ETV Bharat / state

आसमान छू रहे सब्जियों के दाम, थाली से सलाद गायब, महंगाई की मार से लोग परेशान - vegetable prices increased

कुमाऊं में भारी बारिश से जहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, वहीं दूसरी ओर किसानों को भी खासा नुकसान हुआ है. हल्द्वानी में बरसे पानी ने सब्जियों को खासा नुकसान पहुंचाया है. सब्जी की पैदावार पर इस वर्षा का प्रतिकूल असर पड़ा है. सप्ताह भर में सब्जियों के दाम में कई गुना तक की वृद्धि (Vegetable prices increase in Haldwani) हो गई है. महंगी सब्जी के कारण लोगों की जेब ढीली हो रही है. यहां तक कि पहाड़ों से हल्द्वानी मंडी को आने वाले सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पा रही है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Oct 12, 2022, 7:31 AM IST

Updated : Oct 12, 2022, 7:37 AM IST

हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में भारी बारिश (haldwani heavy rain) ने किसानों की कमर तोड़ दी है. भारी बारिश का असर किसानों की पैदावार पर पड़ा है, जिससे उनकी फल सब्जी और फसलों को नुकसान पहुंचा है. पहाड़ पर किसानों के तैयार हो चुके मटर, बंद गोभी, फूल गोभी, के अलावा आलू की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. यहां तक कि पहाड़ों से हल्द्वानी मंडी (Haldwani Sabzi Mandi) को आने वाले सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पा रही है. इसके चलते हल्द्वानी मंडी में सब्जी के दाम (Vegetable Price in Haldwani) आसमान छू रहे हैं.

हल्द्वानी में बरसे पानी ने सब्जियों को खासा नुकसान पहुंचाया है. सब्जी की पैदावार पर इस वर्षा का प्रतिकूल असर पड़ा है. सप्ताह भर में सब्जियों के दाम में कई गुना तक की वृद्धि (Vegetable prices increase in Haldwani) हो गई है. महंगी सब्जी के कारण लोगों की जेब ढीली हो रही है. यहां तक कि पहाड़ों से हल्द्वानी मंडी को आने वाले सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पा रही है. सब्जी की कमी के चलते सब्जी के दाम में भी 20 से 30 प्रतिशत में इजाफा हो गया है. भारी बरसात के चलते सब्जी से जुड़े काश्तकारों को भारी नुकसान पहुंचा है. जहां काश्तकारों की करीब 80% सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई चुकी हैं, जो करीब 5 करोड़ के आसपास क्षति बताई जा रही है.

आसमान छू रहे सब्जियों के दाम
पढ़ें-नाशपाती उत्पादन से काश्तकारों ने मोड़ा मुंह, नहीं मिल रहे वाजिब दाम

यहां तक कि भारी बरसात के चलते कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी मंडी को भी भारी नुकसान पहुंचा है. पिछले 4 दिनों में हल्द्वानी मंडी को करीब चार से पांच करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हुआ है. हल्द्वानी मंडी के सब्जी फल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि भारी बरसात के चलते जहां पहाड़ से काश्तकारों को नुकसान पहुंचा है तो वहीं मंडी को भी भारी नुकसान पहुंचा है. पहाड़ के काश्तकारों के 80% सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. यहां तक की मार्ग बंद होने के चलते पहाड़ों से आने वाली सब्जियां मंडी तक नहीं आ रही हैं.

बंद गोभी ₹40 से बढ़कर ₹70 किलो बिक रही है. वहीं फूलगोभी ₹30 से बढ़कर ₹50 किलो बिक रही है, बात पहाड़ी आलू की करें तो आलू ₹30 से बढ़कर ₹50 किलो बिक रहा है. तोरई ₹30 से बढ़कर ₹45 किलो, लौकी ₹10 किलो से बढ़कर ₹25 किलो, बीन ₹40 किलो से बढ़कर 70 किलो बिक रहा है.
पढ़ें-'विद्या के लिए सरस्वती तो धन के लिए लक्ष्मी को पटाओ', BJP के 'दशरथ' बंशीधर भगत के विवादित बोल

जिससे मंडी में सब्जी के दामों में वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि बारिश का असर पहाड़ के मटर, आलू और गोभी पर पड़ा है. किसान गिरीश चंद्र का कहना है कि जिस तरह से उनकी फसलें भारी बारिश से बर्बाद हुई हैं, ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनकी फसलों का आकलन कर उनको मुआवजा दिया जाए. जिससे पहाड़ के सब्जी काश्तकारों को राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि बारिश ने सब्जियों को बर्बाद कर दिया है. ऐसे में किसानों की कमर टूट चुकी है. जिला उद्यान अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है. आकलन के बाद किसानों को मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी.

हल्द्वानी: कुमाऊं मंडल में भारी बारिश (haldwani heavy rain) ने किसानों की कमर तोड़ दी है. भारी बारिश का असर किसानों की पैदावार पर पड़ा है, जिससे उनकी फल सब्जी और फसलों को नुकसान पहुंचा है. पहाड़ पर किसानों के तैयार हो चुके मटर, बंद गोभी, फूल गोभी, के अलावा आलू की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. यहां तक कि पहाड़ों से हल्द्वानी मंडी (Haldwani Sabzi Mandi) को आने वाले सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पा रही है. इसके चलते हल्द्वानी मंडी में सब्जी के दाम (Vegetable Price in Haldwani) आसमान छू रहे हैं.

हल्द्वानी में बरसे पानी ने सब्जियों को खासा नुकसान पहुंचाया है. सब्जी की पैदावार पर इस वर्षा का प्रतिकूल असर पड़ा है. सप्ताह भर में सब्जियों के दाम में कई गुना तक की वृद्धि (Vegetable prices increase in Haldwani) हो गई है. महंगी सब्जी के कारण लोगों की जेब ढीली हो रही है. यहां तक कि पहाड़ों से हल्द्वानी मंडी को आने वाले सब्जी मंडी तक नहीं पहुंच पा रही है. सब्जी की कमी के चलते सब्जी के दाम में भी 20 से 30 प्रतिशत में इजाफा हो गया है. भारी बरसात के चलते सब्जी से जुड़े काश्तकारों को भारी नुकसान पहुंचा है. जहां काश्तकारों की करीब 80% सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई चुकी हैं, जो करीब 5 करोड़ के आसपास क्षति बताई जा रही है.

आसमान छू रहे सब्जियों के दाम
पढ़ें-नाशपाती उत्पादन से काश्तकारों ने मोड़ा मुंह, नहीं मिल रहे वाजिब दाम

यहां तक कि भारी बरसात के चलते कुमाऊं की सबसे बड़ी हल्द्वानी मंडी को भी भारी नुकसान पहुंचा है. पिछले 4 दिनों में हल्द्वानी मंडी को करीब चार से पांच करोड़ रुपए के कारोबार का नुकसान हुआ है. हल्द्वानी मंडी के सब्जी फल एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि भारी बरसात के चलते जहां पहाड़ से काश्तकारों को नुकसान पहुंचा है तो वहीं मंडी को भी भारी नुकसान पहुंचा है. पहाड़ के काश्तकारों के 80% सब्जी की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. यहां तक की मार्ग बंद होने के चलते पहाड़ों से आने वाली सब्जियां मंडी तक नहीं आ रही हैं.

बंद गोभी ₹40 से बढ़कर ₹70 किलो बिक रही है. वहीं फूलगोभी ₹30 से बढ़कर ₹50 किलो बिक रही है, बात पहाड़ी आलू की करें तो आलू ₹30 से बढ़कर ₹50 किलो बिक रहा है. तोरई ₹30 से बढ़कर ₹45 किलो, लौकी ₹10 किलो से बढ़कर ₹25 किलो, बीन ₹40 किलो से बढ़कर 70 किलो बिक रहा है.
पढ़ें-'विद्या के लिए सरस्वती तो धन के लिए लक्ष्मी को पटाओ', BJP के 'दशरथ' बंशीधर भगत के विवादित बोल

जिससे मंडी में सब्जी के दामों में वृद्धि हुई है. उन्होंने बताया कि बारिश का असर पहाड़ के मटर, आलू और गोभी पर पड़ा है. किसान गिरीश चंद्र का कहना है कि जिस तरह से उनकी फसलें भारी बारिश से बर्बाद हुई हैं, ऐसे में सरकार को चाहिए कि उनकी फसलों का आकलन कर उनको मुआवजा दिया जाए. जिससे पहाड़ के सब्जी काश्तकारों को राहत मिल सके. उन्होंने कहा कि बारिश ने सब्जियों को बर्बाद कर दिया है. ऐसे में किसानों की कमर टूट चुकी है. जिला उद्यान अधिकारी नरेंद्र कुमार ने बताया कि किसानों के नुकसान का आकलन किया जा रहा है. आकलन के बाद किसानों को मुआवजा देने की कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Oct 12, 2022, 7:37 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.