नैनीतालः सन्निर्माण कर्मकार बोर्ड में हुए घोटाले का मामला नैनीताल हाईकोर्ट की शरण में पहुंच गया है. मामले को गंभीरता लेते हुए कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान की खंडपीठ ने सुनवाई की. साथ ही मामले में राज्य सरकार को 4 हफ्ते के भीतर अपना जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि काशीपुर निवासी खुर्शीद अहमद ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा है कि साल 2020 में सन्निर्माण कल्याण बोर्ड में श्रमिकों को टूल किट, साइकिल मशीन देने के लिए विज्ञापन जारी किया था. जिसके बाद बोर्ड की ओर से सामान खरीद गया, लेकिन इन सामान को खरीदने में बोर्ड के अधिकारियों की ओर से वित्तीय अनियमितता की गई. जब याचिकाकर्ता ने इसकी शिकायत अधिकारियों समेत राज्यपाल से की तो अक्टूबर 2020 में सरकार ने इस बोर्ड को भंग कर दिया.
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वहीं, बोर्ड का नया चेयरमैन शमशेर सिंह सत्याल को बनाया गया. जिसके बाद घोटाले की जांच नवनियुक्त चेयरमैन की ओर से कराई गई. जिसमें घोटाले की पुष्टि हुई और चेयरमैन के बाद एक घोटाले की जांच श्रम आयुक्त उत्तराखंड की ओर से की गई. जिसमें बड़े अधिकारियों समेत नेताओं के नाम सामने आए, लेकिन राज्य सरकार के द्वारा श्रम आयुक्त उक्त जांच से हटाकर नए जांच अधिकारी की नियुक्ति कर दी. जिससे जांच को प्रभावित किया जा सके.
नैनीताल हाईकोर्ट पहुंचे याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार की ओर से कुछ नेताओं और अधिकारियों को बचाने के लिए जांच अधिकारी को बदला गया है. अब जांच को प्रभावित किया जा रहा है. लिहाजा, उक्त घोटाले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी से की जाए. ताकि घोटाले में शामिल अधिकारी और नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. मामले को गंभीरता से लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने राज्य सरकार को स्थिति स्पष्ट कर 4 हफ्ते के भीतर जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.