नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट में आज बदरीनाथ हेलीसेवा के लिए जारी टेंडर प्रक्रिया मामले की सुनवाई हुई. वहीं, सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने सरकार से पूछा है कि आखिर किस आधार पर लोगों को टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया गया जबकि, उनके ऊपर बकाया है. ऐसे में कोर्ट ने सरकार को इस मामले में दो दिनों के भीतर सरकार को जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं. वहीं, अब इस मामले की सुनवाई 6 जनवरी को होगी.
इस मामले अनुसार, हैरिटेज एविएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने बदरीनाथ के लिए हेलीसेवा का टेंडर निकाला है. ऐसे में उन्होंने भी इस टेंडर प्रक्रिया में प्रतिभाग किया था. परन्तु उनका टेंडर इस आधार पर निरस्त कर दिया था कि उनका डियूज क्लीयर नहीं था.
पढ़ें- हरिद्वार-देहरादून रोड पर भीषण हादसा, फ्लाईओवर से नीचे गिरी बाइक, युवक की मौत
याचिककार्ता का यह भी कहना है बाकि लोगों के भी डियूज क्लीयर नहीं है, फिर उनको कैसे टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया गया. जबकि, टेंडर नियमावली में स्पष्ट लिखा है कि टेंडर में वे ही लोग शामिल होंगे जिनके डियूज क्लीयर होंगे अन्यथा उनको टेंडर में शामिल नहीं किया जाएगा. बावजूद इसके इन लोगों को टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया गया. इस आधार पर हैरिटेज एविएशन को भी टेंडर प्रक्रिया में शामिल किया जाए.