नैनीताल: प्रदेश के सबसे बड़े छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए इस मामले की जांच कर रहे एसआईटी के दोनों जांच अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ को 11 अगस्त को नैनीताल हाईकोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि दोनों जांच अधिकारी अब तक मामले में की गई वास्तविक जांच रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करेंगे.
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बता दें कि गुरुवार को छात्रवृत्ति घोटाला मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया गया कि अब तक मामले में प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं की गई है. जिसके बाद कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्य न्यायाधीश ने जांच अधिकारियों को रिपोर्ट के साथ कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं.
दरअसल, देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. उन्होंने कहा है कि समाज कल्याण विभाग ने साल 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति नहीं दिया है. जिससे स्पष्ट होता है कि साल 2003 से अब तक विभाग की ओर से करोड़ों रुपए का घोटाला किया गया है.
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वहीं, साल 2017 में इसपर जांच के लिए पूर्व सीएम हरीश रावत ने एसआईटी गठित कर तीन माह में जांच पूरा करने का आदेश दिया था. इस पर आगे की कार्रवाई नहीं हो सकी, साथ ही याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए.