पौड़ीः केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर में हुई नियुक्तियों में अनिमियत्ताओं के विरोध में अब छात्रों को नोटिस देने का काम किया जा रहा है. वहीं, छात्रों के समर्थन में अब आप नेता रविंद्र जुगरान भी सामने आ गए हैं. रविंद्र ने कहा कि गढ़वाल विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा छात्रों को डराने और धमकाने का कार्य किया जा रहा है, जबकि छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय में हो रही अनियमितताओं का विरोध किया जा रहा है, जो कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बहुत आवश्यक है.
उत्तराखंड आंदोलकारी व आम आदमी पार्टी के नेता रविंद्र जुगरान ने पौड़ी पहुंचकर मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय में नियुक्तियों में हुई अनियमितताओं के विरोध में जब छात्र आगे आ रहे हैं. तो वहीं, विश्वविद्यालय द्वारा उन्हें नोटिस थमाने का काम किया जा रहा है, जो कि सही नहीं है. उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा व चिकित्सा शिक्षण संस्थानों में हो रही अनियमितताओं को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है, जिसके चलते इनके हौसले और बुलंद होते जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि केंद्र विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय तकनीकी व मेडिकल शिक्षा संस्थान में नियुक्ति सहित कई अन्य मामलों में जमकर अनियमितता हो रही है. श्रीनगर विश्वविद्यालय में मानकों को ताक पर रखकर भाई-भतीजावाद के आधार पर नियुक्तियां की जा रही हैं. जब छात्र नेताओं ने इसके खिलाफ आवाज उठाई, तो विश्वविद्यालय की एक शिक्षिका ने छात्रों को कानूनी नोटिस थमा दिया है. जबकि, अनियमितताओं के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर की गई है.
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इसके साथ ही उन्होंने बताया कि गढ़वाल विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति के संबंध में हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालय में सेवारत शिक्षक लोक सेवा आयोग के सदस्य रहने के बाद अपनी सेवाओं पर वापस आए हैं, जो संविधान का उल्लंघन है. ऐसे मामलों को भी न्यायालय में चुनौती दी गई है और विश्वविद्यालय के जो कर्मठ छात्र हैं, वह ऐसी अनियमितताओं का विरोध करते हुए सामने आ रहे हैं और वह इन सभी छात्रों के साथ खड़े हैं. इन अनिमियत्ताओं का डटकर मुकाबला कर सभी लोगों का पर्दाफाश करने का काम किया जाएगा.