नैनीतालः नैनी झील की धमनियां कहे जाने वाले नालों के कार्य को लेकर अब जिला प्रशासन संजीदा हो गया है. जल्द ही झील में गिरने वाले इन नालों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. जिससे बरसात के दौरान पानी पूरी तरह से झील में आ सके और नैनीताल की पहाड़ियों में भूस्खलन को रोका जा सके.
जानकारी के मुताबिक, सिंचाई विभाग की ओर से नैनीताल के करीब 61 नालों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. जिसमें सिंचाई विभाग नाला नंबर 1 से लेकर 21 तक करीब 497.46 लाख और नाला नंबर 23 से 60 तक 205.60 लाख के कार्य करेगा. ऐसे में माना जा रहा है कि अब झील में पानी की कमी नहीं होगी. साथ ही भूस्खलन की समस्या से भी निजात मिलेगी.
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बता दें कि ब्रिटिश काल में साल 1880 के दौरान जबरदस्त भूस्खलन हुआ था. जिसमें करीब 158 भारतीय और ब्रिटिश मूल के लोगों की मौत हो गई थी. जिसके बाद ब्रिटिश शासकों ने नैनी झील और नैनीताल को संरक्षित करने के लिए नैनीताल में करीब 61 नालों का निर्माण किया. बरसात के दौरान नैनीताल की पहाड़ियों से बारिश का पानी इन नालों से एकत्रित होकर नैनी झील में आता था.
जिस वजह से आज भी नैनीताल का वजूद कायम है, लेकिन बीते कुछ सालों से नैनीताल की धमनियों कहे जाने वाले नालों का अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा था. जिसे देखते हुए अब जिला प्रशासन संजीदा हो चला है. प्रशासन की ओर से इन नालों को दुरुस्त व संरक्षित करने के कार्य शुरू किया जा रहा है.