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एनजीटी के निर्देश पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सख्त, नैनी झील को दूषित करने वाले होटल और गेस्ट हाउस पर होगी कार्रवाई

National Green Tribunal प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड ने होटल और घरेलू सीवरेज के ठोस अपशिष्ट को नैनी झील तक पहुंचने वाले बरसाती नालों में बहा रहे लोगों पर एक्शन लेने का मन बना लिया है. साथ ही प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि होटल या गेस्ट हाउस द्वारा झील को दूषित करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 28, 2023, 10:00 AM IST

Updated : Aug 28, 2023, 10:09 AM IST

एनजीटी के निर्देश पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सख्त

हल्द्वानी: नैनीताल झील को दूषित करने के मामले में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सुनवाई करते कड़ा रुख अपनाया है. हैरानी की बात है कि शहर सहित आसपास के इलाकों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बिना 148 से अधिक होटल चल रहे हैं. यही नहीं लापरवाही का आलय यह है कि लोग होटल और घरेलू सीवरेज के ठोस अपशिष्ट को नैनी झील तक पहुंचने वाले बरसाती नालों में बहा रहे हैं. ऐसे में अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड झील को दूषित करने वाले होटल और घरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.

प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक डीके जोशी ने बताया कि 22 अगस्त को एनजीटी में सुनवाई के दौरान मामला सामने आया है. नैनी झील को दूषित होने से बचाने के लिए समय-समय पर जल संस्थान और प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है घरों और होटल का सीवर का पानी झील में नहीं जाए, इसके लिए जल संस्थान द्वारा एसटीपी प्लांट लगाया गया है. उन्होंने कहा कि शहर में अधिकतर होटल,गेस्ट हाउस, होमस्टे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े हुए हैं. उसके बावजूद भी जल संस्थान से इनका उत्तर मांगा गया है कि शहर के होटल, गेस्ट हाउस कौन से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े हुए हैं.
पढ़ें-'टाइगर ऑफ फ्रेश रिवर' को लेकर अच्छी खबर, महाशीर मछली के लिए कोसी बैराज और नैनीताल झील बनी जीवन दायिनी

इसके अलावा पर्यटन विभाग से भी इसकी जानकारी मांगी गई है. जिसकी जल्द सूचना प्राप्त कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि 80% होटल और गेस्ट हाउस के ठोस अपशिष्ट निकासी की जांच की जा चुकी है. जबकि बहुत से होटल और गेस्ट हाउस ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के वेबसाइट पर लाइसेंस के लिए आवेदन भी किया है. लेकिन कुछ खामियां होने के चलते उनके आवेदक को वापस किया गया है. उनके द्वारा खामियां पूरा किए जाने पर उनको भी लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.
पढ़ें-सरोवर नगरी में बढ़ी सैलानियों की आमद, व्यापारियों के खिले चेहरे

उन्होंने कहा कि नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में कुछ ऐसे होटल और गेस्ट हाउस हैं. जिनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि किन एसटीपी प्लांट से जुड़े हुए हैं और उसे एसटीपी प्लांट की क्या स्थिति है इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है. किसी भी होटल या गेस्ट हाउस द्वारा झील को दूषित करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

एनजीटी के निर्देश पर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड सख्त

हल्द्वानी: नैनीताल झील को दूषित करने के मामले में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने सुनवाई करते कड़ा रुख अपनाया है. हैरानी की बात है कि शहर सहित आसपास के इलाकों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की अनुमति के बिना 148 से अधिक होटल चल रहे हैं. यही नहीं लापरवाही का आलय यह है कि लोग होटल और घरेलू सीवरेज के ठोस अपशिष्ट को नैनी झील तक पहुंचने वाले बरसाती नालों में बहा रहे हैं. ऐसे में अब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड झील को दूषित करने वाले होटल और घरों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है.

प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक डीके जोशी ने बताया कि 22 अगस्त को एनजीटी में सुनवाई के दौरान मामला सामने आया है. नैनी झील को दूषित होने से बचाने के लिए समय-समय पर जल संस्थान और प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड द्वारा मॉनिटरिंग की जाती है घरों और होटल का सीवर का पानी झील में नहीं जाए, इसके लिए जल संस्थान द्वारा एसटीपी प्लांट लगाया गया है. उन्होंने कहा कि शहर में अधिकतर होटल,गेस्ट हाउस, होमस्टे सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े हुए हैं. उसके बावजूद भी जल संस्थान से इनका उत्तर मांगा गया है कि शहर के होटल, गेस्ट हाउस कौन से सीवर ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े हुए हैं.
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इसके अलावा पर्यटन विभाग से भी इसकी जानकारी मांगी गई है. जिसकी जल्द सूचना प्राप्त कर ली जाएगी. उन्होंने कहा कि 80% होटल और गेस्ट हाउस के ठोस अपशिष्ट निकासी की जांच की जा चुकी है. जबकि बहुत से होटल और गेस्ट हाउस ने पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के वेबसाइट पर लाइसेंस के लिए आवेदन भी किया है. लेकिन कुछ खामियां होने के चलते उनके आवेदक को वापस किया गया है. उनके द्वारा खामियां पूरा किए जाने पर उनको भी लाइसेंस जारी कर दिया जाएगा.
पढ़ें-सरोवर नगरी में बढ़ी सैलानियों की आमद, व्यापारियों के खिले चेहरे

उन्होंने कहा कि नैनीताल के मल्लीताल क्षेत्र में कुछ ऐसे होटल और गेस्ट हाउस हैं. जिनकी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है कि किन एसटीपी प्लांट से जुड़े हुए हैं और उसे एसटीपी प्लांट की क्या स्थिति है इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है. किसी भी होटल या गेस्ट हाउस द्वारा झील को दूषित करते हुए पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated : Aug 28, 2023, 10:09 AM IST
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