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बिना पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र के पीटीए शिक्षक की नियुक्ति, RTI से खुलासा - PTA Teacher Appointment

आरटीआई से खुलासा हुआ है कि श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज दिउला में पीटीए शिक्षक की नियुक्ति बिना जाति प्रमाण पत्र के हुई है. मामले का खुलासा तब हुआ कि जब कांडाखाल के भारत भूषण बेलवाल ने आरटीआई से माध्यम से कॉलेज प्रशासन से सूचना मांगी. सूचना से पता चला कि पीटीए शिक्षक संतोष कुमार को 2 अक्टूबर 2012 से मानदेय प्राप्त हो रहा है. यह पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था.

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Published : Sep 2, 2021, 2:56 PM IST

कोटद्वार: दुगड्डा विकासखंड के श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज दिउला में व्यायाम शिक्षा में पीटीए शिक्षक की नियुक्ति पर सवाल उठने लगे हैं. आरटीआई से खुलासा हुआ है कि पीटीए शिक्षक का पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था, लेकिन कॉलेज प्रबंधक की शिक्षा समिति ने बिना पिछड़ी जाति आरक्षित प्रमाण पत्र लिए ही पीटीए शिक्षक को नियुक्ति दे दी है.

मामले का खुलासा तब हुआ कि जब कांडाखाल के भारत भूषण बेलवाल ने आरटीआई से माध्यम से कॉलेज प्रशासन से सूचना मांगी. सूचना में पता चला कि पीटीए शिक्षक संतोष कुमार को 2 अक्टूबर 2012 से मानदेय प्राप्त हो रहा है. यह पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था. संतोष कुमार ने इस पद के लिए आवेदन किया था कि वो पिछड़ी जाति से हैं. उन्होंने पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया है, जो कि दिनांक 27 फरवरी 2015 को प्राप्त हुआ है.

पीटीए शिक्षक की नियुक्ति में घपला

साथ ही कॉलेज प्रशासन की सूचना में यह भी अंकित है कि फरवरी 2015 से पूर्व का संबंधित शिक्षक का जाति प्रमाण पत्र विद्यालय में उपलब्ध नहीं है. शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन लंबे समय बाद भी जांच नहीं हुई. ऐसे में शिकायतकर्ता ने फिर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड शासन को पत्र भेजा, जिसमें फर्जी प्रमाण पत्रों पर शिक्षक की नियुक्ति होना और विगत 4 वर्षों से जांच की मांग करने पर जांच न होने की शिकायत की.

पढ़ें- इतने बदले कि हर जगह 'पूर्व' ही बैठे दिखते हैं, गणेश जोशी ने धामी को बताया पूर्व CM

सूचना के अधिकार में यह भी जानकारी प्राप्त हुई की उक्त शिक्षक को कोटद्वार तहसील से उत्तराखंड के अन्य पिछड़े वर्ग के लिए दो जाति प्रमाण पत्र अलग-अलग समय पर 16 मार्च 2017 और 27 फरवरी 2015 को निर्गत किए गए हैं, एक व्यक्ति को अन्य पिछड़े वर्ग के दो जाति प्रमाण पत्र देने में कोटद्वार तहसील भी जांच के दायरे में है.

कोटद्वार: दुगड्डा विकासखंड के श्री गुरु राम राय इंटर कॉलेज दिउला में व्यायाम शिक्षा में पीटीए शिक्षक की नियुक्ति पर सवाल उठने लगे हैं. आरटीआई से खुलासा हुआ है कि पीटीए शिक्षक का पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था, लेकिन कॉलेज प्रबंधक की शिक्षा समिति ने बिना पिछड़ी जाति आरक्षित प्रमाण पत्र लिए ही पीटीए शिक्षक को नियुक्ति दे दी है.

मामले का खुलासा तब हुआ कि जब कांडाखाल के भारत भूषण बेलवाल ने आरटीआई से माध्यम से कॉलेज प्रशासन से सूचना मांगी. सूचना में पता चला कि पीटीए शिक्षक संतोष कुमार को 2 अक्टूबर 2012 से मानदेय प्राप्त हो रहा है. यह पद पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित था. संतोष कुमार ने इस पद के लिए आवेदन किया था कि वो पिछड़ी जाति से हैं. उन्होंने पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र हेतु आवेदन किया है, जो कि दिनांक 27 फरवरी 2015 को प्राप्त हुआ है.

पीटीए शिक्षक की नियुक्ति में घपला

साथ ही कॉलेज प्रशासन की सूचना में यह भी अंकित है कि फरवरी 2015 से पूर्व का संबंधित शिक्षक का जाति प्रमाण पत्र विद्यालय में उपलब्ध नहीं है. शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन लंबे समय बाद भी जांच नहीं हुई. ऐसे में शिकायतकर्ता ने फिर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड शासन को पत्र भेजा, जिसमें फर्जी प्रमाण पत्रों पर शिक्षक की नियुक्ति होना और विगत 4 वर्षों से जांच की मांग करने पर जांच न होने की शिकायत की.

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सूचना के अधिकार में यह भी जानकारी प्राप्त हुई की उक्त शिक्षक को कोटद्वार तहसील से उत्तराखंड के अन्य पिछड़े वर्ग के लिए दो जाति प्रमाण पत्र अलग-अलग समय पर 16 मार्च 2017 और 27 फरवरी 2015 को निर्गत किए गए हैं, एक व्यक्ति को अन्य पिछड़े वर्ग के दो जाति प्रमाण पत्र देने में कोटद्वार तहसील भी जांच के दायरे में है.

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