नैनीताल: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग में करीब 500 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रूख अपना लिया है. कोर्ट ने मामले जांच कर रही एसआईटी के दोनों अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ को किसी के दबाव में आए बिना जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.
छात्रवृत्ति घोटाले मामले में बुधवार को नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस दौरान जांच अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ कोर्ट भी कोर्ट में पेश हुए थे. दोनों ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया था. लेकिन कोर्ट जांच ने सतुष्ट नहीं दिखा. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिए है. इस दौरान कोर्ट ने दोनों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि किसी भी दबाव में आए बिना जांच की पूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द कोर्ट में पेश की जाए.
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बता दें कि राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिक दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि 2003 से अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया. जिससे पता चलता है कि समाज कल्याण विभाग में करोड़ो रुपए का घोटाला हुआ है.
जुगरान ने अपनी याचिका में बताया था कि 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. तीन माह के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी.
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बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने जांच अधिकारियों को लापरवाही न बरतने और बिना किसी दबाव में जांच करने के निर्देश दिए है.