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उत्तराखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने जारी की अधिसूचना, वादकारियों को मिलेगी राहत - नैनीताल हाईकोर्ट न्यूज

उत्तराखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने अधिसूचना जारी की है कि अब बाहरी स्टेशनों पर तैनात अपर जिला न्यायाधीशों के अधिकार क्षेत्र के सत्र, आपराधिक व जमानत आदि से जुड़े मामले अब उन्हीं की कोर्ट में पंजीकृत कर सुनें जाएंगे.

Nainital High Court
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Published : Nov 19, 2022, 9:42 PM IST

नैनीताल: जिला मुख्यालय से बाहरी स्टेशनों पर तैनात अपर जिला न्यायाधीशों के अधिकार क्षेत्र के सत्र, आपराधिक व जमानत आदि से जुड़े मामले अब उन्हीं की कोर्ट में पंजीकृत कर सुनें जाएंगे. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है.

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, अबतक सत्र मामले और आपराधिक अपीलें, जो बाहरी स्टेशनों में स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र के होते हैं. उन्हें जिला मुख्यालय में दायर किये जाते थे. उसके बाद इन मामलों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के संबंधित क्षेत्राधिकार न्यायालयों में स्थानांतरित/सुपुर्द किया जाता था. जिससे वादकारियों को असुविधा हो रही थी.

पढ़ें- उत्तराखंड सरकार राजद्रोह मामले में वापस नहीं लेगी एसएलपी, विवाद के बाद बदला फैसला

इसलिये सीआरपीसी की धारा 194, 381(2) और 400 के मद्देनजर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने वादकारियों की कठिनाई को देखते हुए निर्देश दिया है कि बाहरी स्टेशनों के अपर जिला न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से संबंधित सत्र मामले, आपराधिक अपील, आपराधिक संशोधन और जमानत आवेदन प्राप्त किए जाएंगे. जिन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय द्वारा पंजीकृत, सुना और निपटाया जाएगा और यदि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के एक से अधिक न्यायालय हैं, तो वरिष्ठतम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश इन्हें सुनेंगे.

नैनीताल: जिला मुख्यालय से बाहरी स्टेशनों पर तैनात अपर जिला न्यायाधीशों के अधिकार क्षेत्र के सत्र, आपराधिक व जमानत आदि से जुड़े मामले अब उन्हीं की कोर्ट में पंजीकृत कर सुनें जाएंगे. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से यह अधिसूचना जारी की गई है.

हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, अबतक सत्र मामले और आपराधिक अपीलें, जो बाहरी स्टेशनों में स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र के होते हैं. उन्हें जिला मुख्यालय में दायर किये जाते थे. उसके बाद इन मामलों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशों के संबंधित क्षेत्राधिकार न्यायालयों में स्थानांतरित/सुपुर्द किया जाता था. जिससे वादकारियों को असुविधा हो रही थी.

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इसलिये सीआरपीसी की धारा 194, 381(2) और 400 के मद्देनजर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने वादकारियों की कठिनाई को देखते हुए निर्देश दिया है कि बाहरी स्टेशनों के अपर जिला न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से संबंधित सत्र मामले, आपराधिक अपील, आपराधिक संशोधन और जमानत आवेदन प्राप्त किए जाएंगे. जिन्हें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय द्वारा पंजीकृत, सुना और निपटाया जाएगा और यदि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के एक से अधिक न्यायालय हैं, तो वरिष्ठतम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश इन्हें सुनेंगे.

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