हरिद्वार: प्रदेश सरकार के लाख दावों के बावजूद सरकारी विभागों में रिश्वतखोरी का खेल रुकने का नाम नहीं ले रहा है. देहरादून से आई विजिलेंस विभाग की विशेष टीम ने शनिवार दोपहर कनखल क्षेत्र के एक बिजली घर पर छापेमारी कर एक अधिकारी को ₹20,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि रिश्वत मांगने की शिकायत बीजेपी पार्षद ने की थी. टीम ने फिलहाल रिश्वतखोर अधिकारी को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. वहीं, आरोपी एसडीओ को 8 घंटे बाद भी विजिलेंस टीम देहरादून नहीं ले गई है. ऐसे में गुस्साए विद्युत कर्मियों ने रात करीब 8:30 बजे बिजली घर के बाहर जमकर हंगामा किया.
बता दें कि कनखल क्षेत्र में भाजपा पार्षद के भाई से बिजली कनेक्शन के नाम पर 20 हजार की रिश्वत मांगने पर देहरादून की विजिलेंस टीम ने एसडीओ को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. आरोपी एसडीओ कनेक्शन के लिए चार महीने से पीड़ित को चक्कर कटा रहा था. गिरफ्तारी के बाद विजिलेंस ने बंद कमरे में घंटों तक एसडीओ से पूछताछ की. वहीं, इस कार्रवाई से ऊर्जा निगम कर्मियों में हड़कंप मचा रहा. वहीं, देर शाम तक भी विजिलेंस की टीम आरोपी एसडीओ को अपने साथ गिरफ्तार कर देहरादून नहीं ले गई. जिस पर कर्मचारियों ने अपना रोष व्यक्त किया है.
कर्मचारियों का कहना है कि यदि एसडीओ को पकड़ा गया है तो उसे तत्काल गिरफ्तार कर अपने साथ देहरादून ले जाना चाहिए था लेकिन विजिलेंस टीम उन्हें कार्यालय में बिठाकर दोपहर से ही उनका उत्पीड़न कर रही है. आलम ये है कि एसडीओ कार्यालय में बैठे रो रहे हैं. विद्युत कर्मी देहरादून से आई टीम से लगातार यह पूछ रहे थे कि 8 घंटे से आखिर उनसे ऐसी क्या पूछताछ की जा रही है जबकि कानून बोलता है कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद आरोपी को टीम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करें. वहीं, विजिलेंस टीम का कहना है कि अभी वह मौके पर लिखा पढ़ी कर रही है, जिसके बाद आरोपी को देहरादून ले जाया जाएगा.
क्या था मामला: जगजीतपुर के राजा गार्डन से भाजपा पार्षद लोकेश पाल के भाई महेश पाल ने खोखरा तिराहा के पास नया मकान बनाया है. मकान में बिजली का कनेक्शन लेने के लिए उन्होंने चार महीने पहले ऑनलाइन आवेदन किया था लेकिन एसडीओ संदीप शर्मा कभी निरीक्षण तो कभी निचले कर्मचारियों की रिपोर्ट का बहाना बनाते हुए टाल मटोल कर रहा था. आरोप है कि एसडीओ ने कनेक्शन की एवज में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी. पीड़ित ने इसकी सूचना विजिलेंस के टोल फ्री नंबर 1064 पर दी.
जिसके बाद विजिलेंस ने एसडीओ को रंगे हाथ पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया. तय योजना के अनुसार शनिवार दोपहर महेश पाल पैसे लेकर पहुंचा. जैसे ही एसडीओ ने रकम हाथ में पकड़ी, विजिलेंस ने रंगे हाथ दबोच लिया. इससे ऊर्जा निगम कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई. विजिलेंस टीम ने घंटों तक पूछताछ करने के साथ ही दफ्तर में फाइलें भी खंगाली. वहीं, भाजपा पार्षद द्वारा इस मामले में स्वयं एसडीओ को फोन किया था, जिसपर उसने साफ कहा कि आप पार्षद हो इसलिए आपको पांच हजार की छूट देता हूं. आप पंद्रह हजार जमा करा देना.
पहली बार लगा इतना समय: इससे पहले भी हरिद्वार में कई बार विजिलेंस टीम की छापेमारी में सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जा चुके हैं. वैसे ही बिल्कुल जैसे आज विद्युत विभाग के एसडीओ को टीम ने 20,000 की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया लेकिन इससे पहले कभी ऐसा देखने में नहीं आया कि विजिलेंस की टीम ने इतने घंटे तक कार्यालय में बैठी रही. वहीं, कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर भी अब विजिलेंस टीम सवालों के घेरे में है. आखिर इतने घंटे लगाकर टीम कौन सी जांच कर रही है?