हल्द्वानी: प्रदेश में सड़कों की बदहाल स्थिति किसी से छुपी नहीं है, आज भी कई सड़कों पर लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करते हैं. पर्वतीय क्षेत्रों में सफर के लिए दिलोदिमाग में मौजूद सुखद एहसास भी सड़क गड्ढों में उछलती-कूदती गाड़ियों में गुम होकर रह जाता है. यह स्थिति पर्वतीय क्षेत्रों की ही नहीं, मैदानी क्षेत्रों में भी कमोवेश ऐसी ही स्थिति देखने को मिलती है.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड में पिछले 7 सालों में 1241 सड़कों का निर्माण किया गया है. जबकि, प्रदेश में अभी भी 336 सड़कों के निर्माण का कार्य चल रहा है. जबकि, 125 निर्माण कार्य रुका हुआ है. सभी सड़कों का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है.
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वहीं, हल्द्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत इस बारे में विभाग से जानकारी मांगी थी. जिसमें लोक निर्माण विभाग ने बताया है कि पिछले सात सालों में 6 योजनाओं के तहत अलग-अलग मदों के माध्यम से सड़कों के निर्माण कार्य के लिए 897148.11 लाख रुपए का बजट मिला है.
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आरटीआई कार्यकर्ता हेमंत गोनिया का कहना है कि इतना बजट खर्च करने के बाद भी प्रदेश में सड़कों की स्थिति बदहाल है. ऐसे में प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस बदहाल सड़कों को ठीक करें, जिससे पहाड़ के लोगों को यात्रा में परेशानियों का सामना न करना पड़े.