हरिद्वार : लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा के नेतृत्व में बेलवाला घाट मेला प्रशासन द्वारा हटाए जा रही दुकानों को गंगा घाटों पर ही वेंडिंग जोन के रूप में व्यवस्थित किए जाने की मांग को लेकर व्यापारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. लघु व्यापारियों की मेला प्रशासन से मांग है कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर योजना, राष्ट्रीय आजीविका मिशन, उत्तराखंड नगरीय फेरी नीति नियमावली के दृष्टिगत घाटों पर कारोबारी लघु व्यापारियों को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्यों की पूर्ति के साथ कुंभ मेले से पूर्व योजनाबद्ध तरीके से वेंडिंग जोन के रूप में स्थापित करें.
लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि घाटों पर फूल-प्रसाद बेच रहे लघु व्यापारियों की जन समस्याओं के बारे में साल 2019 में ही मेला प्रशासन को अवगत कराया जा चुका है. मेला प्रशासन को रेडी पटरी कारोबारी लघु व्यापारियों संगठनों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित कर प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स योजना को क्रियान्वित करने के लिए घाटों पर ही एक सुंदर व्यवस्था के साथ वेंडिंग जोन के रूप में स्थापित किया जाना न्यायपूर्ण होगा.उन्होंने कहा कि नगर निगम प्रशासन द्वारा नगर निगम हरिद्वार के 18 वेंडिंग जोनों में स्थायी रूप से स्थापित किये जाने की प्रक्रिया चलाई जा रही है. वहीं, कोविड- 19 महामारी के चलते सबसे ज़्यादा प्रभवित हुए घाटों पर फूल-प्रसाद बेचने वाले लघु व्यपारियों को उनके कारोबार से वंचित किया जाना राज्य फेरी नीति नियमावली का घोर उल्लंघन है. चोपड़ा ने मेला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही लघु व्यापारियों की समस्याओं के निदान के लिए मेला प्रशासन द्वारा कदम नहीं उठाया जाता है तो चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा.
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लघु व्यापार एसोसिएशन के शहर संयोजक प्रभात चौधरी, मोनू तोमर ने संयुक्त रूप से कहा रोडी बेलवाला, पंतदीप पार्किंग, दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग व घाटों पर अरसे से फूल-प्रसाद बेचकर अपनी जीविका चलाने वाले फुटपाथ के रेहड़ी पटरी के लघु व्यापारियों का जीवन व्यापन होता चला आ रहा है. एक और प्रधानमंत्री द्वारा रेहड़ी पटरी के कारोबारी लघु व्यापारियों को 10,000 की कर्ज़ के रूप में सहायता राशि प्रदान करने के लिए युद्धस्तर पर नगर निगम प्रशासन द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. ठीक उसके विपरीत कुंभ मेला प्रशासन व सिंचाई विभाग द्वारा लघु व्यापारियों को उनके कारोबार से वंचित किया जा रहा है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है.