हल्द्वानी: रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग-87 के चौड़ीकरण का काम पहले से ही कछुए की चाल से चल रहा था, लेकिन अब बजट के अभाव में काम की रफ्तार पूरी तरीके से ही रुक गई है. ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. अधूरे निर्माण के चलते सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, जिससे लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.
दरअसल मनमोहन सरकार ने रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की मंजूरी दी थी. 88 किलोमीटर की सड़क के प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में हो गई थी. लगभग 790 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को बनते हुए आज 7 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इस प्रोजेक्ट में अभी तक 40 प्रतिशत भी काम नहीं हो पाया है. रुद्रपुर से काठगोदाम तक एनएच का निर्माण भी इन दिनों ठप हो चुका है. बताया जा रहा है कि बजट और भूमि अधिग्रहण के अभाव में निर्माण कार्य में देरी हो रही है. आधा अधूरा निर्माण स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.
स्थानीय लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी लालकुआं से हल्द्वानी तक हो रही है. निर्माण कार्य में लापरवाही और देरी के कारण हाईवे जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मूकदर्शक बना हुआ है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड : CBI ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ केस दर्ज किया
जिलाधिकारी सविन बंसल ने देरी के चलते 2 महीने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और कार्यदायी संस्था के ऊपर इसका कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है.
वहीं, इस पूरे मामले में जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के साथ बैठक की जा रही है. उनको इस संबंध में निर्देशित कर निर्माण काम में तेजी लाया जाएगा.