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गन्ना तोल केंद्र बंद होने पर गुस्से में किसान, लगाया अनदेखी का आरोप

कालाढूंगी के कामोला क्षेत्र में गन्ना तोल केंद्र बीते 10 दिनों से बंद पड़ा है. ऐसे में गन्ना सूखने की कगार पर है. गुस्साए किसानों का कहना है कि इस नुकसान की भरपाई गन्ना समिति को करनी होगी.

sugarcane weighing center
गन्ना तोल केंद्र
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Published : Dec 29, 2019, 8:23 PM IST

कालाढूंगी: कामोला क्षेत्र में पिछले 10 दिनों से गन्ना तोल केंद्र बंद पड़ा है. इससे किसानों में भारी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि गन्ना तोल केंद्र बंद होने से गन्ना सूखने लगे हैं. उन्होंने गन्ना समिति पर अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है.

गन्ना तोल केंद्र बीते 10 दिनों से बंद.

किसानों का कहना है कि गन्ना तोल केंद्र बंद होने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. गुस्साए किसानों ने गन्ना तोल समिति पर जमकर नारेबाजी की. गन्ने के वजन में गिरावट आने से भी किसानों में मायूसी है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य गंगा सामंत ने बताया कि बन्दरजुड़ा और चुनाखान तोल केंद्र बंद होने से कामोला तोल केंद्र पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है. गन्ना समिति ने वक्त रहते मजदूरों और वाहनों की व्यवस्था नहीं की. जिसके चलते किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.

किसान गोविंद किरौला का कहना है कि उनका कीमती वक्त बर्बाद किया जा रहा है, जिससे वे लोग अपने रोजमर्रा के कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं. वहीं गन्ना कटाई के बाद गेहूं की बुआई करनी है, जो गन्ना समिति की लापरवाही के चलते नहीं हो पा रही है.

ये भी पढ़ें: अरविंद पांडेय ने दी गृह क्षेत्र की जनता को सौगात, कई सड़कों का किया शिलान्यास

गोविंद का कहना है कि किसानों की इस हालत का जिम्मेदार गन्ना समिति है. किसानों के हुए नुकसान की भरपाई भी गन्ना समिति को करनी होगी. साथ ही कहा कि गन्ना समिति की ये लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

कालाढूंगी: कामोला क्षेत्र में पिछले 10 दिनों से गन्ना तोल केंद्र बंद पड़ा है. इससे किसानों में भारी नाराजगी है. किसानों का कहना है कि गन्ना तोल केंद्र बंद होने से गन्ना सूखने लगे हैं. उन्होंने गन्ना समिति पर अनदेखी करने का भी आरोप लगाया है.

गन्ना तोल केंद्र बीते 10 दिनों से बंद.

किसानों का कहना है कि गन्ना तोल केंद्र बंद होने से उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. गुस्साए किसानों ने गन्ना तोल समिति पर जमकर नारेबाजी की. गन्ने के वजन में गिरावट आने से भी किसानों में मायूसी है.

क्षेत्र पंचायत सदस्य गंगा सामंत ने बताया कि बन्दरजुड़ा और चुनाखान तोल केंद्र बंद होने से कामोला तोल केंद्र पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है. गन्ना समिति ने वक्त रहते मजदूरों और वाहनों की व्यवस्था नहीं की. जिसके चलते किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है.

किसान गोविंद किरौला का कहना है कि उनका कीमती वक्त बर्बाद किया जा रहा है, जिससे वे लोग अपने रोजमर्रा के कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं. वहीं गन्ना कटाई के बाद गेहूं की बुआई करनी है, जो गन्ना समिति की लापरवाही के चलते नहीं हो पा रही है.

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गोविंद का कहना है कि किसानों की इस हालत का जिम्मेदार गन्ना समिति है. किसानों के हुए नुकसान की भरपाई भी गन्ना समिति को करनी होगी. साथ ही कहा कि गन्ना समिति की ये लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

Intro:कालाढुंगी के कामोला मै गन्ना तोल केंद्र पर चल रहा है हंगामा। किसानों ने गन्ना समिति पर लगाया अनदेखी का आरोप, किसानों ने बताया कि बीते 10 दिनों से गन्ना तोल केंद्र बन्द होने से किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक ओर गन्ना तोल बन्द होने से कामोला मैं सड़क पर जाम के हालात बन रहे है। 10 दिनों से तोल बन्द होने से किसानों का गन्ना सूखने की कगार पर है। गन्ना तोल समिति पर जमकर बरसे किसान।Body:कालाढुंगी के कामोला तोल केंद्र बीते 10 दिनों से बंद पड़ा है, किसान अपना आवश्यक काम धाम छोड़कर गन्ना तोल केंद्र पर बैठने को मजबूर है। बीते 10 दिनों से किसानों का गन्ना रखने से गन्ना सूखने से गन्ने के वजन मैं गिरावट आने के चलते किसानों को नुकसान हो रहा है जिसे देखने वाला कोई नही है। किसानों ने बताया कि बन्दरजुड़ा और चुनाखान तोल केंद्र बन्द होने से कामोला तोल केंद्र पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि गन्ना समिति के द्वारा वक़्त रहते मजदूरों और वाहनों की व्यवस्था नही होने से किसानों को नुकसान झेलना पड़ रहा है।
कामोला के किसान गोविंद किरौला ने बताया कि किसानों का कीमती वक़्त बर्बाद किया जा रहा है जिसके चलते बीते 10 दिनों से किसान अपने रोजमर्रा के कार्य नही कर पा रहा है एक ओर गन्ना कटाई के बाद गेहूं की बुवाई करनी है जो गन्ना समिति की लापरवाही के चलते नही हो पा रही है।Conclusion:क्षेत्र पंचायत सदस्य गंगा सामंत ने बताया कि किसानों के इस दशा का जिम्मेदार गन्ना समिति है और किसानों के हुए नुकसान की भरपाई भी गन्ना समिति द्वारा की जानी चाहिए और साथ ही बताया कि गन्ना समिति की ये लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नही की जाएगी और किसानों के नुकसान की भरपाई का जिम्मेदार बनना होगा।
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