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छात्रवृत्ति घोटाला: हाई कोर्ट ने SIT को जांच में तेजी लाने के दिए आदेश

बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने जांच अधिकारियों को लापरवाही न बरतने और बिना किसी दबाव में जांच करने के निर्देश दिए है.

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Published : Sep 12, 2019, 7:55 AM IST

नैनीताल हाई कोर्ट

नैनीताल: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग में करीब 500 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रूख अपना लिया है. कोर्ट ने मामले जांच कर रही एसआईटी के दोनों अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ को किसी के दबाव में आए बिना जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

छात्रवृत्ति घोटाले मामले में बुधवार को नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस दौरान जांच अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ कोर्ट भी कोर्ट में पेश हुए थे. दोनों ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया था. लेकिन कोर्ट जांच ने सतुष्ट नहीं दिखा. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिए है. इस दौरान कोर्ट ने दोनों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि किसी भी दबाव में आए बिना जांच की पूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द कोर्ट में पेश की जाए.

पढ़ें- कैलाश मानसरोवर यात्रा: शिव भक्तों का आखिरी जत्था पहुंचा हल्द्वानी, जवानों का किया धन्यवाद

बता दें कि राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिक दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि 2003 से अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया. जिससे पता चलता है कि समाज कल्याण विभाग में करोड़ो रुपए का घोटाला हुआ है.

जुगरान ने अपनी याचिका में बताया था कि 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. तीन माह के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी.

पढ़ें- मसूरी-यमुनोत्री हाईवे भूस्खलन के कारण बंद, वाहनों की लगी कतारें

बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने जांच अधिकारियों को लापरवाही न बरतने और बिना किसी दबाव में जांच करने के निर्देश दिए है.

नैनीताल: उत्तराखंड समाज कल्याण विभाग में करीब 500 करोड़ रुपए के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रूख अपना लिया है. कोर्ट ने मामले जांच कर रही एसआईटी के दोनों अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ को किसी के दबाव में आए बिना जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं.

छात्रवृत्ति घोटाले मामले में बुधवार को नैनीताल हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी. इस दौरान जांच अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ कोर्ट भी कोर्ट में पेश हुए थे. दोनों ने कोर्ट में अपना जवाब पेश किया था. लेकिन कोर्ट जांच ने सतुष्ट नहीं दिखा. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों को विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिए है. इस दौरान कोर्ट ने दोनों को स्पष्ट निर्देश दिए है कि किसी भी दबाव में आए बिना जांच की पूरी रिपोर्ट जल्द से जल्द कोर्ट में पेश की जाए.

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बता दें कि राज्य आंदोलनकारी रविंद्र जुगरान ने नैनीताल हाई कोर्ट में एक जनहित याचिक दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि 2003 से अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया. जिससे पता चलता है कि समाज कल्याण विभाग में करोड़ो रुपए का घोटाला हुआ है.

जुगरान ने अपनी याचिका में बताया था कि 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. तीन माह के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए थे, लेकिन इसमें आगे कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. याचिकाकर्ता ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी.

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बुधवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने जांच अधिकारियों को लापरवाही न बरतने और बिना किसी दबाव में जांच करने के निर्देश दिए है.

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प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी को दिए स्वतंत्र रूप से चार्ज करने के आदेश।

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प्रदेश के बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रहे एसआईटी के दोनों जांच अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ को घोटाले के मामले में दोनों जांच अधिकारियों को बगैर सरकार और किसी के दबाव में जाँच पूरी कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए है,
छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में आज हाईकोर्ट के आदेश पर दोनों जांच अधिकारी आईजी संजय गुंज्याल और टीसी मंजूनाथ कोर्ट में पेश हुए, और छात्रवृत्ति के मामले में उन्होंने अपना जवाब कोर्ट में पेश किया, दोनों की जांच से कोर्ट में संतुष्ट ना होने पर विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं और दोनों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बगैर सरकार के और किसी अन्य के दबाव में जांच कर उसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द कोर्ट में पेश करें।Body:आपको बतादे की राज्य आंदोलनकारी रविन्द्र जुगरान ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि समाज कल्याण विभाग द्वारा 2003 से अब तक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों का छात्रवृत्ति का पैसा नहीं दिया गया जिससे स्पष्ट होता है कि 2003 से अब तक विभाग द्वारा करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया है,,, जबकी 2017 में इसकी जांच के लिए पुर्व मुख्यमन्त्री द्वारा एसआईटी गठित की गयी थी और 3 माह के भीतर जांच पूरी करने को भी कहा था परन्तु इस पर आगे की कोई कार्यवाही नही हो सकी,,,, Conclusion:साथ ही याचिकाकर्ता का यह भी कहना है कि इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए,,, आज मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीष रमेश रंगनाथन और न्यायाधीष आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ ने मामले में शख्त रूख अपनाते हुए घोटाले की जांच कर रहे जांच अधिकारियों को संजय गुंज्याल को आदेश दिया कि वह मामले में लापरवाही न बरतें और बिना किसी दबाव में जांच करें ।


बाईट - एम सी पंत, अधिवक्ताध्याचिकाकर्ता ।
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