रुड़की: कुछ दिन पहले रुड़की आईआईटी प्रबंधन द्वारा एक कर्मी के खिलाफ करीब एक करोड़ रुपये अपने निजी खाते में ट्रांसफर करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था. जिसके बाद उक्त कर्मी को कार्यमुक्त करते हुए पैसे रिकवर करने की बात सामने आई थी. अब मामले इस में नया मोड़ सामने आया है. न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने IIT रुड़की में फंडिग मामले में मुकदमा दर्जकर निष्पक्ष जांच के आदेश दिये हैं.
दरअसल, आईआईटी रुड़की के सिविल डिपार्टमेंट में पूर्व सुप्रीटेंडेंट के रूप में कार्य कर चुके मेनपाल शर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर न्यायालय में गुहार लगाई थी. जिसमें उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी. जिसपर अब न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा रुड़की पुलिस को मुकदमा दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए गए हैं. हालांकि, अभी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है.
बता दें कुछ दिन पहले आईआईटी रुड़की प्रबंधन ने एक कर्मी पर करीब एक करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया था. साथ ही मामले में आईआईटी प्रबंधन ने एक टीम का भी गठन किया गया था. जिसने पूरे मामले की जांच की थी. इसी मामले को लेकर आईआईटी के सिविल डिपार्टमेंट में पूर्व सुप्रीटेंडेंट रहे मेनपाल शर्मा ने पूरे घटनाक्रम को लेकर न्यायालय में गुहार लगाई. उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मांग की थी. मामले की गम्भीरता को देखते हुए न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा रुड़की पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश किए गए हैं.
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शिकायतकर्ता मेनपाल शर्मा ने बताया कि आईआईटी रुड़की में विदेशों से आने वाली फंडिंग को गलत तरीके से आईआईटी अधिकारियों ने ठिकाने लगाया है. जबकि, आरोप सिर्फ एक कर्मी के सर मढ़ा गया है. उन्होंने कहा इस मामले में कई अधिकारियों की संलिप्तता है. इसे लेकर उन्होंने न्यायालय में गुहार लगाई थी. जिस पर न्यायालय ने रुड़की पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिये हैं.