हरिद्वार: आखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद आरोपों में फंसे उनके शिष्य आनंद गिरि की लाइफ स्टाइल से हर कोई वाकिफ है. हरिद्वार में बन रहा उनका आलीशान आश्रम इस बात की तस्दीक करता है कि वह अपने आश्रम में हर ऐशो-आराम की वह चीज तैयार करवा रहे थे जो शायद ही किसी आश्रम में होती होगी.
बताया जाता है कि एक बार आनंद गिरि खुद ऑस्ट्रेलिया में महिला से छेड़छाड़ के मामले में फंस चुके हैं. हालांकि, जेल जाने के बाद उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी. इतना ही नहीं बीती 28 जुलाई को वे उस समय भी चर्चाओं में आ गए थे, जब ऋषिकेश-हरिद्वार मार्ग पर उनकी गाड़ी नदी के बीचों-बीच फंस गई थी. मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने आनंद गिरि की गाड़ी को पानी से बाहर निकलवाया था. ऊपर तस्वीर में दिख रही गाड़ी उसी समय की है.
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स्थानीय लोग बताते हैं कि उस गाड़ी में महिला भी मौजूद थी. काफी जद्दोजहद के बाद उनकी लग्जरी गाड़ी को पानी से निकाल लिया गया. आनंद गिरि से भी इस मामले में बातचीत की गई तो उन्होंने पहले तो अपनी गाड़ी होने से ही इनकार किया था. बाद में कहा कि हो सकता है कि उनकी गाड़ी कोई लेकर चला गया हो.
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हालांकि, मौके पर मौजूद लोग कहते हैं कि बीती 28 जुलाई की शाम को करीब 3:00 बजे आनंद गिरि ही ऋषिकेश की तरफ जा रहे थे. जब इस बारे में उस वक्त आनंद गिरि से पूछा गया तो उन्होंने पहले तो गाड़ी से होने से ही इंकार कर दिया लेकिन बाद में इस बात को कबूला कि उनकी गाड़ी ही ऋषिकेश-चीला मार्ग पर फंसी थी. वहीं, प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि गाड़ी में आनंद गिरि के साथ एक महिला मौजूद थी, जो गाड़ी का सनरूफ खोलकर खड़ी दिखाई दे रही थी.
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बता दें कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी अपने सुसाइड नोट में इस बात का जिक्र किया है कि आनंद गिरि किसी महिला के साथ उनका फोटो लगाकर उन्हें बदनाम कर सकता है. नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट पर लिखा है कि,
'मैं महंत गिरि, वैसे तो मैं 13 सितंबर 2021 को आत्महत्या करने जा रहा था लेकिन हिम्मत नहीं कर पाया. आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि एक-दो दिन में आनंद गिरि कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से मेरी फोटो लगाकार किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए फोटो वायरल कर देगा.मैंने सोचा कहां-कहां सफाई दूंगा. एक बार तो मैं बदनाम हो जाऊंगा. मैं जिस पद पर हूं, वह गरिमामयी पद है. सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चलेगा, लेकिन मैं तो बदनाम हो जाऊंगा. इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं. जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी एवं उसका लड़का संदीप तिवारी है.'