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Holika Dahan 2019: इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा, इन बातों को रखें विशेष ध्यान

पंडित व्यास पांडे के मुताबिक आज सुबह 09:12 से रात्रि 08:12तक भद्रा रहेगी. भद्रा को विघ्नकारक माना जाता है. इस दौरान होलिका दहन से हानि एवं अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसीलिए भद्रा काल छोड़कर होलिका दहन किया जाता है.

इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
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Published : Mar 20, 2019, 11:21 AM IST

हल्द्वानी: आज होलिका दहन है. सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर परिवार के लिए सुख शांति के लिए होलिका माता से कामना कर रही हैं. सुबह 09:12 से रात्रि 08:00 तक भद्रा रहेगी, लिहाजा आज रात को 8 बजे के बाद होलिका दहन होगा. साथ ही होलिका दहन के रंग खेलना शुरू हो जाता है.

इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

पढ़ें-साहसिक खेल संचालकों को नैनीताल हाई कोर्ट का नोटिस, सांस्कृतिक विरासत को पहुंचा रहे नुकसान

फागुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन ही होलिका दहन किया जाता है. पंडित व्यास पांडे के मुताबिक आज सुबह 09:12 से रात्रि 08:12तक भद्रा रहेगी. भद्रा को विघ्नकारक माना जाता है. इस दौरान होलिका दहन से हानि एवं अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसीलिए भद्रा काल छोड़कर होलिका दहन किया जाता है.

ऐसे करें होलिका माता का पूजन
होलिका दहन की पूजा के लिए महिला पूर्व या उत्तर दिशा की और मुंह करके होलिका माता की रोली, चावल, फूल, गुलाल व हल्दी से पूजा करें. इसके साथ ही कच्चे सूत को होलिका के चारों और 5 या 7 बार परिक्रमा करते हुए लपेट और शुद्ध जल के साथ होलिका माता की पूजा करें. इसके अलावा होलिका दहन के समय गेहूं, जौ, गन्ने की बालियों को उसमें भून कर अपने सगे संबंधियों को बांटे. इससे परिवार में खुशहाली और सुख समृद्धि बनी रहती है.

हल्द्वानी: आज होलिका दहन है. सुबह से ही महिलाएं पारंपरिक परिधान पहनकर परिवार के लिए सुख शांति के लिए होलिका माता से कामना कर रही हैं. सुबह 09:12 से रात्रि 08:00 तक भद्रा रहेगी, लिहाजा आज रात को 8 बजे के बाद होलिका दहन होगा. साथ ही होलिका दहन के रंग खेलना शुरू हो जाता है.

इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा

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फागुन मास की पूर्णिमा तिथि को होली का पर्व मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन ही होलिका दहन किया जाता है. पंडित व्यास पांडे के मुताबिक आज सुबह 09:12 से रात्रि 08:12तक भद्रा रहेगी. भद्रा को विघ्नकारक माना जाता है. इस दौरान होलिका दहन से हानि एवं अशुभ फलों की प्राप्ति होती है. इसीलिए भद्रा काल छोड़कर होलिका दहन किया जाता है.

ऐसे करें होलिका माता का पूजन
होलिका दहन की पूजा के लिए महिला पूर्व या उत्तर दिशा की और मुंह करके होलिका माता की रोली, चावल, फूल, गुलाल व हल्दी से पूजा करें. इसके साथ ही कच्चे सूत को होलिका के चारों और 5 या 7 बार परिक्रमा करते हुए लपेट और शुद्ध जल के साथ होलिका माता की पूजा करें. इसके अलावा होलिका दहन के समय गेहूं, जौ, गन्ने की बालियों को उसमें भून कर अपने सगे संबंधियों को बांटे. इससे परिवार में खुशहाली और सुख समृद्धि बनी रहती है.

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