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हाईकोर्ट पहुंचा अमनमणि त्रिपाठी को बदरीनाथ के लिए पास जारी करने का मामला - अमनमणि त्रिपाठी केस सुनवाई

उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृकर्म के नाम पर 2 मई से 7 मई तक बदरीनाथ जाने के लिए पास जारी किया था. यह मामला अब नैनीताल होईकोर्ट पहुंच गया है.

nainital high court
अमनमणि त्रिपाठी
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Published : May 23, 2020, 8:56 AM IST

नैनीतालः यूपी के बहुचर्चित विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों को बदरीनाथ तक पास जारी करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को पास निर्गत करने वाले सभी अधिकारियों को याचिका में पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अब मामले में अगली सुनवाई 29 मई को होगी.

बता दें कि, देहरादून निवासी आलोक घिल्डियाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृकर्म के नाम पर 2 मई से 7 मई तक बदरीनाथ जाने के लिए सरकार ने पास जारी किया था. पास में उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश (पहले) और देहरादून के अपर जिलाधिकारी राम जी सारण के हस्ताक्षर थे, लेकिन विधायक के काफिले को चमोली पुलिस ने कर्णप्रयाग में रोक लिया और बदरीनाथ नहीं जाने दिया.

ये भी पढ़ेंः उत्तर प्रदेश: सीएम योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी, एफआईआर दर्ज

इसके बाद विधायक का काफिला कर्णप्रयाग से वापस लौट आया था. आलोक घिल्डियाल ने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को उन अधिकारियों को याचिका में पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने विधायक को लॉकडाउन के दौरान पास निर्गत किया था.

नैनीतालः यूपी के बहुचर्चित विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों को बदरीनाथ तक पास जारी करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मामले में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को पास निर्गत करने वाले सभी अधिकारियों को याचिका में पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं. वहीं, अब मामले में अगली सुनवाई 29 मई को होगी.

बता दें कि, देहरादून निवासी आलोक घिल्डियाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश के विधायक अमनमणि त्रिपाठी और उनके साथियों को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता के पितृकर्म के नाम पर 2 मई से 7 मई तक बदरीनाथ जाने के लिए सरकार ने पास जारी किया था. पास में उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश (पहले) और देहरादून के अपर जिलाधिकारी राम जी सारण के हस्ताक्षर थे, लेकिन विधायक के काफिले को चमोली पुलिस ने कर्णप्रयाग में रोक लिया और बदरीनाथ नहीं जाने दिया.

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इसके बाद विधायक का काफिला कर्णप्रयाग से वापस लौट आया था. आलोक घिल्डियाल ने मांग की कि इस पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए. मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश रमेश खुल्बे की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को उन अधिकारियों को याचिका में पक्षकार बनाने के निर्देश दिए हैं, जिन्होंने विधायक को लॉकडाउन के दौरान पास निर्गत किया था.

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