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मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई, सरकार से मांगा जवाब

अनु पंत ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में लगातार तेंदुओं द्वारा लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जिसमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और वन्यजीवों के हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं.

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मानव वन्यजीव संघर्ष को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई
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Published : Jun 16, 2022, 3:26 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए के हमलों और वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने वन विभाग सहित राज्य सरकार से 4 सप्ताह में तेंदुए के हमलों को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर शपथ पत्र पेशकर जवाब दाखिल करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 13 जुलाई की तिथि नियत की है.

बता दें कि देहरादून निवासी अनु पंत ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में लगातार तेंदुओं द्वारा लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जिसमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और वन्यजीवों के हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं. वन विभाग द्वारा 2000-2020 में 75 तेंदुओं को आदमखोर घोषित कर मारने की इजाजत दी गई है जबकि तेंदुओं के आतंक के कारण कई लोग गावों से पलायन कर चुके हैं.

पढ़ें- नेशनल हेराल्ड मामले पर कांग्रेस का राजभवन कूच, केंद्र पर लगाया आवाज दबाने का आरोप

याचिकाकर्ताओं का कहना है जिस तरह अन्य वन्यजीवों को संरक्षित करने के नीति बनाई है. उसी तरह की नीति तेंदुओं और ग्रामीणों के बीच संघर्ष को लेकर एक्सपर्ट कमेटी गठन की जाए. ताकि तेंदुए और इंसान दोनों को बचाया जा सके. ऐसे में कोर्ट की खंडपीठ ने वन विभाग सहित राज्य सरकार से 4 सप्ताह में तेंदुए के हमलों को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर शपथ पत्र पेशकर जवाब दाखिल करने को कहा है.

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने ग्रामीण क्षेत्रों में तेंदुए के हमलों और वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने वन विभाग सहित राज्य सरकार से 4 सप्ताह में तेंदुए के हमलों को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर शपथ पत्र पेशकर जवाब दाखिल करने को कहा है. ऐसे में अब इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 13 जुलाई की तिथि नियत की है.

बता दें कि देहरादून निवासी अनु पंत ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश में लगातार तेंदुओं द्वारा लोगों पर हमले की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. जिसमें कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और वन्यजीवों के हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं. वन विभाग द्वारा 2000-2020 में 75 तेंदुओं को आदमखोर घोषित कर मारने की इजाजत दी गई है जबकि तेंदुओं के आतंक के कारण कई लोग गावों से पलायन कर चुके हैं.

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याचिकाकर्ताओं का कहना है जिस तरह अन्य वन्यजीवों को संरक्षित करने के नीति बनाई है. उसी तरह की नीति तेंदुओं और ग्रामीणों के बीच संघर्ष को लेकर एक्सपर्ट कमेटी गठन की जाए. ताकि तेंदुए और इंसान दोनों को बचाया जा सके. ऐसे में कोर्ट की खंडपीठ ने वन विभाग सहित राज्य सरकार से 4 सप्ताह में तेंदुए के हमलों को लेकर उठाए जा रहे कदमों पर शपथ पत्र पेशकर जवाब दाखिल करने को कहा है.

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