हल्द्वानी: राज्य में तीन दिनों हुई भारी बारिश के चलते उत्तराखंड में सबसे ज्यादा नुकसान नैनीताल जनपद को उठाना पड़ा है. इन तीन दिनों में हुई बारिश की वजह से नैनीताल में 30 से अधिक लोगों की जान गई है. तो वहीं 50 करोड़ से अधिक की सरकारी संपत्ति की बर्बाद हुआ है. जिलाधिकारी ने आपदा से हुए नुकसान के आकलन के लिए प्रशासन की 20 टीमें गठित की है, जो नुकसान का आकलन कर शासन को भेजा जाएगा.
जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने कहा कि आपदा में नैनीताल जिले को सरकारी संपत्ति के तौर पर करीब 50 करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा है. नुकसान का आकलन किया जा रहा है और यह और अधिक होने की संभावना बताई जा रही है. जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ और आर्मी के डोगरा टीम के जवानों ने बेहतर काम करते हुए बहुत से लोगों की रेस्क्यू कर जानें बचाई हैं. एयर फोर्स के तीन हेलीकॉप्टर ने बेहतर काम करते हुए जगह-जगह फंसे लोगों को रेस्क्यू कर उनको बाहर निकाल सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का काम किया है.
जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा से सबसे ज्यादा नुकसान कैची धाम-अल्मोड़ा मार्ग पर हुआ है. जहां मलबा आने और सड़क टूटने से काफी क्षति हुई है. जहां भारी संख्या में पर्यटक फंस गए थे. जिनको आर्मी के जवानों ने सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर बाहर निकाला था. कुछ जगहों पर अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. जहां एयर फोर्स के टीम के साथ-साथ स्थानीय पुलिस और एसडीआरएफ की टीम काम कर रही है.
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उन्होंने बताया कि आपदा से हुए नुकसान के लिए जिला प्रशासन द्वारा 20 टीमें गठित की गई है. जो रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेंगे. इसके अलावा पहाड़ पर बंद सड़कों को जल्द खोलने और उनको पुनर्निर्माण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है और काम युद्ध स्तर पर चल रहा है.