कोटद्वार: उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने शिक्षा और आबकारी विभाग पर सख्ती दिखाते हुए अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वो जल्द ही निजी स्कूलों का निरीक्षण करेंगी. साथ ही शिक्षा विभाग पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत कोटद्वार में बच्चों को नियमानुसार प्रवेश नहीं मिल रहा है, ये शिक्षा विभाग की नाकामी को जाहिर करता है.
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्षा उषा नेगी ने परिवहन कर अधिकारी प्रथम शशि दूबे को निर्देश देते हुए कहा कि स्कूली बस के चालक और परिचालक का सत्यापन जरूर करें. अभी तक स्कूल में हो रही अधिकांश घटनाओं में चालक परिचालक की संलिप्ता पाई जा रही है. अगर उनका सत्यापन रहेगा तो उन्हें पकड़ने में आसानी होगी.
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नेगी ने बताया कि वो जल्द ही निजी और सरकारी स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगी. सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में कमी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी. प्रत्येक विद्यालय में 25 प्रतिशत बच्चों को शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत प्रवेश दिया जाना अतिआवश्यक है. वहीं, आबकारी विभाग के अधिकारी को फटकार लगाते हुए कहा कि सेस के पैसे का उपयोग मद्य निषेध जागरूकता कार्यक्रम में किया जाना चाहिए. इसके साथ ही बच्चों के भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से विद्यालयों का निरीक्षण करने को भी कहा.