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रक्षाबंधन पर रामदेव की देशवासियों से अपील, स्वदेशी अपनाकर रुपए को करें मजबूत - रक्षाबंधन

रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जहां पंतजलि योगपीठ में महिलाओं ने योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को रक्षासूत्र बांधकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. वहीं, बाबा रामदेव ने आज के दिन देशवासियों अपील की है कि वे विदेशों सामानों को छोड़कर स्वेदशी वस्तुओं का उपयोग करें. इससे देश की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी और भारतीय रूपया भी मजबूत होगा. हम विदेशी वस्तुओं का इस्तेमाल करके डॉलर को मजबूत कर रहे हैं.

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Published : Aug 11, 2022, 6:50 PM IST

Updated : Aug 11, 2022, 8:15 PM IST

हरिद्वार: पंतजलि योगपीठ में रक्षाबंधन का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. पंतजलि योगपीठ में महिलाओं ने योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को रक्षासूत्र बांधकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. बाबा रामदेव इस मौके पर पंतजलि योगपीठ की तरफ से एक अभियान की शुरुआत की. आज के दिन से पंतजलि योगपीठ हर दिन हर एक बहन के स्वास्थ्य रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है.

इसके साथ ही बाबा रामदेव ने देशवासियों से अपील की है कि स्वदेशी वस्तुओं की ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. भारतीय विदेशी सामानों को खरीदकर डॉलर मजबूत और अपने देश का रुपए के कमजोर कर रहे हैं. यदि भारतीय विदेशी सामानों पर ज्यादा निर्भर कर रहेंगे तो भारत आर्थिक रूप से कमजोर पड़ेगा. इसलिए इस रक्षाबंधन पर सभी देशवासी संकल्प लें कि वे विदेशी वस्तुयों का त्याग कर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएंगे. तभी ये देश आर्थिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ेगा.

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उपनयन संस्कार का कार्यक्रम
पढ़ें- रक्षाबंधन पर ही खुलते हैं भगवान श्री वंशीनारायण मंदिर के कपाट, जानिए पौराणिक महत्व

पंतजलि योगपीठ के उत्पाद सिर्फ एक सामान ही नहीं है, बल्कि इनके साथ स्वाभिमान, स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता जुड़ा है. इसके साथ ही पंतजलि के उत्पादक विदेशी सामानों का एक विकल्प भी है. अब स्वदेशी अपना कर विदेशी उत्पादों को मुंह तोड़ जवाब देने का समय आ गया है.

इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज श्रावणी उपाकर्म का भी दिन है, जो यज्ञोपवीत का भी प्रतीकात्मक है. भारतवर्ष के कुछ इलाको में इस पर्व को जनेऊ पूर्णिमा भी कहते हैं. आज के दिन मुख्य रूप से यज्ञोपवीत का दिन है. आज के दिन बच्चों को नूतन यज्ञोपवीत धारण करवाया जाता है. उनका उपनयन संस्कार किया जाता है. इस कार्य के लिये आज का दिन सर्वोत्तम माना जाता है. आज भी ऐसी परम्परा है कि जिस गुरु ने अपने शिष्य को यज्ञोपवीत धारण कराया, वह गुरु सदैव उसकी रक्षा करेगा.

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सक्षम व्यक्ति ही निर्बल की सहायता करता है और गुरु सदैव अपने शिष्यों की रक्षा के लिए सक्षम होता है. इसलिये भाई को बहनों की रक्षा के लिए अधिक सक्षम माना जाता है. आज हिंदू संस्कृति की रक्षा करने के लिये सभी हिंदू भाइयों को सिर पर शिखा और तन पर जनेऊ धारण करने की आवश्यकता है.
पढ़ें- शेर पर मचा शोर, उत्तराखंड में अशोक स्तंभ के डिजाइन पर कांग्रेस ने उठाए सवाल

हरिद्वार: पंतजलि योगपीठ में रक्षाबंधन का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया. पंतजलि योगपीठ में महिलाओं ने योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को रक्षासूत्र बांधकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया. बाबा रामदेव इस मौके पर पंतजलि योगपीठ की तरफ से एक अभियान की शुरुआत की. आज के दिन से पंतजलि योगपीठ हर दिन हर एक बहन के स्वास्थ्य रक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है.

इसके साथ ही बाबा रामदेव ने देशवासियों से अपील की है कि स्वदेशी वस्तुओं की ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. भारतीय विदेशी सामानों को खरीदकर डॉलर मजबूत और अपने देश का रुपए के कमजोर कर रहे हैं. यदि भारतीय विदेशी सामानों पर ज्यादा निर्भर कर रहेंगे तो भारत आर्थिक रूप से कमजोर पड़ेगा. इसलिए इस रक्षाबंधन पर सभी देशवासी संकल्प लें कि वे विदेशी वस्तुयों का त्याग कर स्वदेशी उत्पादों को अपनाएंगे. तभी ये देश आर्थिक उन्नति की दिशा में आगे बढ़ेगा.

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पंतजलि योगपीठ के उत्पाद सिर्फ एक सामान ही नहीं है, बल्कि इनके साथ स्वाभिमान, स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता जुड़ा है. इसके साथ ही पंतजलि के उत्पादक विदेशी सामानों का एक विकल्प भी है. अब स्वदेशी अपना कर विदेशी उत्पादों को मुंह तोड़ जवाब देने का समय आ गया है.

इस दौरान आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि आज श्रावणी उपाकर्म का भी दिन है, जो यज्ञोपवीत का भी प्रतीकात्मक है. भारतवर्ष के कुछ इलाको में इस पर्व को जनेऊ पूर्णिमा भी कहते हैं. आज के दिन मुख्य रूप से यज्ञोपवीत का दिन है. आज के दिन बच्चों को नूतन यज्ञोपवीत धारण करवाया जाता है. उनका उपनयन संस्कार किया जाता है. इस कार्य के लिये आज का दिन सर्वोत्तम माना जाता है. आज भी ऐसी परम्परा है कि जिस गुरु ने अपने शिष्य को यज्ञोपवीत धारण कराया, वह गुरु सदैव उसकी रक्षा करेगा.

आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि सक्षम व्यक्ति ही निर्बल की सहायता करता है और गुरु सदैव अपने शिष्यों की रक्षा के लिए सक्षम होता है. इसलिये भाई को बहनों की रक्षा के लिए अधिक सक्षम माना जाता है. आज हिंदू संस्कृति की रक्षा करने के लिये सभी हिंदू भाइयों को सिर पर शिखा और तन पर जनेऊ धारण करने की आवश्यकता है.
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Last Updated : Aug 11, 2022, 8:15 PM IST
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