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उत्तराखंड में आशा वर्कर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल, जानिए वजह - protest at haldwani women district hospital gate

प्रदेश की सभी आशा वर्कर्स 12 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चलीं गई हैं. इससे स्वास्थ्य विभाग के कई काम प्रभावित हो रहे हैं.

asha worker news
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Published : Aug 2, 2021, 1:59 PM IST

हल्द्वानी: 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश की आशा कार्यकर्ता संगठन आज से पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. आशा वर्कर्स के हड़ताल पर चले जाने से कोरोना टीकाकरण और पोलियो ड्रॉप अभियान सहित कई काम प्रभावित हो रहे हैं.

हल्द्वानी में आशा वर्कर्स ने महिला जिला अस्पताल गेट पर प्रदर्शन करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अपनी मांगों को लेकर पिछले कई सालों से लड़ाई लड़ती आ रहीं हैं. 15 साल से उनको सरकार द्वारा वेतन तक नहीं दिया जा रहा है, केवल प्रोत्साहन राशि और कमीशन के माध्यम से उनसे काम कराया जा रहा है. ऐसे में उनको एकमुश्त मानदेय दिया जाए, जिससे कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हो सके.

आशा वर्करों की अनिश्चितकालीन हड़ताल.

आशा वर्करों का कहना है कि उनको किसी तरह का मेडिकल, बीमा, स्थाई नौकरी तक नहीं दी जा रही है. इससे उनका भविष्य अधर में है. कोरोना काल के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल की, लेकिन उनको कोई सहायता राशि नहीं दी गई. ना ही कोई सुरक्षा उपकरण दिये गये. उनको फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स भी घोषित नहीं किया गया.

पढ़ें- CM धामी ने किया मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना का शुभारंभ, निराश्रित बच्चे होंगे लाभान्वित

आशा वर्करों ने राज्य सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक प्रदेश की सभी आशा कार्यकर्ता कार्य बहिष्कार के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगी.

हल्द्वानी: 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश की आशा कार्यकर्ता संगठन आज से पूरे प्रदेश में कार्य बहिष्कार कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई हैं. आशा वर्कर्स के हड़ताल पर चले जाने से कोरोना टीकाकरण और पोलियो ड्रॉप अभियान सहित कई काम प्रभावित हो रहे हैं.

हल्द्वानी में आशा वर्कर्स ने महिला जिला अस्पताल गेट पर प्रदर्शन करते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि अपनी मांगों को लेकर पिछले कई सालों से लड़ाई लड़ती आ रहीं हैं. 15 साल से उनको सरकार द्वारा वेतन तक नहीं दिया जा रहा है, केवल प्रोत्साहन राशि और कमीशन के माध्यम से उनसे काम कराया जा रहा है. ऐसे में उनको एकमुश्त मानदेय दिया जाए, जिससे कि उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हो सके.

आशा वर्करों की अनिश्चितकालीन हड़ताल.

आशा वर्करों का कहना है कि उनको किसी तरह का मेडिकल, बीमा, स्थाई नौकरी तक नहीं दी जा रही है. इससे उनका भविष्य अधर में है. कोरोना काल के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की देखभाल की, लेकिन उनको कोई सहायता राशि नहीं दी गई. ना ही कोई सुरक्षा उपकरण दिये गये. उनको फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स भी घोषित नहीं किया गया.

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आशा वर्करों ने राज्य सरकार पर उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक प्रदेश की सभी आशा कार्यकर्ता कार्य बहिष्कार के साथ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगी.

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