नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने उधम सिंह नगर के गुलजारपुर में 300 एकड़ फॉरेस्ट लैंड पर खनन माफिया द्वारा एक हजार से ज्यादा पेड़ों की कटाई कर सड़क निर्माण किए जाने के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने वनभूमि में खनन माफिया द्वारा बनाई गई चारों सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाकर 24 घंटे निगरानी करने की बात कही. साथ ही हाईकोर्ट ने एसएसपी उधमसिंह नगर को बैरिकेडिंग्स पर वन विभाग के कर्मचारियों के साथ पुलिस बल तैनात करने को भी कहा.
पूर्व के आदेश पर आज रामनगर रेंज के डीएफओ कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुए. उन्होंने कोर्ट को अवगत कराया कि अवैध खनन को रोकने के लिए उनके पास कर्मचारियों का अभाव है. जिसकी वजह से अवैध खनन माफिया सक्रिय हो रहे हैं. कर्मचारियों को इनसे जानमाल का खतरा भी बना रहता है.
बता दें उधम सिंह नगर के गुलजारपुर निवासी प्रेमपाल ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि गुलजारपुर में 300 एकड़ में फैले जंगल की वनभूमि में अवैध खनन माफियाओं द्वारा वन भूमि को खुर्दबुर्द किया गया है. साथ ही यहां एक हजार से ज्यादा पेड़ों को काटकर वनभूमि में 7 किलोमीटर सड़क का निर्माण कर दिया है. याचिकाकर्ता का कहना है कि वन विभाग और खनन माफियाओं की मिलीभगत से वनभूमि में सड़क का निर्माण किया गया है. जिसकी जांच की जानी चाहिए. उन्होंने बताया यह प्रतिबंधित क्षेत्र है. इसमें किसी को भी जाने के अनुमति नहीं है. उसके बाद यहां खनन का अवैध व्यवसाय वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहा है.