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भवाली उजाला एकेडमी में दो दिवसीय सेमिनार, उत्तराखंड में मानव तस्करी पर जताई गई चिंता - मानव अंग तस्करी

उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी भवाली के तत्वाधान में दो दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें खासकर उत्तराखंड में मानव तस्करी, लैंगिक न्याय और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान पर चर्चा की गई. वक्ताओं ने बताया कि उत्तराखंड मानव तस्करी के लिए काफी संवेदनशील राज्य है. खासकर सीमांत जिलों से लड़कियों की शादी के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग समेत कई गलत काम किए जा रहे हैं.

Uttarakhand Judicial and legal Academy Bhowali
भवाली उजाला एकेडमी में दो दिवसीय सेमिनार
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Published : Nov 21, 2022, 3:17 PM IST

नैनीतालः भवाली उजाला एकेडमी में ह्यूमन ट्रैफिकिंग जेंडर जस्टिस एंड अपलिफ्टमेंट ऑफ वीकर सेक्शन ऑफ सोसाइटी विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रविंद्र भट्ट, न्यायाधीश सुधांशु धूलिया समेत हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी (Uttarakhand High Court Chief Justice Vipin Sanghi) ने शिरकत की.

उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी भवाली यानी उजाला (Uttarakhand Judicial and legal Academy Bhowali) के तत्वाधान ह्यूमन ट्रैफिकिंग जेंडर जस्टिस एंड अपलिफ्टमेंट ऑफ वीकर सेक्शन ऑफ सोसाइटी (Human Trafficking, Gender Justice & upliftment of weaker sections of society) विषय पर दो दिवसीय न्यायिक सेमिनार आयोजन किया गया. दो दिवसीय सेमिनार में मानव तस्करी, लैंगिक न्याय पर अंकुश से संबंधित अदालतों और विधिक प्राधिकरणों की भूमिका, बचपन बचाव आंदोलन, प्रदत्त समता के मूल अधिकारों को रेखांकित किया गया. इसके अलावा विचाराधीन मुकदमों, महिलाओं पर घरेलू हिंसा, पॉक्सो आदि अपराधों को रोकने से संबंधित मुद्दों पर गहनता से चर्चा और परिचर्चा की गई.
ये भी पढ़ेंः पहाड़ी इलाकों से लड़कियों की तस्करी चिंताजनक, स्पा और मसाज सेंटर के लिए जल्द लागू होंगे नियम

सेमिनार में बताया गया कि समाज के कमजोर तबके के जनमानस तक इन कानूनों को लेकर जागरूकता में कमी है. जिसके लिए आम जनमानस को जागरूक करने की जरूरत है. सेमिनार में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को बताया गया कि लड़कियों की तस्करी के लिए उत्तराखंड बहुत संवेदनशील है. देशभर में उत्तराखंड के सीमांत जिलों से लोगों की तस्करी विशेषकर लड़कियों की शादी के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग समेत गलत कार्यों के लिए की जा रही है. जिस पर किसी का ध्यान नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट ने कहा कि मानव तस्करी (Human trafficking in Uttarakhand) इस समय की बड़ी गंभीर समस्या है. इसे रोकने पर कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सामान्य और शक्तिशाली लोग तो किसी न किसी तरीके से परेशानियों से बच जाते हैं, लेकिन उन्हें मिलकर कमजोर तबके के लोगों को अन्याय से बचाना है.

मानव तस्करी के बाद पीड़ितों से मानव अंग तस्करी, चाइल्ड लेबर (Child Labor in Uttarakhand) आदि कराए जाते हैं. गरीबी, शिक्षा की कमी, असुरक्षित माहौल, प्रलोभन आदि तस्करी के मुख्य कारण हैं, जिसमें से नौकरी और शादी का वादा करके फंसाया जाता है. लिहाजा, उनका मकसद इन पीड़ितों को केवल बचाने का नहीं, बल्कि उन्हें एक अच्छा माहौल देने का भी है.

नैनीतालः भवाली उजाला एकेडमी में ह्यूमन ट्रैफिकिंग जेंडर जस्टिस एंड अपलिफ्टमेंट ऑफ वीकर सेक्शन ऑफ सोसाइटी विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया. जिसमें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश रविंद्र भट्ट, न्यायाधीश सुधांशु धूलिया समेत हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी (Uttarakhand High Court Chief Justice Vipin Sanghi) ने शिरकत की.

उत्तराखंड न्यायिक एवं विधिक अकादमी भवाली यानी उजाला (Uttarakhand Judicial and legal Academy Bhowali) के तत्वाधान ह्यूमन ट्रैफिकिंग जेंडर जस्टिस एंड अपलिफ्टमेंट ऑफ वीकर सेक्शन ऑफ सोसाइटी (Human Trafficking, Gender Justice & upliftment of weaker sections of society) विषय पर दो दिवसीय न्यायिक सेमिनार आयोजन किया गया. दो दिवसीय सेमिनार में मानव तस्करी, लैंगिक न्याय पर अंकुश से संबंधित अदालतों और विधिक प्राधिकरणों की भूमिका, बचपन बचाव आंदोलन, प्रदत्त समता के मूल अधिकारों को रेखांकित किया गया. इसके अलावा विचाराधीन मुकदमों, महिलाओं पर घरेलू हिंसा, पॉक्सो आदि अपराधों को रोकने से संबंधित मुद्दों पर गहनता से चर्चा और परिचर्चा की गई.
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सेमिनार में बताया गया कि समाज के कमजोर तबके के जनमानस तक इन कानूनों को लेकर जागरूकता में कमी है. जिसके लिए आम जनमानस को जागरूक करने की जरूरत है. सेमिनार में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को बताया गया कि लड़कियों की तस्करी के लिए उत्तराखंड बहुत संवेदनशील है. देशभर में उत्तराखंड के सीमांत जिलों से लोगों की तस्करी विशेषकर लड़कियों की शादी के नाम पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग समेत गलत कार्यों के लिए की जा रही है. जिस पर किसी का ध्यान नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस रविंद्र भट्ट ने कहा कि मानव तस्करी (Human trafficking in Uttarakhand) इस समय की बड़ी गंभीर समस्या है. इसे रोकने पर कार्रवाई की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि सामान्य और शक्तिशाली लोग तो किसी न किसी तरीके से परेशानियों से बच जाते हैं, लेकिन उन्हें मिलकर कमजोर तबके के लोगों को अन्याय से बचाना है.

मानव तस्करी के बाद पीड़ितों से मानव अंग तस्करी, चाइल्ड लेबर (Child Labor in Uttarakhand) आदि कराए जाते हैं. गरीबी, शिक्षा की कमी, असुरक्षित माहौल, प्रलोभन आदि तस्करी के मुख्य कारण हैं, जिसमें से नौकरी और शादी का वादा करके फंसाया जाता है. लिहाजा, उनका मकसद इन पीड़ितों को केवल बचाने का नहीं, बल्कि उन्हें एक अच्छा माहौल देने का भी है.

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