नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने छोटा कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा कराने के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा एक निजी कंपनी को गुपचुप तरीके से बिना टेंडर के ठेका दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने राज्य सरकार, कुमाऊं मंडल विकास निगम, एमडी और जीएम से 13 जून तक जवाब पेश करने को कहा है.
मामले की अगली सुनवाई 13 जून की तिथि नियत की है. इस मामले में एनटीपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया है कि कुमाऊं मंडल विकास निगम ने छोटा कैलाश और ओम पर्वत की यात्रा कराने के लिए 15 मार्च को बिना टेंडर के डिवाइन मंत्रा कंपनी को आठ साल के लिए ठेका दे दिया है. साथ में कंपनी को कुमाऊं मंडल विकास निगम के लोगों को लगाने की अनुमति भी दी गयी है.
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याचिका में कहा गया है कि यह कम्पनी प्रति श्रद्धालु से 56 हजार रुपये ले रही है और सरकार को कुल 12 हजार 400 रुपये दे रही है. सरकार को निगम व कंपनी चूना लगा रहे हैं. जबकि सारी सुविधाएं कुमाऊं मंडल विकास निगम की तरफ से मुहैया कराई जानी है. कंपनी को कुमाऊं मंडल विकास निगम की तरफ से लाभ पहुंचाया जा रहा है. साथ ही श्रद्धालुओं को गुमराह किया जा रहा है. याचिका में कोर्ट से यह प्रार्थना की गई है कि इस अनुबंध को निरस्त किया जाए.