ETV Bharat / state

हल्द्वानी: दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटी रही आशा वर्कर्स - हल्द्वानी हिंदी समाचार

हल्द्वानी में विभिन्न मांगों को लेकर सैकड़ों आशा कार्यकत्रियों का दूसरे दिन भी हड़ताल जारी है. आशाओं ने मांगें पूरी न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

asha workers strike
आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल
author img

By

Published : Aug 8, 2020, 2:11 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर यूनियन के बैनर तले प्रदेशभर की आशा कार्यकत्रियां हड़ताल पर हैं. हड़ताल का आज दूसरा दिन है. हल्द्वानी में भी सैकड़ों आशा कार्यकत्रियों ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटी रही आशा वर्कर्स.

आशा कार्यकर्ता प्रदेश सरकार से अपने नियमितीकरण और 18 हजार रुपए न्यूनतम वेतन सहित कोरोनाकाल में बचाव उपकरण की मांग के साथ ही अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि सरकार उन्हें न्यूनतम 18 हजार रुपये वेतनमान और पुरानी आशा कार्यकत्रियों को स्थाई नौकरी देने की मांग की. साथ ही कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए उन्हें पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर सहित अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराया जाएं.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल की लक्ष्मीबाई तीलू रौतेली, कत्यूरों को युद्ध में दी मात

वहीं, आशा कार्यकत्रियों का आरोप है कि सरकार उनसे वर्तमान में जितना काम ले रही है, उसका उचित भुगतान नहीं मिल रहा है. ऐसे में उन्हें अपना परिवार चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि पिछले काफी समय से उन पर अत्यधिक काम का बोझ लादा गया है.

ये भी पढ़ें: देहरादून: हेलीकॉप्टर समिट का आयोजन, प्रदेश को हवाई सेवा से जोड़ने पर चर्चा

आशा कार्यकत्रियों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार उनकी समस्त मांगों को जल्द पूरा नहीं करती है तो प्रदेशभर की आशा वर्कर्स उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगी. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. आशा कार्यकत्रियों ने बताया कि हड़ताल का कल अंतिम दिन भारत छोड़ो आंदोलन दिवस है. इस मौके पर ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर बुद्ध पार्क को में घरना देंगी.

हल्द्वानी: उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर यूनियन के बैनर तले प्रदेशभर की आशा कार्यकत्रियां हड़ताल पर हैं. हड़ताल का आज दूसरा दिन है. हल्द्वानी में भी सैकड़ों आशा कार्यकत्रियों ने प्रदर्शन कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटी रही आशा वर्कर्स.

आशा कार्यकर्ता प्रदेश सरकार से अपने नियमितीकरण और 18 हजार रुपए न्यूनतम वेतन सहित कोरोनाकाल में बचाव उपकरण की मांग के साथ ही अन्य मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि सरकार उन्हें न्यूनतम 18 हजार रुपये वेतनमान और पुरानी आशा कार्यकत्रियों को स्थाई नौकरी देने की मांग की. साथ ही कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए उन्हें पीपीई किट, मास्क और सैनिटाइजर सहित अन्य सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराया जाएं.

ये भी पढ़ें: गढ़वाल की लक्ष्मीबाई तीलू रौतेली, कत्यूरों को युद्ध में दी मात

वहीं, आशा कार्यकत्रियों का आरोप है कि सरकार उनसे वर्तमान में जितना काम ले रही है, उसका उचित भुगतान नहीं मिल रहा है. ऐसे में उन्हें अपना परिवार चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उनका कहना है कि पिछले काफी समय से उन पर अत्यधिक काम का बोझ लादा गया है.

ये भी पढ़ें: देहरादून: हेलीकॉप्टर समिट का आयोजन, प्रदेश को हवाई सेवा से जोड़ने पर चर्चा

आशा कार्यकत्रियों ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर प्रदेश सरकार उनकी समस्त मांगों को जल्द पूरा नहीं करती है तो प्रदेशभर की आशा वर्कर्स उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगी. जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी. आशा कार्यकत्रियों ने बताया कि हड़ताल का कल अंतिम दिन भारत छोड़ो आंदोलन दिवस है. इस मौके पर ट्रेड यूनियन के साथ मिलकर बुद्ध पार्क को में घरना देंगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.