हल्द्वानी: पहाड़ के ज्यादातर पुल और पुलिया अंग्रेजों के जमाने के हैं, जो जर्जर हालत में है या जिनकी चौड़ाई काफी कम हैं. जिसके चलते अक्सर सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. ऐसे में अब पीडब्ल्यूडी इन पुलों को पुनर्निर्माण की कार्रवाई करने जा रहा है. जिसमें पुलो की लंबाई और चौड़ाई बढ़ाई जाएगी.
लोनिवि के मुख्य अभियंता दीपक यादव (PWD Chief Engineer Deepak Yadav) ने बताया कि शासन के निर्देश पर नैनीताल जिले में 21 और उधमसिंह नगर में 19 छोटे बड़े पुल और पुलिया हैं, जिनका पुनर्निर्माण होना है. उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले में ज्यादातर पुल पुलिया लोहे की बनी हुई है, जो अंग्रेजों की जमाने की है. जबकि, उधम सिंह नगर में सीमेंटेड पुल पुलिया हैं. जिनका पुनर्निर्माण होना है. यह सभी काफी पुराने हैं, जो जर्जर हालत में है या इनकी चौड़ाई और लंबाई कम है. जिसके चलते अक्सर सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है. इन सभी को देखते हुए इन पुलों का पुनर्निर्माण किया जाना है.
यह सभी पुल बी लोडिंग क्लास के थे. जिनका पुनर्निर्माण होने के बाद अब ए लोडिंग क्लास में परिवर्तन किया जाएगा. नैनीताल जिले की सबसे बड़ी रामनगर भडारपानी पुल की लंबाई 125 मीटर (Ramnagar Bhadarpani Bridge) है. मुख्य अभियंता ने बताया कि पहले चरण में एक पुल का सर्वे, डीपीआर और डिजाइन बनी है. जिसके लिए शासन से करीब 3.5 करोड़ का बजट मांगा गया है. मुख्य अभियंता ने बताया कि सर्वे डीपीआर और डिजाइन के लिए शासन से बजट मिलते ही प्रथम चरण का काम शुरू कर दिया जाएगा.
उन्होंने बताया कि नैनीताल जिले के ज्यादातर पुल लोहे के बने (Dilapidated bridge of Nainital) हुए हैं. अब इनको अत्याधुनिक तरीके से बनाने का काम किया जाएगा. जिससे कि लैंडस्लाइड से पुलों को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंचे. साथ ही इसकी चौड़ाई पर भी विशेष फोकस (Bridge Repairing in Nainital) रखा जाएगा. जिससे पहाड़ों पर लगने वाला जाम से निजात मिल सके.
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