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7 साल में भी पूरा नहीं हो पाया नेशनल हाईवे-87 का काम, अधर में लटका है 790 करोड़ का प्रोजेक्ट

रामपुर से काठगोदाम तक 88 किलोमीटर के सड़क निर्माण का काम बजट के अभाव में रुक गया. इसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, प्रशासन लोगों की परेशानियों पर कोई ध्यान नहीं है.

बदहाली के आलम में राष्ट्रीय राजमार्ग-87.
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Published : Oct 24, 2019, 10:47 AM IST

हल्द्वानी: रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग-87 के चौड़ीकरण का काम पहले से ही कछुए की चाल से चल रहा था, लेकिन अब बजट के अभाव में काम की रफ्तार पूरी तरीके से ही रुक गई है. ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. अधूरे निर्माण के चलते सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, जिससे लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

दरअसल मनमोहन सरकार ने रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की मंजूरी दी थी. 88 किलोमीटर की सड़क के प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में हो गई थी. लगभग 790 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को बनते हुए आज 7 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इस प्रोजेक्ट में अभी तक 40 प्रतिशत भी काम नहीं हो पाया है. रुद्रपुर से काठगोदाम तक एनएच का निर्माण भी इन दिनों ठप हो चुका है. बताया जा रहा है कि बजट और भूमि अधिग्रहण के अभाव में निर्माण कार्य में देरी हो रही है. आधा अधूरा निर्माण स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.

बदहाली के आलम में राष्ट्रीय राजमार्ग-87.

स्थानीय लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी लालकुआं से हल्द्वानी तक हो रही है. निर्माण कार्य में लापरवाही और देरी के कारण हाईवे जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मूकदर्शक बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड : CBI ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खिलाफ केस दर्ज किया

जिलाधिकारी सविन बंसल ने देरी के चलते 2 महीने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और कार्यदायी संस्था के ऊपर इसका कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है.

वहीं, इस पूरे मामले में जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के साथ बैठक की जा रही है. उनको इस संबंध में निर्देशित कर निर्माण काम में तेजी लाया जाएगा.

हल्द्वानी: रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग-87 के चौड़ीकरण का काम पहले से ही कछुए की चाल से चल रहा था, लेकिन अब बजट के अभाव में काम की रफ्तार पूरी तरीके से ही रुक गई है. ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को भी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. अधूरे निर्माण के चलते सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं, जिससे लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

दरअसल मनमोहन सरकार ने रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की मंजूरी दी थी. 88 किलोमीटर की सड़क के प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में हो गई थी. लगभग 790 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को बनते हुए आज 7 साल से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन इस प्रोजेक्ट में अभी तक 40 प्रतिशत भी काम नहीं हो पाया है. रुद्रपुर से काठगोदाम तक एनएच का निर्माण भी इन दिनों ठप हो चुका है. बताया जा रहा है कि बजट और भूमि अधिग्रहण के अभाव में निर्माण कार्य में देरी हो रही है. आधा अधूरा निर्माण स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है.

बदहाली के आलम में राष्ट्रीय राजमार्ग-87.

स्थानीय लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी लालकुआं से हल्द्वानी तक हो रही है. निर्माण कार्य में लापरवाही और देरी के कारण हाईवे जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, जिससे आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं. वहीं, जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण मूकदर्शक बना हुआ है.

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जिलाधिकारी सविन बंसल ने देरी के चलते 2 महीने पहले राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया था. काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए गए, लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और कार्यदायी संस्था के ऊपर इसका कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा है.

वहीं, इस पूरे मामले में जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के साथ बैठक की जा रही है. उनको इस संबंध में निर्देशित कर निर्माण काम में तेजी लाया जाएगा.

Intro:sammry- कछुआ गति से राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण सड़क का निर्माण पर्यटकों के लिए बन रहा है मुसीबत लगातार हो रहे हैं सड़क हादसे।

एंकर- रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग 87 चौड़ीकरण का काम पहले से ही कछुआ गति से चल रहा था लेकिन अब बजट के अभाव में काम अधूरा पड़ा है ऐसे में बाहर से आने वाले पर्यटकों के साथ साथ स्थानीय लोग को भी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं अधूरा निर्माण के चलते सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे हो चुके हैं जिससे लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।


Body:उत्तराखंड चीन की सीमा से लगा हुआ क्षेत्र हैं ऐसे में देश की सुरक्षा और उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा को देने के लिए यूपीए सरकार की मनमोहन सरकार ने रामपुर से काठगोदाम राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण की मंजूरी दी 88 किलोमीटर की सड़क के प्रोजेक्ट की शुरुआत 2012 में हो गई थी करीब 790 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को कछुआ गति से बनते हुए आज 7 साल से अधिक का समय हो चुका है। लेकिन इस प्रोजेक्ट में अभी भी 40% भी काम नहीं हो पाया है। यही नहीं रुद्रपुर से काठगोदाम तक एनएच का निर्माण इन दिनों ठप हो चुका है। बताया जा रहा है कि बजट और भूमि अधिग्रहण के अभाव में निर्माण कार्य में देरी हो रही है। बताया जा रहा था कि मानसून सीजन के चलते हैं निर्माण नहीं हो सकता था लेकिन अब मानसून सीजन भी खत्म हो चुका है लेकिन निर्माण कार्य ठप हो चुका है और आधा अधूरा निर्माण स्थानीय लोगों को साथ साथ पर्यटकों के लिए मुसीबत बन रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी लालकुआं से हल्द्वानी तक हो रहे निर्माण मैं लापरवाही बरती जा रही है हाईवे जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो चुका है और बड़े-बड़े गड्ढे के चलते आए दिन सड़क हादसे हो रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण देख कर भी मूकदर्शक बना हुआ है।

यही नहीं निर्माण में हो रही देरी के चलते 2 महीने पहले जिलाधिकारी सविन बंसल ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण पर एक करोड़ का जुर्माना भी लगाया था और काम में तेजी लाने के निर्देश भी दिए थे लेकिन राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और कार्यदाई संस्था के ऊपर इसका कोई असर पड़ता दिखाई तक नहीं दिया।


Conclusion:वहीं इस पूरे मामले में जिलाधिकारी नैनीताल सविन बंसल का कहना है कि राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के साथ बैठक की जा रही है और उनको इस संबंध में निर्देशित कर निर्माण काम में तेजी लाया जाएगा।

बाइट- सविन बंसल जिलाधिकारी नैनीताल
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