नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हरिद्वार के रुड़की तहसील के ग्राम ईमलीखेड़ा में अधिकारियों की मिलीभगत से नदी तट की भूमि के आवंटन किए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने प्राइवेट पार्टियों को दिए गए नोटिस के तामिल का संज्ञान लेते हुए अन्य लोगों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 24 मार्च 2024 की तिथि नियत की है.
मामले के मुताबिक, ईमलीखेड़ा निवासी अनुज कुमार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि रुड़की तहसील के ईमलीखेड़ा गांव की सोलानी नदी की तट की भूमि को अधिकारियों की मिलीभगत से पूंजीपतियों को आवंटित कर दी गई है. जबकि नदियों के किनारे किसी भी भूमि का ना तो रिहायशी और ना ही व्यवसाय के लिए आवंटन किया जा सकता है. याचिका में कहा गया है कि नदी भूमि के व्यवसायिक आवंटन से नदी के बहाव में रुकावट आएगी. इससे उसके आसपास रहने वाले लोगों को खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसलिए इसे निरस्त किया जाए.
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एक अन्य मामले पर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को बागेश्वर लोक निर्माण विभाग के आवासीय कॉलोनी में अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने एक शख्स के व्यावसायिक निर्माण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है.