हरिद्वार : आज महाशिवरात्रि का पर्व है. शिवरात्रि के पर्व पर धर्मनगरी हरिद्वार के शिवालयों में भगवान भोले नाथ का जलाभिषेक करने के लिए सुबह से ही लोगों का तांता लगा हुआ है. हालांकि, कोविड-19 संक्रमण के देखते हुए प्रदेश के चार मंदिरों में दक्षेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, गौरी शंकर और नीलेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करने की अनुमति नहीं दी गयी है. लेकिन हरिद्वार के बिल्केश्वर महादेव मंदिर में प्रशासन ने श्रद्धालुओं को भगवान का जलाभिषेक करने की अनुमति दी है. ऐसे में श्रद्धालु कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए भगवान का जलाभिषेक करते दिखाई दिए. वहीं, आज सोमवती अमावस्या का स्नान भी है लेकिन प्रशासन ने किसी भी स्थानीय व बाहरी यात्रियों को गंगा में स्नान करने की अनुमति नहीं दी है.
महाशिवरात्रि का पर्व पर मंदिर आए श्रद्धालुओं को बिल्केश्वर मंदिर में जल चढ़ाने की अनुमति मिली. इस दौरान श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला. श्रद्धालुओं ने भी कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए बिल्केश्वर मंदिर पर भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाया. इस दौरान भक्तों ने भगवान से कोरोना महामारी को खत्म करने की कामना की.
वहीं, दूसरी तरफ भगवान भोलेनाथ की ससुराल कनखल के दक्षेश्वर महादेव के मंदिर मे जलाभिषेक करने के लिए भक्त पहुंचे थे. लेकिन दक्षेश्वर महादेव मंदिर पर जल चढ़ाने की प्रशासन व मंदिर प्रंबधन द्वारा अनुमति प्रदान नहीं दी है. वहीं, सोमवती अमावस्या के पर्व पर धर्मनगरी में कोविड-19 को देखते हुए हरकी पैड़ी पर भी सन्नाटा पसरा रहा. प्रशासन ने कोविड-19 को देखते हुए किसी भी यात्री को गंगा में स्नान करने की अनुमति नहीं दी है.
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मंदिर परिसर के सेवा करने वाले पंडितों का कहना है कि भगवान भोलेनाथ हमेशा से ही पृथ्वी की रक्षा करते आए हैं. इस कोरोना महामारी से भी भगवान भोलेनाथ ही बचा सकते हैं. वैसे तो शिवालयों में जाने की अनुमति नहीं है. लेकिन आप घर में रहकर भी भगवान भोलेनाथ का ध्यान कर सकते हैं.