पौड़ी: जिले के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) द्वारा की गई 253 घोषणाओं को लेकर पौड़ी डीएम ने संबंधित विभागों के साथ बैठक (Pauri DM held meeting with concerned departments) की. इस दौरान डीएम ने घोषणाओं की कार्य प्रगति रिपोर्ट पर विभागों को तलब किया. अधिकारियों ने बताया कि 253 घोषणाओं में से 170 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं. जबकि 51 शासन में लंबित हैं. वहीं, अन्य घोषणाओं की कछुआ चाल को लेकर डीएम ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई.
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डीएम विजय कुमार जोगदंडे (DM Vijay Kumar Jogdande) ने पौड़ी कलेक्ट्रेट सभागार (Pauri Collectorate Auditorium) में मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की विधानसभा वार समीक्षा बैठक ली. उन्होंने बताया जिले की सभी 6 विधानसभा सीटों में मुख्यमंत्री द्वारा जनहित में की गई घोषणाओं को लेकर कार्य किए जा रहे हैं. वहीं, कई योजनाओं की अभी तक डीपीआर तैयार नहीं हुई है. वहीं, कई घोषणाओं के लिए भूमि चिन्हीकरण की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है. सभी घोषणाएं वित्तीय वर्ष 2022 की हैं.
डीएम ने संबंधित अधिकारियों को डीपीआर और भूमि चिन्हित करने के लिए शीघ्रता से कार्य करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा जनपद के 6 विधानसभा क्षेत्रों में पिछले साल 253 घोषणाएं हुई हैं. इनमें से 170 पूर्ण हो चुकी हैं. जबकि 51 घोषणाएं शासन में लंबित हैं. वहीं, शेष घोषणाओं पर कार्य किया जा रहा है.
वहीं, बैठक में पौड़ी डीएम ने लंबित घोषणाओं को लेकर अधिकारियों को फटकार (Pauri DM reprimanded officers for pending announcements) लगाई. साथ ही एक महीने के भीतर विभाग स्तर पर लंबित घोषणाओं को शासन में प्रेषित करने के निर्देश दिए. डीएम ने विभागों में सीएम की घोषणाओं से संबंधित मामले लंबित नहीं रखने की हिदायत दी.
जंगल में आग की सूचना पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि: जंगलों में आग लगाने वालों की सूचना देने वाले को अब शासन एवं प्रशासन से प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी में है. सूचना देने वाले को शासन से 10 हजार तो प्रशासन की ओर से 500 रूपये दिए जाएंगे. यही नहीं सूचना देने वाले की जानकारी भी गोपनीय रखी जाएगी. डीएम डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने वन विभाग को वनाग्नि रोकने लिए अतिरिक्त गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
जिले में अभी तक 253 वनाग्नि की घटनाएं हो चुकी हैं. जिससे करीब 430 हेक्टेअर वन क्षेत्र आग की भेंट चढ़ चुका है. आग की इन घटनाओं से वन विभाग ने करीब 11.67 लाख की क्षति का आंकलन लगाया है. वनाग्नि की सर्वाधिक 124 घटनाएं सिविल एवं सोयम वन प्रभाग पौड़ी की हैं. जबकि आरक्षित वन क्षेत्रों में अभी तक 112 घटनाएं दर्ज हुई हैं. जिनमें गढ़वाल वन प्रभाग पौड़ी में 97, लैंसडाउन वन प्रभाग कोटद्वार में 13 तथा कालागढ़ वन प्रभाग लैंसडोन में दो घटनाएं हुई हैं.