नैनीताल: हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के निर्माण को लेकर चल रहा विवाद नैनीताल हाईकोर्ट पहुंच गया है. शुक्रवार को हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश सुधांशु धूलिया और आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में इस मामले पर सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और उत्तराखंड सरकार के साथ यूपी सरकार व जीएसआई (भारतीय पुरातत्व विभाग) को भी नोटिस जारी कर अपना जवाब कोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं.
ये है पूरा मामला
उत्तराखंड सिख फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष गुरदेव सिंह सोहता ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव के पहली बार हरिद्वार आने पर तत्कालीन लंढौरा नरेश ने अपनी हवेली में ज्ञान गोदड़ी यानी प्रवचन आयोजित करवाए थे. जिसके बाद से हरकी पैड़ी में गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी के लिए जगह आवंटित की थी, जो 1976 तक इस स्थान पर रही. लेकिन 1976 में हरकी पैड़ी के सौंदर्यीकरण के नाम पर गुरुद्वारा ज्ञान गोदड़ी को वहां से हटा दिया गया था, तब सरकार ने आश्वसान दिया था कि सिखों को दोबारा हरकी पैड़ी पर दिया जाएगा. लेकिन आज तक उनको ज्ञान गोदड़ी के लिए कोई स्थान नहीं दिया गया और न उस स्थान पर सिखों का पवित्र चिह्न स्थापित किया गया.
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साथ ही याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि 1976 सरकार इस मसले पर उन्हें इधर-उधर भटका रही है. थक- हारकर उन्हें अब उन्होंने हाई कोर्ट की शरण में आना पड़ा है. पूर्व में राज्य सरकार ने उनको गुरुद्वारा निर्माण के लिए जो जगह आवंटित की भी गई थी वह उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन आती है. जिस वजह से वहां आज तक गुरुद्वारे का निर्माण नहीं हो सका.