए छूट दी गई है. लेकिन कुछ दुकानदार इसका पालन नहीं कर रहे हैं. लक्सर की तहसील प्रशासन हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए है. तहसीलदार सुनैना राणा ने कहा कि जानकारी मिलने के बाद नगर पालिका की टीम को साथ लेकर लॉकडाउन का पालन नहीं करने वाले लोगों को समझाया जा रहा है.

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